आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक छलांग
भारत ने स्वदेशी रक्षा नवाचार के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रावेग “वीर” (Pravaig VEER), देश का पहला पूर्णतः इलेक्ट्रिक सैन्य वाहन लॉन्च किया गया है, जिसे विशेष रूप से रक्षा अभियानों के लिए विकसित किया गया है। प्रावेग डायनेमिक्स, बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप द्वारा निर्मित यह वाहन आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत की उन्नत, सतत और स्वावलंबी रक्षा तकनीक की क्षमता को दर्शाता है।
स्थिर जीके तथ्य: प्रावेग डायनेमिक्स की स्थापना 2011 में हुई थी और इसने पहले Pravaig Defy नामक भारत की लग्ज़री इलेक्ट्रिक सेडान विकसित की थी, जिसके बाद यह रक्षा-ग्रेड ईवी क्षेत्र में उतरा।
गति और गोपनीयता का संगम
“वीर” एक अत्याधुनिक सैन्य ईवी है जिसे विशेष रूप से स्टेल्थ (गोपनीय) अभियानों के लिए तैयार किया गया है। इसकी कम आवाज़ और न्यूनतम गर्मी उत्सर्जन क्षमता इसे दुश्मन की नज़र से बचाते हुए महत्वपूर्ण अभियानों में सहायक बनाती है। यह वाहन रेगिस्तान, वन क्षेत्र और ऊँचाई वाले इलाकों में समान रूप से प्रभावी है, जिससे यह किसी भी कठिन भूभाग में आसानी से संचालित किया जा सकता है। इसकी त्वरित मरम्मत क्षमता और फील्ड एफिशिएंसी सैनिकों की परिचालन क्षमता को बढ़ाती है।
स्थिर जीके टिप: भारत की सशस्त्र सेनाएँ थार रेगिस्तान से लेकर सियाचिन ग्लेशियर तक विविध भूभागों में कार्य करती हैं, जिससे ऐसे अनुकूलनीय वाहनों की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वदेशी नवाचार को मान्यता
प्रावेग वीर ईवी को सरकार के iDEX (Innovation for Defence Excellence) कार्यक्रम के तहत प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ है। इस वाहन ने सफलतापूर्वक सैन्य क्षेत्रीय परीक्षण पूरे किए हैं, जिससे इसकी तैनाती के लिए तत्परता सिद्ध हो गई है। यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
स्थिर जीके तथ्य: iDEX ढाँचा 2018 में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स और MSMEs को रक्षा तकनीक के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है।
युद्धभूमि से परे लाभ
“वीर” का इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम न केवल सामरिक क्षमता बढ़ाता है बल्कि परिचालन लागत को भी कम करता है। पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता समाप्त होने से लंबी अभियानों में ईंधन आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता घटती है। यह विकास भारत की ग्रीन मोबिलिटी विज़न से मेल खाता है, जिससे रक्षा क्षेत्र का कार्बन फुटप्रिंट घटेगा और सामरिक दक्षता बढ़ेगी। साथ ही, इस परियोजना ने पब्लिक–प्राइवेट सहयोग को भी बढ़ावा दिया है, जिसमें स्टार्टअप्स अब पारंपरिक रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
भारत की रक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना
“वीर” की सफलता भारत की विकसित हो रही रक्षा औद्योगिक क्षमता का प्रतीक है। यदि इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन सफलतापूर्वक होता है, तो यह वाहन न केवल भारतीय सेनाओं के लिए बल्कि मित्र देशों के लिए भी निर्यात हेतु उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे भारत एक रक्षा आयातक से रक्षा नवाचार निर्यातक के रूप में उभरेगा।
स्थिर जीके तथ्य: भारत का रक्षा निर्यात लक्ष्य 2025 तक ₹35,000 करोड़ निर्धारित किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रिक और स्वायत्त प्रणालियाँ प्रमुख भूमिका निभाएँगी।
भविष्य की दिशा
सफल परीक्षणों के बाद, प्रावेग डायनेमिक्स आगामी 12–24 महीनों में पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है। इसका ध्यान प्रमाणीकरण, अनुकूलन और सैन्य लॉजिस्टिक नेटवर्क में एकीकरण पर रहेगा। यद्यपि आपूर्ति श्रृंखला और बड़े पैमाने के उत्पादन जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, फिर भी “वीर” की सफलता यह दर्शाती है कि भारतीय नवाचार किस तरह भविष्य की सतत और सामरिक सैन्य तकनीक का निर्माण कर रहा है।
स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| निर्माता | प्रावेग डायनेमिक्स, बेंगलुरु |
| वाहन का नाम | वीर (इलेक्ट्रिक सैन्य वाहन) |
| लॉन्च वर्ष | 2025 |
| पुरस्कार | iDEX (Innovation for Defence Excellence) |
| उद्देश्य | गोपनीय और उच्च गतिशीलता वाले सैन्य अभियानों के लिए |
| पहल | आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया |
| मुख्य विशेषता | कम शोर, कम तापमान, हर भूभाग में अनुकूलता |
| प्रणोदन प्रणाली | 100% इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन |
| रक्षा परीक्षण | सैन्य क्षेत्रीय परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण |
| भविष्य की योजना | 12–24 महीनों में बड़े पैमाने पर उत्पादन और सैन्य एकीकरण |





