नवम्बर 7, 2025 8:39 अपराह्न

2025 में तमिलनाडु में वर्षा

चालू घटनाएँ: उत्तर–पूर्व मानसून, तमिलनाडु वर्षा, अक्टूबर 2025 अधिशेष, चेन्नई नुंगमबक्कम, एनई-मानसून कोटा, राज्य जलविज्ञान, जलाशय पुनर्भरण, जलवायु परिवर्तनशीलता

Rainfall Across Tamil Nadu 2025

उत्तर–पूर्व मानसून की सशक्त शुरुआत

अक्टूबर 2025 में तमिलनाडु ने 23.3 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की — जो लंबे समय के औसत 17.1 सेंटीमीटर से लगभग 36% अधिक थी।
यह आँकड़ा उत्तर–पूर्व मानसून (NE-monsoon) की मजबूत शुरुआत को दर्शाता है।
राजधानी क्षेत्र ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया — चेन्नई के नुंगमबक्कम मौसम केंद्र ने 32.4 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की, जो इस दशक का दूसरा सबसे अधिक अक्टूबर कुल है।

वर्ष-दर-वर्ष तुलना

अक्टूबर 2024 में तमिलनाडु में 21.4 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज हुई थी — जो उस समय भी औसत से 25% अधिक थी।
2025 में और वृद्धि यह दर्शाती है कि उत्तर–पूर्व मानसून के प्रारंभिक चरण में राज्य में लगातार सामान्य से अधिक वर्षा का रुझान बना हुआ है।

दैनिक वर्षा पैटर्न और मानसूनी व्यवहार

अक्टूबर के अधिकांश दिनों में उत्तर–पूर्व मानसून सक्रिय रहा।
यह निरंतरता दर्शाती है कि उस अवधि में नमी प्रवाह (moisture inflow) और संवहनीय प्रणाली (convective systems) अनुकूल बनी रही।
राज्य को अपने कुल एनई-मानसून कोटे का लगभग आधा हिस्सा केवल अक्टूबर में ही प्राप्त हो गया, जिससे मानसून सीज़न की शुरुआत बेहद मजबूत रही।

जल संसाधन और कृषि पर प्रभाव

स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): तमिलनाडु अपनी वार्षिक वर्षा का लगभग 48% हिस्सा उत्तर–पूर्व मानसून अवधि में प्राप्त करता है।
अक्टूबर में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण राज्यभर के जलाशय और जलग्रहण क्षेत्र (catchments) पहले ही पुनर्भरण (recharge) के संकेत दे रहे हैं।
यह स्थिति धान (paddy) और दलहन (pulses) जैसी फसलों के लिए अनुकूल है और सूखा जोखिम को कम करती है।
हालाँकि, अत्यधिक वर्षा की तीव्रता (high rainfall intensity) से निम्न-स्तरीय क्षेत्रों में बाढ़ का जोखिम भी बढ़ सकता है।

जोखिम और सावधानियाँ

हालाँकि अक्टूबर के आँकड़े उत्साहजनक हैं, लेकिन केवल प्रारंभिक वर्षा पर निर्भरता पूर्ण मानसून सफलता की गारंटी नहीं है।
नवंबर–दिसंबर का उत्तरार्ध चरण अभी भी निर्णायक रहेगा।
साथ ही, लगातार दैनिक वर्षा से शहरी जल निकासी प्रणाली पर दबाव बढ़ सकता है, विशेष रूप से चेन्नई जैसे महानगरों में शहरी बाढ़ (urban flooding) की संभावना रहती है।

आगामी दृष्टिकोण और निष्कर्ष

राज्य का प्रारंभिक एनई-मानसून प्रदर्शन सकारात्मक रहा है।
यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो यह जल तनाव को कम कर सकती है और कृषि गतिविधियों को सुदृढ़ कर सकती है।
मुख्य ध्यान वर्षा के स्थानिक (spatial) और कालिक (temporal) वितरण पर रहेगा — अर्थात् वर्षा समान रूप से फैली है या कुछ सीमित दिनों में केंद्रित, इससे इसकी वास्तविक उपयोगिता तय होगी।

