सितम्बर 19, 2025 4:08 पूर्वाह्न

पूर्वोत्तर भारत एक विकास केंद्र के रूप में उभर रहा है

चालू घटनाएँ: एक्ट ईस्ट पॉलिसी, प्रधानमंत्री, पूर्वोत्तर भारत, MDoNER, भारतनेट, उड़ान, पूर्वोत्तर विकास सेतु, पीएम-DevINE, कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स, उग्रवाद

North East India Emerging as a Growth Hub

विकास का प्रवेशद्वार बना पूर्वोत्तर

प्रधानमंत्री ने ज़ोर दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) अब सीमांत नहीं, बल्कि भारत की विकास धुरी बन चुका है।

  • एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेशद्वार माना गया है।
  • रणनीति का आधार है EAST फॉर्मूला – Empower, Act, Strengthen, Transform
    स्थिर जीके तथ्य: एक्ट ईस्ट पॉलिसी 2014 में शुरू की गई, जिसने 1991 की लुक ईस्ट पॉलिसी को विस्तारित किया।

कनेक्टिविटी को बढ़ावा

  • बैराबी–सैरांग रेल लाइन ने मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल को आज़ादी के बाद पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ा।
  • जुलाई 2025 तक पूर्वोत्तर में 16,207 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग पूरे हो चुके हैं।
  • छिमतुइपुई नदी पुल और थेंजवल–सियालसुक सड़क जैसी परियोजनाएँ तेज़ राजमार्ग विकास को दर्शाती हैं।
  • भारतनेट परियोजना ने ग्राम पंचायत स्तर तक इंटरनेट पहुँच को मज़बूत किया।
  • उड़ान योजना ने अविकसित हवाईअड्डों और हेलीपोर्ट्स तक हवाई मार्गों का विस्तार किया।
    स्थिर जीके टिप: पूर्वोत्तर भारत की पहली रेलवे लाइन असम बंगाल रेलवे थी, जो 1881 से चालू है।

वित्तीय सहायता और विकास योजनाएँ

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) वित्तपोषण और परियोजना निगरानी में अहम भूमिका निभा रहा है।
  • पीएम-DevINE योजना ने बुनियादी ढाँचे, कनेक्टिविटी और आजीविका परियोजनाओं को वित्तपोषित किया।
  • पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल ने परियोजनाओं की स्वीकृति और निगरानी को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया।
    स्थिर जीके तथ्य: MDoNER की स्थापना 2001 में पूर्वोत्तर क्षेत्र की वृद्धि पर विशेष ध्यान देने के लिए की गई थी।

सामने आने वाली चुनौतियाँ

  • भौगोलिक अड़चनें: कठिन भूभाग, भारी मानसून, और सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर निर्भरता।
  • सुरक्षा खतरे: उग्रवादी संगठन जैसे ULFA और NSCN, सीमा पार प्रवासन और तस्करी।
  • आर्थिक चुनौतियाँ: जीवन-यापन कृषि पर निर्भरता, सीमित औद्योगिकीकरण और युवाओं का पलायन।
  • सामाजिक तनाव:
    • 2021 में असम–मिज़ोरम झड़पें
    • 2023 में मणिपुर हिंसा
  • जनसांख्यिकीय दबाव: विशेषकर असम में NRC मुद्दे से संबंधित प्रवासन।
    स्थिर जीके टिप: सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) केवल 22 किमी चौड़ा गलियारा है जो भारत को पूर्वोत्तर से जोड़ता है।

आगे का रास्ता

पूर्वोत्तर को वास्तविक विकास केंद्र बनाने के लिए ज़रूरी है:

