भारत का पहला 24×7 ON कोर्ट
भारत का पहला 24×7 ओपन और नेटवर्क्ड कोर्ट (ON कोर्ट) केरल के कोल्लम जिले में शुरू किया गया, जो डिजिटल जस्टिस डिलीवरी में एक बड़ी छलांग है। इसके ऑपरेशन का एक साल पूरा हो गया है और यह हाई-स्पीड, टेक्नोलॉजी से चलने वाले विवाद समाधान का एक मॉडल बन गया है।
यह पहल केरल हाई कोर्ट ने शुरू की थी, जो डिजिटल कोर्टरूम और पेपरलेस प्रक्रियाओं में आगे रहने के लिए जाना जाता है।
स्टेटिक GK फैक्ट: केरल 2018 में अपने सभी कोर्ट में पूरी तरह से डिजिटल फाइलिंग हासिल करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया।
ON कोर्ट की मुख्य विशेषताएं
ON कोर्ट केस करने वालों को किसी भी समय केस फाइल करने की अनुमति देता है, जिससे बिना किसी रुकावट के 24×7 ई-फाइलिंग विंडो मिलती है। इससे फिजिकल कोर्ट में लगने वाली टाइम की पाबंदी हट जाती है।
इसके सिस्टम में डिजिटल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, SMS और ईमेल-बेस्ड समन, और वर्चुअल हियरिंग शामिल हैं, जिससे फिजिकल विज़िट की ज़रूरत कम हो जाती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 कानूनी तौर पर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और डिजिटल सिग्नेचर को मान्यता देता है, जिससे ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म मुमकिन होते हैं।
पूरी तरह से ऑनलाइन केस हैंडलिंग
केस का हर स्टेज ऑनलाइन प्रोसेस होता है—फाइलिंग, स्क्रूटनी, शेड्यूलिंग, हियरिंग, और फाइनल ऑर्डर जारी करना।
यह प्लेटफॉर्म रियल-टाइम केस स्टेटस अपडेट देता है, जिससे वकील और नागरिक किसी भी जगह से आसानी से प्रोग्रेस ट्रैक कर सकते हैं।
स्टैटिक GK टिप: भारत का पहला ई-कोर्ट प्रोजेक्ट 2005 में नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के तहत लॉन्च किया गया था।
ज्यूडिशियल एफिशिएंसी पर असर
ON कोर्ट ने डिस्पोजल एफिशिएंसी में काफी सुधार किया है। जहां आम कोर्ट को ऐसे ही केस निपटाने में सालों लग सकते हैं, वहीं ON कोर्ट उन्हें लगभग 140 दिनों में पूरा कर देता है। यह कमी फिजिकल पेपरवर्क खत्म होने, तेज़ डिजिटल कम्युनिकेशन और ऑटोमेटेड शेड्यूलिंग की वजह से है।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एवरेज केस पेंडेंसी लगभग 5–8 साल है, जिससे फास्ट-ट्रैक डिजिटल सिस्टम बहुत ज़रूरी हो जाते हैं।
न्याय तक पहुंच बढ़ाना
ON कोर्ट कोर्ट कॉम्प्लेक्स से दूर रहने वालों, सीनियर सिटिजन, महिलाओं और दिव्यांग लोगों को आसान न्याय देता है।
इसका डिजिटल-फर्स्ट मॉडल आसान पार्टिसिपेशन को सपोर्ट करता है, लिटिगेशन का खर्च कम करता है और सभी जिलों में एक जैसी पहुंच लाता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारतीय संविधान का आर्टिकल 39A राज्य को न्याय तक समान पहुंच को बढ़ावा देने का निर्देश देता है।
भविष्य के ज्यूडिशियल सुधारों के लिए एक मॉडल
ON कोर्ट भारत के ई-कोर्ट्स फेज III के बड़े पैमाने पर प्रयास के साथ मेल खाता है, जिसका मकसद पेपरलेस कोर्ट, ऑनलाइन सबूत पेश करना और इंटीग्रेटेड डिजिटल केस रिकॉर्ड बनाना है।
राज्य पेंडेंसी कम करने और जस्टिस सिस्टम के साथ नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए इसी तरह के मॉडल देख रहे हैं।
स्टैटिक GK टिप: सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी, जिसके हेड पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ थे, नेशनल डिजिटल कोर्ट सुधारों को आगे बढ़ा रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| पहला ON Court स्थान | कोल्लम ज़िला, केरल |
| लॉन्च प्राधिकरण | केरल उच्च न्यायालय |
| संचालन मोड | 24×7 ऑनलाइन डिजिटल कोर्ट |
| ई-फाइलिंग उपलब्धता | चौबीसों घंटे |
| प्रमुख विशेषताएँ | वर्चुअल सुनवाई, डिजिटल सत्यापन, SMS/ईमेल समन |
| औसत निस्तारण समय | लगभग 140 दिन |
| संचार प्रणाली | वादकारियों को वास्तविक समय अपडेट |
| लाभ | कम कागजी कार्यवाही और तेज़ न्याय |
| संवैधानिक संबंध | अनुच्छेद 39A — न्याय तक पहुंच |
| राष्ट्रीय पहल | व्यापक e-Courts डिजिटलीकरण प्रयासों का हिस्सा |





