परिचय
प्रधानमंत्री ने पीएम-सेतु (PM-SETU: Pradhan Mantri Skilling and Employability Transformation through Upgraded ITIs) योजना की शुरुआत की है।
यह एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा का आधुनिकीकरण करना और कौशल को रोजगार से जोड़ना है।
इस योजना को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के तहत लागू किया जाएगा।
पीएम-सेतु की विशेषताएँ
पीएम-सेतु एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसकी कुल लागत ₹60,000 करोड़ है।
इसका उद्देश्य 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) को आधुनिक, उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण केंद्रों में बदलना है।
यह भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र (Skilling Ecosystem) को मजबूत करने में एक बड़ा निवेश है।
इस योजना के अंतर्गत हब-एंड-स्पोक मॉडल लागू किया जाएगा —
- 200 हब ITIs को 800 स्पोक ITIs से जोड़ा जाएगा।
- हब संस्थानों में नवाचार केंद्र, उत्पादन इकाइयाँ, उन्नत बुनियादी ढाँचा और प्लेसमेंट सुविधाएँ होंगी।
- स्पोक संस्थान आउटरीच केंद्र के रूप में कार्य करेंगे ताकि प्रशिक्षण का दायरा बढ़ सके।
स्थैतिक जीके तथ्य: हब-एंड-स्पोक मॉडल का उपयोग लॉजिस्टिक्स, विमानन और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में संसाधनों के कुशल वितरण के लिए किया जाता है।
उद्योग भागीदारों की भूमिका
हर क्लस्टर का संचालन स्पेशल पर्पस व्हीकल्स (SPVs) के माध्यम से होगा, जिनमें विश्वसनीय एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स शामिल होंगे।
यह साझेदारी आउटकम-आधारित प्रशिक्षण, उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम, और रोजगार के बेहतर अवसरों को सुनिश्चित करेगी।
इस योजना के अंतर्गत दीर्घकालिक डिप्लोमा, लघु अवधि प्रमाणन पाठ्यक्रम, और एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम जैसे कई मार्ग बनाए जाएँगे ताकि विद्यार्थी, पेशेवर और उद्योग — सभी की आवश्यकताएँ पूरी की जा सकें।
राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) का सुदृढ़ीकरण
सरकार देश के पाँच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) — भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना — को मजबूत करेगी।
इन संस्थानों को वैश्विक साझेदारी वाले उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) के रूप में विकसित किया जाएगा।
यहाँ अत्याधुनिक कौशल प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और प्रशिक्षकों के उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएँगे।
स्थैतिक जीके टिप: NSTIs, महानिदेशालय प्रशिक्षण (Directorate General of Training – DGT) के अधीन कार्य करते हैं और प्रशिक्षकों के लिए शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान हैं।
भारत में ITIs के बारे में
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITIs) भारत में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (VET) प्रणाली की रीढ़ माने जाते हैं।
इनकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
ये संस्थान राज्य सरकारों के अधीन काम करते हैं, जबकि मान्यता DGT द्वारा दी जाती है।
वर्तमान में भारत में 15,034 ITIs हैं, जिनमें से लगभग 78% निजी स्वामित्व वाले हैं।
हालांकि नेटवर्क बड़ा है, लेकिन गुणवत्ता और उद्योग-अनुरूपता अब तक एक चुनौती बनी हुई है।
पीएम-सेतु योजना इस अंतर को पाटने के लिए बनाई गई है ताकि प्रशिक्षण मानकों का आधुनिकीकरण किया जा सके।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत के पहले ITIs वर्ष 1950 में Craftsmen Training Scheme के तहत स्थापित किए गए थे।
संबंधित योजनाएँ
भारत में इससे पहले कई योजनाएँ शुरू की गई थीं, जैसे —
- STRIVE (Skills Strengthening for Industrial Value Enhancement)
- Model ITI योजना
- ESDI (Enhancing Skill Development Infrastructure in North Eastern States)
अब PM-SETU के साथ मिलकर ये सभी योजनाएँ भारत को भविष्य के कौशलयुक्त कार्यबल (Skilled Workforce) तैयार करने की दिशा में समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष
पीएम-सेतु योजना भारत को वैश्विक स्किल हब (Global Skills Hub) बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
यह योजना ITIs को अपग्रेड कर, उद्योगों के साथ साझेदारी बनाकर, और NSTIs को सशक्त कर देश के युवाओं को रोजगार योग्य और उत्पादक बनाएगी।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
पीएम-सेतु का पूरा नाम | Pradhan Mantri Skilling and Employability Transformation through Upgraded ITIs |
मंत्रालय | कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) |
योजना का प्रकार | ₹60,000 करोड़ की केंद्रीय प्रायोजित योजना |
कवरेज | 1,000 सरकारी ITIs |
हब-एंड-स्पोक मॉडल | 200 हब ITIs को 800 स्पोक ITIs से जोड़ा जाएगा |
प्रमुख घटक | नवाचार केंद्र, उत्पादन इकाइयाँ, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, प्लेसमेंट सुविधाएँ |
उद्योग की भूमिका | एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स वाले SPVs द्वारा संचालन |
सशक्त किए जाने वाले NSTIs | भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर, लुधियाना |
भारत में कुल ITIs | लगभग 15,034 (78% निजी) |
संबंधित योजनाएँ | STRIVE, Model ITI, ESDI |