नीलगिरियों की अनोखी प्रजाति
नीलगिरि लिली (Lilium wallichianum var. neilgherrense) एक दुर्लभ पुष्प है जो केवल नीलगिरि और पलानी हिल्स में पाया जाता है। इसका महत्व इसकी सीमित आवासीय सीमा और कम फूलने की अवधि के कारण बहुत अधिक है।
फूलने का चक्र
यह फूल हर साल केवल तीन सप्ताह (अगस्त के अंत में) खिलता है। यह दूरस्थ उच्च-ऊँचाई वाली घासभूमियों में खिलता है, जहाँ पहुँचना कठिन होता है। इसकी कम आयु और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र इसे और भी संवेदनशील बना देते हैं।
जनसंख्या में गिरावट
शोधकर्ताओं ने नीलगिरि लिली की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की है। इसके मुख्य कारण हैं:
- पशुओं द्वारा चराई
- आक्रामक पौधों का फैलाव
- जलवायु परिवर्तन और पश्चिमी घाटों में वर्षा पैटर्न का बदलाव
जिला पुष्प का दर्जा
विशेषज्ञों और वनस्पतिविदों ने तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया है कि नीलगिरि लिली को नीलगिरि जिले का पुष्प घोषित किया जाए। इससे इसे कानूनी संरक्षण, जागरूकता और संरक्षण प्रयासों में मदद मिलेगी।
मणिपुर से सीख
मणिपुर में इसी तरह शिरुई लिली को राज्य पुष्प घोषित किया गया था। इस मान्यता से प्रजाति के लिए शोध, दृश्यता और संरक्षण उपाय बढ़े। पारिस्थितिकीविदों का मानना है कि नीलगिरि लिली को भी ऐसी ही मान्यता मिलनी चाहिए।
उच्च-ऊँचाई वाली घासभूमियों का महत्व
पश्चिमी घाटों की घासभूमियाँ जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं। ये क्षेत्र जल संरक्षण और मृदा संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी सेवाएँ प्रदान करते हैं। नीलगिरि लिली जैसी स्थानिक प्रजातियों का संरक्षण पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में सहायक है।
स्थिर जीके तथ्य: नीलगिरि जिला 1986 में स्थापित भारत का पहला जैवमंडल रिज़र्व – नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है।
स्थिर जीके टिप: तमिलनाडु का राज्य पुष्प ‘ग्लोरियोसा सुपरबा’ (फ्लेम लिली) है।
आगे की राह
नीलगिरि लिली को जिला पुष्प घोषित करना संरक्षण की दिशा में पहला कदम होगा। इसके साथ आवास पुनर्स्थापन, चराई पर नियंत्रण और आक्रामक प्रजातियों का हटाव जैसे उपाय अपनाने होंगे ताकि यह दुर्लभ प्रजाति जीवित रह सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वैज्ञानिक नाम | Lilium wallichianum var. neilgherrense |
सामान्य नाम | नीलगिरि लिली |
स्थान | नीलगिरि और पलानी हिल्स |
फूलने का मौसम | अगस्त अंत, लगभग तीन सप्ताह |
खतरे | चराई, आक्रामक प्रजातियाँ, जलवायु परिवर्तन |
संरक्षण प्रस्ताव | नीलगिरि का जिला पुष्प घोषित करना |
समान उदाहरण | मणिपुर की शिरुई लिली (राज्य पुष्प) |
पारिस्थितिकी तंत्र | पश्चिमी घाट की उच्च-ऊँचाई घासभूमि |
बायोस्फीयर रिज़र्व | नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व (1986) |
तमिलनाडु का राज्य पुष्प | ग्लोरियोसा सुपरबा (फ्लेम लिली) |