दालों में आत्मनिर्भरता का रोडमैप
भारत वर्तमान में 2022 में 26.06 मिलियन टन (एमटी) दालें उत्पादन करता है। नीति आयोग के अनुसार लक्ष्य है कि 2030 तक 34.45 एमटी और 2047 तक 51.57 एमटी उत्पादन हासिल किया जाए। यह रणनीति न केवल आत्मनिर्भरता बल्कि भारत को भविष्य में दाल निर्यातक बनाने का भी मार्ग प्रशस्त करती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 25% और खपत का 27% हिस्सा रखता है।
रणनीतिक लक्ष्य
योजना दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है—पहला, भारत 2030 तक आत्मनिर्भर होगा। दूसरा, 2047 तक उत्पादन दोगुना किया जाएगा। यह प्रक्षेपण फसल-विशिष्ट मॉडल और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों के अनुरूप है।
क्लस्टर आधारित खेती
रिपोर्ट में 111 जिलों में “वन ब्लॉक, वन सीड विलेज” मॉडल पर जोर दिया गया है। किसान फसल-विशिष्ट क्लस्टरों को अपनाएंगे, सामुदायिक बीज बैंक बनाएंगे और स्थानीय कृषि पद्धतियों का पालन करेंगे। इससे बीज गुणवत्ता, उत्पादकता और किसान भागीदारी में वृद्धि होगी।
स्थिर जीके टिप: अरहर (तूर), उड़द, मूंग, मसूर और चना भारत की प्रोटीन खपत की रीढ़ हैं।
क्षेत्रवार तकनीकी अपनाना
रणनीति में क्षेत्र विशेष तकनीक अपनाने पर बल दिया गया है। इसमें उच्च उत्पादक किस्में, प्रिसिजन फार्मिंग और उन्नत सिंचाई शामिल हैं। एग्रो-इकोलॉजिकल टेलरिंग से हर क्षेत्र को उसकी आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी पैकेज मिलेगा।
जलवायु-स्मार्ट कृषि
नीति आयोग ने सूखा-रोधी किस्में, एकीकृत कीट प्रबंधन और आकस्मिक फसल प्रणाली पर बल दिया है। ये कदम जलवायु-प्रभावित क्षेत्रों में उपज को सुरक्षित करेंगे और लंबी अवधि की सहनशीलता बनाएंगे।
स्थिर जीके तथ्य: भारत दालों की बुवाई क्षेत्रफल में दुनिया में पहले स्थान पर है, और वैश्विक क्षेत्र का 35% कवर करता है।
डाटा आधारित खेती
रिपोर्ट में रीयल-टाइम डेटा, एआई और सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली का प्रस्ताव है। इससे उत्पादकता की निगरानी, कमी का पूर्वानुमान और नीति-निर्माताओं को समाधान बनाने में मदद मिलेगी।
मांग-आपूर्ति का संतुलन
2030 तक आपूर्ति अनुमानित 30.6 एमटी होगी, जबकि मांग के बाद 3.79 एमटी अधिशेष रहेगा। 2047 तक आपूर्ति 45.8 एमटी तक पहुंच सकती है, जिससे 16.48 एमटी अधिशेष बचेगा। यह अधिशेष निर्यात और किसानों की आय बढ़ाने का अवसर देगा।
स्वस्थ आहार को बढ़ावा
घरेलू खपत बढ़ाने के लिए रिपोर्ट में जागरूकता अभियान, स्कूल भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में दालों को शामिल करने की सिफारिश की गई है। इससे पोषण की कमी दूर होगी और क्षेत्रीय स्तर पर उपभोक्ता स्वीकृति बढ़ेगी।
स्थिर जीके तथ्य: दालें प्रोटीन, आयरन और फाइबर का प्रमुख स्रोत हैं और भारत में कुपोषण से लड़ने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वर्तमान उत्पादन (2022) | 26.06 एमटी |
2030 तक लक्ष्य | 34.45 एमटी (आत्मनिर्भरता) |
2047 तक लक्ष्य | 51.57 एमटी (दोगुना उत्पादन) |
2030 तक अधिशेष | 3.79 एमटी |
2047 तक अधिशेष | 16.48 एमटी |
प्रमुख योजना | वन ब्लॉक वन सीड विलेज |
उच्च क्षमता वाले जिले | 111 जिले |
मांग मॉडल | ICMR-NIN दिशा-निर्देश |
तकनीकी फोकस | प्रिसिजन फार्मिंग, एआई, सैटेलाइट डेटा |
पोषण लक्ष्य | स्कूल भोजन और PDS में शामिल करना |