  • कनेक्टिविटी में निवेश
  • सुशासन सुधार
  • शांति निर्माण और सामाजिक समरसता
    यदि बुनियादी ढाँचे का विस्तार और सामाजिक स्थिरता साथ-साथ हो तो पूर्वोत्तर भारत वास्तव में देश का विकास का अगुवा बन सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
एक्ट ईस्ट पॉलिसी 2014 में शुरू, दक्षिण-पूर्व एशिया से संबंध गहरा करने हेतु
EAST फॉर्मूला Empower, Act, Strengthen, Transform
रेलवे मील का पत्थर बैराबी–सैरांग रेल लाइन से आइज़ॉल जुड़ा
राजमार्ग विकास जुलाई 2025 तक 16,207 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग
डिजिटल कनेक्टिविटी भारतनेट से ग्राम पंचायत स्तर पर इंटरनेट
हवाई कनेक्टिविटी उड़ान योजना से नए हवाई मार्ग
वित्तीय योजनाएँ पीएम-DevINE से आधारभूत व आजीविका परियोजनाएँ
गवर्नेंस पोर्टल पूर्वोत्तर विकास सेतु (पारदर्शिता)
सुरक्षा मुद्दे ULFA, NSCN, सीमा पार तस्करी
मुख्य बाधा 22 किमी चौड़ा सिलीगुड़ी कॉरिडोर
North East India Emerging as a Growth Hub
  1. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बताया।
  2. 2014 में शुरू की गई एक्ट ईस्ट नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय एकीकरण है।
  3. बैराबी-सैरांग रेलवे मिज़ोरम के आइज़ोल को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ता है।
  4. 16,207 किलोमीटर राजमार्गों के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र का सड़क संपर्क बढ़ा है।
  5. भारतनेट ग्राम पंचायत स्तर पर इंटरनेट की पहुँच में सुधार करता है।
  6. उड़ान योजना वंचित क्षेत्रों में हवाई संपर्क बढ़ाती है।
  7. पीएम-देवाइन पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे और आजीविका परियोजनाओं का वित्तपोषण करता है।
  8. पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल शासन पारदर्शिता में सुधार करता है।
  9. विद्रोही समूहों से सुरक्षा खतरे एक प्रमुख चिंता का विषय बने हुए हैं।
  10. सिलीगुड़ी कॉरिडोर का संकरा हिस्सा पूर्वोत्तर क्षेत्र को शेष भारत से जोड़ता है।
  11. युवाओं का प्रवास और सीमित औद्योगीकरण आर्थिक विकास के लिए चुनौती है।
  12. जातीय तनाव और जनसांख्यिकीय दबावों के लिए सावधानीपूर्वक शासन की आवश्यकता होती है।
  13. विकास केंद्र के रूप में पूर्वोत्तर क्षेत्र की क्षमता शांति निर्माण प्रयासों पर निर्भर करती है।
  14. सशक्त बनाना, कार्य करना, सुदृढ़ बनाना, रूपांतरित करना, पूर्वी एशिया का मार्गदर्शक सूत्र है।
  15. तमिलनाडु जैसे मार्गदर्शन मॉडल के माध्यम से निवेश प्रोत्साहन आवश्यक है।
  16. सीमा पार प्रवास और तस्करी सुरक्षा संबंधी मुद्दों को जटिल बनाते हैं।
  17. पर्यटन और बुनियादी ढाँचे का विकास पूर्वोत्तर क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को उजागर कर सकता है।
  18. पूर्वोत्तर क्षेत्र का परिवर्तन एशिया-प्रशांत बाजारों के साथ भारत के एकीकरण का समर्थन करता है।
  19. कनेक्टिविटी परियोजनाएँ भौगोलिक अलगाव को कम करती हैं और व्यापार को बढ़ावा देती हैं।
  20. बुनियादी ढाँचे को सामाजिक सद्भाव के साथ संतुलित करने से सतत विकास सुनिश्चित होता है।

Q1. कौन-सी नीति उत्तर-पूर्व क्षेत्र को भारत का दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए प्रवेश द्वार बनाती है?


Q2. किस रेलवे परियोजना ने पहली बार आइजोल को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ा?


Q3. जुलाई 2025 तक उत्तर-पूर्व में कितने किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पूरे किए गए?


Q4. भारत के मुख्य भूभाग को उत्तर-पूर्व क्षेत्र से जोड़ने वाला संकरा गलियारा कौन-सा है?


Q5. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) की स्थापना कब हुई थी?


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