न्यायिक नियुक्तियों पर फोकस
भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। इन नियुक्तियों में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किया गया है, जिससे न्यायिक प्रणाली को और सशक्त बनाया जा सके।
प्रमुख नियुक्तियाँ
- अरुण कुमार, एक वरिष्ठ अधिवक्ता, को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
- केरल उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश, और न्यायमूर्ति सी. एन. प्रथीप कुमार को अतिरिक्त न्यायाधीशों से स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किया गया है। यह कदम न्यायिक प्रणाली में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करता है।
संवैधानिक प्रावधान
उच्च न्यायालयों में नियुक्तियाँ भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 द्वारा शासित होती हैं। राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), संबंधित राज्य के राज्यपाल और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श कर नियुक्तियाँ करते हैं।
Static GK तथ्य: भारत का पहला उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय 1862 में स्थापित हुआ था, इसके बाद बॉम्बे और मद्रास उच्च न्यायालय बने।
न्यायिक सशक्तिकरण का महत्व
न्यायाधीशों की पदोन्नति लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय, जो देश का सबसे बड़ा है, और केरल उच्च न्यायालय, जो अपनी कार्यक्षमता के लिए जाना जाता है—दोनों को न्यायिक क्षमता बढ़ने से लाभ होगा।
Static GK तथ्य: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना 1866 में हुई थी और इसका अधिकारक्षेत्र उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, है।
कोलेजियम और नियुक्ति प्रक्रिया
नियुक्तियों की सिफारिशें कोलेजियम प्रणाली से आती हैं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल होते हैं। सिफारिश स्वीकृत होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति अधिसूचित की जाती है।
Static GK तथ्य: कोलेजियम प्रणाली का विकास सेकंड जजेज केस (1993) और थर्ड जजेज केस (1998) से हुआ।
व्यापक महत्व
ये नियुक्तियाँ समय पर न्यायिक रिक्तियों को भरने और योग्यता–आधारित चयन सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इससे न्यायिक निरंतरता बनी रहती है, न्याय तक पहुँच में सुधार होता है और लंबित मामलों के निपटान की गति बढ़ती है।
Static GK टिप: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में 34 न्यायाधीशों (CJI सहित) की स्वीकृत शक्ति है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नियुक्ति प्राधिकारी | भारत के राष्ट्रपति |
प्रमुख संवैधानिक अनुच्छेद | अनुच्छेद 217 |
परामर्श आवश्यक | CJI, राज्यपाल, संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश |
नई नियुक्ति | अरुण कुमार – न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
केरल उच्च न्यायालय पदोन्नति | न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन, न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश, न्यायमूर्ति सी. एन. प्रथीप कुमार |
नियुक्तियों का उद्देश्य | लंबित मामलों में कमी और न्यायपालिका को सशक्त करना |
भारत का पहला उच्च न्यायालय | कलकत्ता उच्च न्यायालय, 1862 |
इलाहाबाद उच्च न्यायालय | 1866 में स्थापित, उत्तर प्रदेश को कवर करता है |
कोलेजियम प्रणाली की उत्पत्ति | सेकंड जजेज केस (1993), थर्ड जजेज केस (1998) |
सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान शक्ति | 34 न्यायाधीश (CJI सहित) |