मरम्मत योग्य डिज़ाइन के लिए नीति परिवर्तन
भारत ने मरम्मत योग्यता सूचकांक (Repairability Index) लागू किया है, जो मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को मरम्मत की सुविधा, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और सॉफ़्टवेयर समर्थन की अवधि के आधार पर रैंक करता है। यह उपभोक्ताओं को टिकाऊ उत्पाद चुनने में मदद करता है और स्थिरता को बढ़ावा देता है।
इसके साथ, नई ई–कचरा नीतियों के तहत न्यूनतम भुगतान अनिवार्य किए गए हैं ताकि अधिक औपचारिक रीसायक्लिंग हो सके और अनधिकृत डंपिंग को रोका जा सके।
Static GK: भारत वर्ष 2022 में 3.2 मिलियन टन ई-कचरे के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई–कचरा उत्पादक था।
अनुभवजन्य ज्ञान की भूमिका
भारत में मरम्मत कार्य प्रायोगिक ज्ञान (Tacit Knowledge) पर आधारित है—जो अभ्यास और अवलोकन से अर्जित किया जाता है, न कि औपचारिक शिक्षा से। अनौपचारिक मरम्मतकर्मी अक्सर बिना किसी मैनुअल के नवोन्मेषी तरीके से इलेक्ट्रॉनिक्स सुधारते हैं।
यह कौशल उपकरणों की उम्र बढ़ाने और निर्धारित जीवनकाल से अधिक उपयोग में सहायक होता है।
अनौपचारिक मरम्मत प्रणाली का क्षरण
आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में जटिल डिज़ाइन होते हैं, जिससे मरम्मत कठिन होती है। उपभोक्ताओं की प्रवृत्ति भी डिस्पोज़ेबल उत्पादों की ओर बढ़ गई है, जिससे स्थानीय मरम्मतकर्मी हाशिए पर चले गए हैं।
कौशल विकास योजनाएं केवल औद्योगिक क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, जबकि प्रायोगिक कौशल को कोई समर्थन नहीं मिल रहा।
नीति कमियाँ और संभावनाएं
ई–कचरा प्रबंधन नियम 2022 में मरम्मत को रोकथाम रणनीति के रूप में नहीं जोड़ा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनुभवजन्य शिक्षा पर ज़ोर तो है, लेकिन मरम्मतकेंद्रित प्रशिक्षण शामिल नहीं है।
Mission LiFE जैसे अभियानों में मरम्मत की बात तो होती है, पर मरम्मतकर्मियों के लिए कोई प्रत्यक्ष लाभ कार्यक्रम नहीं है।
AI और डिजिटल प्रणालियों की भूमिका
AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और ई–श्रम जैसे डिजिटल मंच मरम्मतकर्मियों को सशक्त बना सकते हैं।
AI द्वारा मरम्मत ज्ञान को डिसीजन ट्री या भाषा मॉडल में बदलकर व्यापक रूप से साझा किया जा सकता है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से मरम्मतकर्मियों को जोड़ा जा सकता है।
परिपत्र अर्थव्यवस्था के लिए डिज़ाइन
“अनमेकिंग” का सिद्धांत उत्पादों को इस तरह डिज़ाइन करने की वकालत करता है कि वे आसानी से खोले, मरम्मत किए, और पुन: उपयोग किए जा सकें।
अनौपचारिक मरम्मतकर्मी, जो कबाड़ से मूल्य बनाते हैं, भारत की परिपत्र अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
मरम्मत सूचकांक उद्देश्य | मरम्मत में आसानी, स्पेयर पार्ट्स, सॉफ़्टवेयर सपोर्ट |
ई-कचरा नीति बदलाव | औपचारिक रीसायक्लिंग के लिए न्यूनतम भुगतान अनिवार्य |
अनुभवजन्य ज्ञान महत्व | हाथों से सीखे कौशल जो टिकाऊपन को बढ़ाते हैं |
कौशल विकास में कमी | अनौपचारिक मरम्मतकर्मी उपेक्षित हैं |
AI और डिजिटल मंच की भूमिका | मरम्मत ज्ञान को संरचित करना और सामाजिक सुरक्षा देना |
‘अनमेकिंग’ डिज़ाइन दृष्टिकोण | आसानी से खोले, सुधारे, और पुन: उपयोग करें |
परिपत्र अर्थव्यवस्था में योगदान | मरम्मत से ई-कचरा में कमी और स्थायित्व को बढ़ावा |
नीति संरेखण | EU का Right to Repair और UN SDG 12 से मेल खाता है |