दिसम्बर 12, 2025 2:47 अपराह्न

वोटर रोल के पूरे डिजिटाइजेशन में राजस्थान भारत में सबसे आगे

करंट अफेयर्स: राजस्थान, स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, डिजिटाइज्ड वोटर रोल, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया, वोटर मैपिंग, ड्राफ्ट रोल, इलेक्टोरल ट्रांसपेरेंसी, डिजिटल गवर्नेंस, पोलिंग बूथ, वेरिफिकेशन प्रोसेस

Rajasthan Leads India in Full Digitisation of Voter Rolls

इलेक्टोरल मॉडर्नाइजेशन में राजस्थान का माइलस्टोन

राजस्थान स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रोग्राम के तहत इलेक्टोरल रोल का 100% डिजिटाइजेशन पूरा करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। यह ट्रांसपेरेंट और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इलेक्टोरल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर एक बड़ा बदलाव दिखाता है। इस अचीवमेंट की घोषणा CEO नवीन महाजन ने 6 दिसंबर 2025 को की, जिससे इलेक्टोरल इनोवेशन में राजस्थान की लीड और मजबूत हुई।

स्टैटिक GK फैक्ट: इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की स्थापना 1950 में फ्री और फेयर इलेक्शन कराने के लिए एक कॉन्स्टिट्यूशनल अथॉरिटी के तौर पर की गई थी।

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को समझना

SIR प्रोग्राम इलेक्टोरल रोल की एक्यूरेसी बढ़ाने के लिए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा किया जाने वाला एक समय-समय पर देश भर में किया जाने वाला काम है। इसमें वोटर आइडेंटिटी वेरिफिकेशन, एड्रेस वैलिडेशन, डुप्लीकेट को हटाना और नए एलिजिबल वोटर्स को जोड़ना शामिल है। राजस्थान का डिजिटल कम्प्लीशन यह पक्का करता है कि वोटर डेटा ऑटोमेटेड चेक के साथ इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर हो, जिससे गलतियां और मैनुअल दखल कम हो।

स्टेटिक GK टिप: भारत के पहले आम चुनाव 1951-52 में हुए थे, जिसमें 173 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स थे।

राजस्थान का परफॉर्मेंस और मुख्य स्टैटिस्टिक्स

राजस्थान ने 100% डिजिटल वोटर रोल कम्प्लीशन और 97% वोटर मैपिंग हासिल की, जो देश में सबसे ज़्यादा है। केवल एक छोटे से हिस्से—लगभग 3% वोटर्स—को क्लेम और ऑब्जेक्शन फेज के दौरान डॉक्यूमेंट्स जमा करने की ज़रूरत होगी। राज्य में हर बूथ पर एवरेज 30 वोटर्स को वेरिफिकेशन की ज़रूरत है, जो नेशनल ट्रेंड्स से काफी कम है। यह भारत में इलेक्टोरल रोल मैनेजमेंट के लिए एक बेंचमार्क सेट करता है।

वोटर्स के लिए डिजिटाइजेशन क्यों ज़रूरी है

डिजिटाइज्ड वोटर रोल सिस्टम को ज़्यादा ट्रांसपेरेंट, एक्यूरेट और एक्सेसिबल बनाते हैं। ऑटोमेटेड चेक पेपरवर्क को कम करते हैं और समय पर अपडेट पक्का करते हैं। वोटर्स अपनी जानकारी ऑनलाइन वेरिफाई कर सकते हैं, जिससे आसानी बढ़ती है और इलेक्टोरल फ्रॉड का रिस्क भी कम होता है। बेहतर डिजिटल मैपिंग वोटर्स को उनके पोलिंग स्टेशन के साथ सही तरीके से जोड़ने में मदद करती है।

फील्ड स्टाफ का योगदान

राजस्थान में SIR को सफलतापूर्वक लागू करने में बूथ लेवल ऑफिसर्स, पंचायत स्टाफ, असिस्टेंट ऑफिसर्स और सुपरवाइजर्स का बहुत ज़्यादा योगदान था। उनके तालमेल से घर-घर जाकर सही वेरिफिकेशन और बिना रुकावट मैपिंग हो पाई। CEO महाजन ने इस कामयाबी का क्रेडिट फील्ड-लेवल के लोगों की लगन और टीमवर्क को दिया।

