दो ज़ोन, एक राष्ट्रीय लक्ष्य
जुलाई 2025 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) ने नैचुरल गैस पाइपलाइन टैरिफ विनियमों में द्वितीय संशोधन को मंज़ूरी दी। यह सुधार भारत सरकार की “वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ“ नीति के अनुरूप है। इसका उद्देश्य ट्रांसपोर्ट लागत को सरल बनाना, निवेश को प्रोत्साहन देना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ज़ोनल ढांचा अब पहले से आसान
पहले गैस ट्रांसपोर्टेशन के लिए तीन यूनिफाइड टैरिफ ज़ोन थे। इस संशोधन के तहत इन्हें घटाकर सिर्फ दो ज़ोन कर दिया गया है।
ज़ोन 1 में अब सस्ता यूनिफाइड टैरिफ लागू किया गया है, और यह लाभ पूरे भारत में CNG और PNG घरेलू उपभोक्ताओं तक बढ़ा दिया गया है। इससे स्वच्छ ईंधन ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए सस्ता होगा।
Static GK तथ्य: PNG भारत में घरेलू खाना पकाने के लिए आमतौर पर उपयोग होता है, जबकि CNG दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे शहरों में सार्वजनिक परिवहन को शक्ति देता है।
ईंधन खरीद के नियमों को मज़बूत किया गया
अब पाइपलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सालाना उपयोग की 75% गैस कम से कम तीन वर्षों के दीर्घकालिक अनुबंधों के माध्यम से ही खरीदें। इससे बाज़ार में कीमतों की अनिश्चितता कम होगी और ट्रांज़ैक्शन लागत घटेगी।
Static GK टिप: ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक अनुबंध कीमत स्थिरता और सप्लाई सुरक्षा के लिए प्राथमिकता दिए जाते हैं।
पाइपलाइन डेवलपमेंट रिज़र्व की शुरुआत
इस सुधार के अंतर्गत Pipeline Development Reserve भी बनाया गया है:
- यदि किसी कंपनी की पाइपलाइन का उपयोग 75% से अधिक होता है, तो उसके टैक्स के बाद के लाभ का एक हिस्सा इस रिज़र्व में जाएगा।
- इस लाभ का 50% इंफ्रास्ट्रक्चर में दोबारा निवेश होगा।
- शेष 50% उपभोक्ताओं को टैरिफ रियायत के रूप में मिलेगा।
यह एक प्रदर्शन–आधारित और आत्मनिर्भर मॉडल को प्रोत्साहित करता है।
PNGRB का कार्य और अधिनियम
PNGRB की स्थापना 2006 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड अधिनियम के तहत की गई थी। यह भारत के डाउनस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र का प्रमुख नियामक है।
प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- शोधन, भंडारण, परिवहन और विपणन का नियमन (उत्पादन को छोड़कर)
- कंपनियों का पंजीकरण
- उपभोक्ता संरक्षण और निष्पक्ष व्यापार का प्रोत्साहन
- राष्ट्रीय डेटाबैंक बनाए रखना
- इसके निर्णयों को बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी जा सकती है
Static GK तथ्य: भारत का नैचुरल गैस पाइपलाइन नेटवर्क 22,000 किमी से अधिक लंबा है और प्रमुख औद्योगिक गलियारों को जोड़ता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नियामक संस्था | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) |
संबंधित अधिनियम | PNGRB अधिनियम, 2006 |
नए टैरिफ ज़ोन | 3 से घटाकर 2 |
लाभ का विस्तार | CNG और PNG घरेलू उपयोग पर ज़ोन 1 टैरिफ पूरे भारत में लागू |
ईंधन खरीद नियम | ≥75% गैस 3+ वर्ष के अनुबंध से अनिवार्य |
डेवलपमेंट रिज़र्व | उच्च प्रदर्शन वाली कंपनियों के लाभ से स्थापित |
लाभ वितरण तंत्र | 50% पुनर्निवेश, 50% उपभोक्ताओं को रियायत |
अपील प्रक्रिया | बिजली अधिनियम, 2003 के तहत अपीलीय न्यायाधिकरण |
विज़न स्लोगन | One Nation, One Grid, One Tariff |
PNG का उपयोग | शहरी भारत में खाना पकाने के लिए |