अवलोकन
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 भारत में हाशिए पर रहे समुदायों की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक प्रमुख कानून है। 2020 से जून 2025 के बीच तमिलनाडु के 9 जिलों में इस अधिनियम के तहत कुल 3,041 मामले दर्ज किए गए। ये आँकड़े जाति-आधारित हिंसा की निरंतरता और न्याय सुनिश्चित करने में कानून प्रवर्तन की चुनौतियों को दर्शाते हैं।
मदुरै में सर्वाधिक मामले
जिलों में मदुरै ने सबसे अधिक 514 मामले दर्ज किए। यह अकेला जिला एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है, जो क्षेत्र में जातीय तनाव की पुनरावृत्ति को दिखाता है।
विशेष रूप से, ऊमाचिकुलम रेंज (मदुरै) में मार्च 2024 तक 76 मामले दर्ज हुए, जो स्थानीय स्तर पर जातीय अपराधों के हॉटस्पॉट को दर्शाते हैं।
पुलिस द्वारा मामलों का समापन
कुल 3,041 मामलों में से लगभग 509 मामले (16%) पुलिस ने “तथ्य की भूल” बताते हुए बंद कर दिए। यह जाँच मानकों और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
इस सूची में पुदुकोट्टई सबसे ऊपर है जहाँ 124 मामले बंद किए गए, इसके बाद थेनी में 97 मामले बंद किए गए। ये रुझान दिखाते हैं कि संवेदनशील अत्याचार मामलों को न्याय प्रणाली में कैसे संभाला जा रहा है।
आँकड़ों का महत्व
ये संख्याएँ इस बात को रेखांकित करती हैं कि अत्याचार निवारण अधिनियम का सख्त प्रवर्तन कितना आवश्यक है। यदि कानूनी प्रक्रिया में निरंतरता न हो, तो कानून का निवारक प्रभाव कमजोर पड़ जाता है।
Static GK तथ्य: SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में पारित हुआ और 30 जनवरी 1990 को लागू हुआ।
तमिलनाडु की पृष्ठभूमि
जाति-आधारित मुद्दों ने ऐतिहासिक रूप से तमिलनाडु की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित किया है। नौ जिलों के आँकड़े दर्शाते हैं कि सुधारों के दशकों बाद भी ऐसे अपराध जारी हैं।
Static GK तथ्य: तमिलनाडु 1921 में शिक्षा और रोजगार में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने वाला भारत का पहला राज्य था (जस्टिस पार्टी सरकार के तहत)।
आगे की राह
विशेषज्ञों का सुझाव है कि:
- पुलिस को प्रशिक्षण मजबूत किया जाए
- फास्ट–ट्रैक अदालतें सुनिश्चित हों
- ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जाएँ
- समुदाय स्तर पर निगरानी प्रणाली लागू हो
इस अधिनियम के तहत न्याय सुनिश्चित करना संविधान द्वारा सभी नागरिकों को दिए गए समानता और गरिमा के वादे को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| कुल मामले (2020–2025, 9 जिले) | 3,041 |
| सर्वाधिक मामले वाला जिला | मदुरै (514) |
| ऊमाचिकुलम (मदुरै) मामले, मार्च 2024 तक | 76 |
| “तथ्य की भूल” से बंद मामले | 509 (16%) |
| सर्वाधिक समापन वाला जिला | पुदुकोट्टई (124) |
| दूसरा सर्वाधिक समापन | थेनी (97) |
| अधिनियम पारित वर्ष | 1989 |
| अधिनियम लागू | 30 जनवरी 1990 |
| उद्देश्य | SC/ST समुदायों को अत्याचार से सुरक्षा |
| तमिलनाडु सुधार तथ्य | 1921 में पहला आरक्षण लागू करने वाला राज्य |