आने वाली चुनावी डेडलाइन

राजस्थान 16 दिसंबर, 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल पब्लिश करेगा, जिसके बाद लोग 15 जनवरी, 2026 तक क्लेम और ऑब्जेक्शन जमा कर सकते हैं। वेरिफिकेशन हियरिंग 7 फरवरी, 2026 तक जारी रहेगी और फाइनल इलेक्टोरल रोल 14 फरवरी, 2026 को जारी किया जाएगा।

स्टेटिक GK फैक्ट: राजस्थान एरिया के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जो 342,000 sq km से ज़्यादा में फैला है, जो चुनावी मैनेजमेंट के स्केल पर असर डालता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

Topic Detail
राज्य उपलब्धि राजस्थान मतदाता सूची को पूर्णतः डिजिटाइज़ करने वाला पहला राज्य बन गया
कार्यक्रम विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)
डिजिटलीकरण स्थिति 100% पूरा
मतदाता मैपिंग 97% पूर्ण
दस्तावेज़ आवश्यकता 3% मतदाताओं को दस्तावेज़ जमा करने की अपेक्षा
औसत बूथ सत्यापन प्रति बूथ 30 मतदाताओं का सत्यापन
प्रारंभिक मतदाता सूची तिथि 16 दिसंबर 2025
दावे एवं आपत्तियाँ 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक
सुनवाई अवधि 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक
अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन 14 फरवरी 2026
Rajasthan Leads India in Full Digitisation of Voter Rolls
  1. राजस्थान वोटर रोल का 100% डिजिटाइजेशन करने वाला पहला राज्य बन गया।
  2. यह कामयाबी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रोग्राम के तहत पूरी हुई।
  3. राज्य में 97% वोटर मैपिंग हुई, जो भारत में सबसे ज़्यादा है।
  4. वेरिफिकेशन के दौरान सिर्फ़ 3% वोटरों को ही डॉक्यूमेंट जमा करने होते हैं।
  5. राजस्थान में हर बूथ पर औसतन 30 वोटरों को दोबारा चेकिंग की ज़रूरत पड़ी।
  6. डिजिटाइजेशन से वोटर डेटा में ट्रांसपेरेंसी और एक्यूरेसी बेहतर होती है।
  7. इलेक्ट्रॉनिक रोल ऑटोमेटेड वेरिफिकेशन चेक के ज़रिए गलतियों को कम करते हैं।
  8. वोटर अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके डिटेल्स वेरिफाई कर सकते हैं।
  9. पूरी तरह से डिजिटल रोल चुनावी धोखाधड़ी के खतरे को कम करते हैं।
  10. सही मैपिंग से पोलिंग बूथ का सही बंटवारा पक्का होता है।
  11. BLO जैसे फील्ड स्टाफ ने आसान और बिना गलती के वेरिफिकेशन को मुमकिन बनाया।
  12. ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल 16 दिसंबर 2025 को पब्लिश किया जाएगा।
  13. नागरिक 15 जनवरी 2026 तक क्लेम और ऑब्जेक्शन फाइल कर सकते हैं।
  14. वेरिफिकेशन के लिए हियरिंग 7 फरवरी 2026 तक जारी रहेगी।
  15. फ़ाइनल इलेक्टोरल रोल 14 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा।
  16. डिजिटाइज़ेशन से इलेक्शन एडमिनिस्ट्रेशन में मैनुअल वर्कलोड कम होता है।
  17. राजस्थान ने इलेक्शन के लिए डिजिटल गवर्नेंस में एक नेशनल बेंचमार्क सेट किया है।
  18. यह रिफॉर्म वोटर की सुविधा और ओवरऑल एक्यूरेसी को बढ़ाता है।
  19. SIR साफ़ और अपडेटेड वोटर रोल की दिशा में भारत की कोशिशों को मज़बूत करता है।
  20. यह इनिशिएटिव टेक्नोलॉजीड्रिवन इलेक्शन मॉडर्नाइज़ेशन में राजस्थान की लीडरशिप को दिखाता है।

Q1. राजस्थान ने हाल ही में कौन-सी प्रमुख निर्वाचन उपलब्धि हासिल की?


Q2. मतदाता मानचित्रण (मैपिंग) में राजस्थान ने कितना प्रतिशत पूरा कर लिया है?


Q3. राजस्थान में औसतन प्रति बूथ कितने मतदाताओं के सत्यापन की आवश्यकता होती है?


Q4. राजस्थान में प्रारूप मतदाता सूची किस तिथि को प्रकाशित होगी?


Q5. नागरिक प्रारूप मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियाँ किस तिथि तक दाखिल कर सकते हैं?


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