अक्टूबर 15, 2025 10:03 अपराह्न

राष्ट्रपति ने केरल और इलाहाबाद उच्च न्यायालयों में स्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की

चालू घटनाएँ: भारत के राष्ट्रपति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, केरल उच्च न्यायालय, अनुच्छेद 217, न्यायिक नियुक्तियाँ, कोलेजियम प्रणाली, अरुण कुमार, न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश, न्यायमूर्ति सी. एन. प्रथीप कुमार

President Appoints Permanent Judges in Kerala and Allahabad High Courts

न्यायिक नियुक्तियों पर फोकस

भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। इन नियुक्तियों में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किया गया है, जिससे न्यायिक प्रणाली को और सशक्त बनाया जा सके।

प्रमुख नियुक्तियाँ

  • अरुण कुमार, एक वरिष्ठ अधिवक्ता, को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
  • केरल उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश, और न्यायमूर्ति सी. एन. प्रथीप कुमार को अतिरिक्त न्यायाधीशों से स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किया गया है। यह कदम न्यायिक प्रणाली में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करता है।

संवैधानिक प्रावधान

उच्च न्यायालयों में नियुक्तियाँ भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 द्वारा शासित होती हैं। राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), संबंधित राज्य के राज्यपाल और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श कर नियुक्तियाँ करते हैं।
Static GK तथ्य: भारत का पहला उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय 1862 में स्थापित हुआ था, इसके बाद बॉम्बे और मद्रास उच्च न्यायालय बने।

न्यायिक सशक्तिकरण का महत्व

न्यायाधीशों की पदोन्नति लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय, जो देश का सबसे बड़ा है, और केरल उच्च न्यायालय, जो अपनी कार्यक्षमता के लिए जाना जाता है—दोनों को न्यायिक क्षमता बढ़ने से लाभ होगा।
Static GK तथ्य: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना 1866 में हुई थी और इसका अधिकारक्षेत्र उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, है।

कोलेजियम और नियुक्ति प्रक्रिया

नियुक्तियों की सिफारिशें कोलेजियम प्रणाली से आती हैं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल होते हैं। सिफारिश स्वीकृत होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति अधिसूचित की जाती है।
Static GK तथ्य: कोलेजियम प्रणाली का विकास सेकंड जजेज केस (1993) और थर्ड जजेज केस (1998) से हुआ।

व्यापक महत्व

ये नियुक्तियाँ समय पर न्यायिक रिक्तियों को भरने और योग्यताआधारित चयन सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इससे न्यायिक निरंतरता बनी रहती है, न्याय तक पहुँच में सुधार होता है और लंबित मामलों के निपटान की गति बढ़ती है।
Static GK टिप: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में 34 न्यायाधीशों (CJI सहित) की स्वीकृत शक्ति है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
नियुक्ति प्राधिकारी भारत के राष्ट्रपति
प्रमुख संवैधानिक अनुच्छेद अनुच्छेद 217
परामर्श आवश्यक CJI, राज्यपाल, संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
नई नियुक्ति अरुण कुमार – न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय पदोन्नति न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश, न्यायमूर्ति सी. एन. प्रथीप कुमार
नियुक्तियों का उद्देश्य लंबित मामलों में कमी और न्यायपालिका को सशक्त करना
भारत का पहला उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय, 1862
इलाहाबाद उच्च न्यायालय 1866 में स्थापित, उत्तर प्रदेश को कवर करता है
कोलेजियम प्रणाली की उत्पत्ति सेकंड जजेज केस (1993), थर्ड जजेज केस (1998)
सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान शक्ति 34 न्यायाधीश (CJI सहित)
President Appoints Permanent Judges in Kerala and Allahabad High Courts
  1. भारत के राष्ट्रपति ने 2025 में उच्च न्यायालयों में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की।
  2. अरुण कुमार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
  3. केरल उच्च न्यायालय में तीन न्यायाधीशों को स्थायी किया गया।
  4. इनमें न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, जी यू गिरीश और सी एन प्रतीप कुमार शामिल हैं।
  5. ये नियुक्तियाँ न्यायपालिका को मज़बूत बनाती हैं और लंबित मामलों को कम करती हैं।
  6. संविधान का अनुच्छेद 217 भारत में न्यायिक नियुक्तियों को नियंत्रित करता है।
  7. मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश से परामर्श आवश्यक है।
  8. कॉलेजियम प्रणाली न्यायिक नियुक्तियों के लिए नामों की सिफारिश करती है।
  9. कॉलेजियम द्वितीय न्यायाधीश मामले (1993) और तृतीय न्यायाधीश मामले (1998) से विकसित हुआ।
  10. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना 1866 में उत्तर प्रदेश के लिए की गई थी।
  11. केरल उच्च न्यायालय दक्षता और त्वरित न्याय के लिए जाना जाता है।
  12. पहला भारतीय उच्च न्यायालय 1862 में कलकत्ता में स्थापित हुआ था।
  13. सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है।
  14. नियुक्तियों का उद्देश्य न्यायपालिका में निरंतरता और स्थिरता में सुधार लाना है।
  15. ये कदम देश भर में न्यायिक रिक्तियों को समय पर भरना सुनिश्चित करते हैं।
  16. न्यायिक सुदृढ़ीकरण नागरिकों के लिए न्याय तक पहुँच को बढ़ावा देता है।
  17. योग्यता-आधारित चयन नियुक्ति प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है।
  18. इलाहाबाद उच्च न्यायालय भारत के सबसे बड़े न्यायालयों में से एक है।
  19. इन परिवर्तनों से मामलों के निपटान की दर में उल्लेखनीय सुधार होगा।
  20. कुल मिलाकर, नियुक्तियाँ एक मजबूत न्यायपालिका प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।

Q1. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है?


Q2. 2025 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में किसे नियुक्त किया गया?


Q3. कौन सा उच्च न्यायालय 1866 में स्थापित हुआ और उत्तर प्रदेश पर अधिकार क्षेत्र रखता है?


Q4. न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली किस मामले से विकसित हुई?


Q5. कोलेजियम की अनुशंसा के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति को औपचारिक रूप से कौन अधिसूचित करता है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF September 6

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.