स्थैतिक “Usthadian” चालू घटनाएँ तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
अक्टूबर 2025 वर्षा तमिलनाडु में 23.3 से.मी. (सामान्य से 36% अधिक)
अक्टूबर के लिए सामान्य औसत 17.1 से.मी.
चेन्नई (नुंगमबक्कम) 32.4 से.मी. — दशक का दूसरा सबसे अधिक अक्टूबर कुल
अक्टूबर 2024 वर्षा 21.4 से.मी. (औसत से 25% अधिक)
मानसून चरण अक्टूबर में लगभग प्रतिदिन सक्रिय एनई-मानसून
एनई-मानसून कोटा अक्टूबर में ही लगभग आधा प्राप्त
वार्षिक वर्षा अनुपात तमिलनाडु: ~48% वर्षा एनई-मानसून अवधि में
प्रमुख जोखिम सक्रिय वर्षा के कारण बाढ़ और जल निकासी दबाव
Rainfall Across Tamil Nadu 2025
  1. तमिलनाडु में अक्टूबर 2025 में 3 सेमी वर्षा दर्ज की गई (सामान्य से 36% अधिक)।
  2. दीर्घकालिक अक्टूबर औसत 1 सेमी है।
  3. चेन्नई नुंगमबक्कम में 4 सेमी वर्षा दर्ज की गई – जो दशक का दूसरा सबसे अधिक अक्टूबर है।
  4. अक्टूबर 2024 में वर्षा पहले ही सामान्य से 25% अधिक हो चुकी थी, यह रुझान जारी है।
  5. अक्टूबर में पूर्वोत्तर मानसून लगभग प्रतिदिन सक्रिय रहा।
  6. राज्य को अपने पूर्वोत्तर मानसून कोटे का आधा हिस्सा अक्टूबर में ही प्राप्त हुआ।
  7. तमिलनाडु में वार्षिक वर्षा का 48% पूर्वोत्तर मानसून से प्राप्त होता है।
  8. भारी बारिश ने जलाशयों के भंडारण और भूजल स्तर को बढ़ाया।
  9. धान, दलहन और रबी की फसलों के लिए अनुकूल रहा।
  10. लेकिन शहरी बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, खासकर चेन्नई के निचले इलाकों में।
  11. सक्रिय वर्षा के कारण जल निकासी पर दबाव और जलभराव हुआ।
  12. मौसम का पैटर्न नमी के अंतर्वाह और संवहन प्रणालियों से जुड़ा है।
  13. जल विज्ञान और सूखे की रोकथाम के लिए सकारात्मक संकेतक है।
  14. नवंबरदिसंबर के चरम मानसून महीनों के लिए निगरानी अभी भी महत्वपूर्ण है।
  15. अच्छी शुरुआत पूरे मौसम की सफलता की गारंटी नहीं देती।
  16. वर्षा की असमानता कृषि योजना को प्रभावित कर सकती है।
  17. नुंगमबक्कम (चेन्नई) के आंकड़ों के लिए IMD का मुख्य केंद्र है।
  18. लगातार सामान्य से अधिक बारिश शहरी बुनियादी ढांचे की कमियों को और बढ़ा सकती है।
  19. बारबार होने वाली अत्यधिक वर्षा की घटनाओं में जलवायु परिवर्तनशीलता देखी जाती है।
  20. समय से पहले पुनर्भरण से गर्मियों में जल संकट की संभावना कम हो जाती है।

Q1. अक्टूबर 2025 में तमिलनाडु में कितनी वर्षा दर्ज की गई?


Q2. किस शहर के नुंगमबक्कम स्टेशन पर अक्टूबर में 32.4 सेमी वर्षा दर्ज की गई?


Q3. तमिलनाडु को वार्षिक वर्षा का कितने प्रतिशत उत्तरपूर्व मानसून से प्राप्त होता है?


Q4. अक्टूबर 2025 में राज्य की वर्षा सामान्य से कितने प्रतिशत अधिक थी?


Q5. तमिलनाडु में प्रारंभिक उत्तरपूर्व मानसून वर्षा से कौन-सी कृषि फसल को सबसे अधिक लाभ होता है?


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