भारत का नया क्वांटम एम्बिशन
नीति आयोग द्वारा IBM के साथ मिलकर एक नेशनल रोडमैप लॉन्च करने से भारत के क्वांटम विज़न में तेज़ी आई है। यह प्लान 2047 तक भारत को टॉप-3 ग्लोबल क्वांटम इकॉनमी में शामिल करने का एक लॉन्ग-टर्म लक्ष्य तय करता है। यह नेशनल टेक्नोलॉजिकल उम्मीदों के साथ मेल खाता है और उभरती हुई फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में भारत की स्थिति को मज़बूत करता है।
स्टेटिक GK फैक्ट: नीति आयोग की स्थापना 2015 में प्लानिंग कमीशन के सक्सेसर के तौर पर हुई थी।
नेशनल क्वांटम मिशन पर बनी नींव
यह रोडमैप अप्रैल 2023 में मंज़ूर किए गए नेशनल क्वांटम मिशन (NQM) पर बना है, जिसका मंज़ूर बजट ₹6,003.65 करोड़ है। NQM का मकसद रिसर्च हब और एकेडमिक-इंडस्ट्री पार्टनरशिप के ज़रिए क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और क्वांटम डिवाइस को आगे बढ़ाना है।
स्टेटिक GK टिप: डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST) भारत में बड़े साइंटिफिक मिशन के लिए नोडल बॉडी है।
R&D और इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना
क्वांटम हार्डवेयर जैसे कि क्यूबिट प्रोसेसर, क्वांटम मटीरियल और एडवांस्ड सेंसिंग सिस्टम में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन और मेट्रोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना भी प्लान का हिस्सा है। इन इन्वेस्टमेंट का मकसद इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करना और घरेलू इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
टैलेंट डेवलपमेंट और स्टार्ट-अप ग्रोथ
रोडमैप क्वांटम रिसर्च और इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए एक मज़बूत टैलेंट पूल की ज़रूरत पर ज़ोर देता है। यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूशन से उम्मीद है कि वे रिसर्चर, इंजीनियर और टेक प्रोफेशनल को डेवलप करने के लिए खास प्रोग्राम शुरू करेंगे। एक वाइब्रेंट स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भी ज़रूरी है, जिसमें भारत से कम से कम दस ग्लोबली कॉम्पिटिटिव क्वांटम-टेक फर्म के उभरने की उम्मीद है। सेक्टर-वाइड क्वांटम एप्लीकेशन
डिफेंस, साइबर सिक्योरिटी, एनर्जी, लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर और फाइनेंस में क्वांटम डिप्लॉयमेंट रोडमैप का मुख्य विज़न है। ये एप्लीकेशन दवा की खोज, सप्लाई-चेन ऑप्टिमाइज़ेशन, क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट और सुरक्षित कम्युनिकेशन में बड़ी सफलता दिला सकते हैं।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत का डिफेंस R&D डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) लीड करता है, जो क्वांटम-सेफ कम्युनिकेशन सिस्टम की खोज कर रहा है।
पब्लिक-प्राइवेट और एकेडमिक सहयोग
रोडमैप पॉलिसीमेकर्स, साइंटिफिक इंस्टीट्यूशन्स, इंडस्ट्री इनोवेटर्स और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए एक सहयोगी मॉडल को बढ़ावा देता है। ऐसी पार्टनरशिप का मकसद क्वांटम अपनाने में तेज़ी लाना, रिसोर्स ऑप्टिमाइज़ेशन पक्का करना और एक नेशनल क्वांटम इकोसिस्टम बनाने में साझा ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देना है।
रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और इकोसिस्टम सपोर्ट
सुरक्षित डिप्लॉयमेंट के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए स्टैंडर्ड और रेगुलेटरी मैकेनिज्म डेवलप करना ज़रूरी है। क्वांटम-सेफ क्रिप्टोग्राफी पक्का करना, इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट के लिए इंसेंटिव देना और कमर्शियलाइज़ेशन के लिए रास्ते बनाना भारत की लंबे समय की क्वांटम लीडरशिप के लिए मुख्य बातें हैं। स्ट्रेटेजिक और इकोनॉमिक असर
यह रोडमैप हाई-वैल्यू इंडस्ट्रीज़ को बढ़ाकर, डिफेंस की तैयारी बढ़ाकर और नए इनोवेशन क्लस्टर बनाकर भारत की ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्थिति को बदल सकता है। ग्लोबल क्वांटम मार्केट में जल्दी एंट्री करने से इकोनॉमिक ग्रोथ तेज़ हो सकती है और भारत क्वांटम टेक्नोलॉजी और सर्विसेज़ का एक बड़ा एक्सपोर्टर बन सकता है।
स्टेटिक GK टिप: भारत 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाता है, जो देश की टेक्नोलॉजिकल उपलब्धियों को दिखाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| राष्ट्रीय क्वांटम मिशन बजट | ₹6,003.65 करोड़ (2023–24 से 2030–31) |
| कार्यान्वयन संस्थाएँ | नीति आयोग, IBM, DST, शैक्षणिक संस्थान |
| मुख्य विज़न वर्ष | 2047 |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | क्वांटम हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सेंसिंग, कम्युनिकेशन |
| क्षेत्रीय लाभार्थी | रक्षा, स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा, वित्त |
| स्टार्टअप लक्ष्य | कम से कम दस वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्वांटम कंपनियाँ |
| सक्षम कारक | सार्वजनिक–निजी सहयोग, विनियमन, कौशल विकास |
| सामरिक परिणाम | भारत का लक्ष्य शीर्ष-3 वैश्विक क्वांटम अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना |
| तकनीकी क्षेत्र | क्वांटम कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन, सेंसिंग |
| दीर्घकालिक राष्ट्रीय लाभ | नवाचार वृद्धि और विदेशी निर्भरता में कमी |





