प्रस्तावना
तमिलनाडु सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियम 2025 लागू किए हैं, जिससे महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। ये नियम 2000 के पुराने ढांचे को बदलते हैं और आधुनिक प्रशासनिक प्रथाओं के साथ प्रक्रिया को जोड़ते हैं।
पंजीकरण में मुख्य बदलाव
अब सभी जन्म और मृत्यु का विवरण निर्धारित प्रारूप में ही देना अनिवार्य होगा, किसी प्रकार के संक्षेप (abbreviations) मान्य नहीं होंगे। इसका उद्देश्य रिकॉर्ड की एकरूपता और सटीकता सुनिश्चित करना है।
तहसीलदार की भूमिका
एक बड़ा बदलाव यह है कि अब यदि 30 दिन से लेकर 1 वर्ष तक की देरी से रिपोर्ट किया जाता है, तो तहसीलदार को मंजूरी देने का अधिकार होगा। पहले यह अधिकार ग्राम पंचायत अध्यक्ष के पास था। इससे जवाबदेही और दक्षता बढ़ेगी।
स्टैटिक जीके तथ्य: तहसीलदार भारत में राजस्व विभाग के अंतर्गत तालुक स्तर का प्रमुख अधिकारी होता है।
इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र
अब जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी उपलब्ध होंगे। इससे समय की बचत होगी, कागज़ी काम कम होगा और नागरिकों को सेवाएँ अधिक सुविधाजनक ढंग से मिलेंगी।
स्टैटिक जीके टिप: भारत ने डिजिटल इंडिया पहल 2015 में शुरू की थी ताकि ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा सके।
समय पर पंजीकरण का महत्व
नियमों के अनुसार, 30 दिन के बाद की देरी पर उच्च अधिकारियों की स्वीकृति आवश्यक होगी। यह व्यवस्था समय पर रिपोर्टिंग को बढ़ावा देती है, जो कल्याणकारी योजनाओं, उत्तराधिकार दावे और स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लिए जरूरी है।
स्टैटिक जीके तथ्य: जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 इन घटनाओं के अनिवार्य पंजीकरण का राष्ट्रीय कानून है।
शासन को सशक्त बनाना
नए नियमों से प्रशासन में पारदर्शिता, मानकीकरण और डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय निकाय और राजस्व अधिकारियों की जिम्मेदारी स्पष्ट कर तमिलनाडु इस प्रणाली को और प्रभावी बना रहा है।
स्टैटिक जीके तथ्य: तमिलनाडु देश में उन राज्यों में है, जहाँ नागरिक पंजीकरण दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है।
निष्कर्ष
जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियम 2025 ने तमिलनाडु की प्रणाली को आधुनिक बनाया है। डिजिटल रिकॉर्ड, संशोधित स्वीकृति तंत्र और सख्त रिपोर्टिंग मानदंडों के जरिए यह व्यवस्था अधिक सटीक, सुलभ और पारदर्शी बन गई है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| राज्य | तमिलनाडु |
| नए नियम लागू | 2025 |
| बदले गए नियम | 2000 नियम |
| 30 दिन–1 वर्ष देरी पर स्वीकृति | तहसीलदार |
| पूर्व प्राधिकरण | ग्राम पंचायत अध्यक्ष |
| सबमिशन आवश्यकता | निर्धारित प्रारूप, बिना संक्षेप |
| प्रमाणपत्र प्रारूप | इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र |
| राष्ट्रीय कानून | जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 |
| महत्व | जनसांख्यिकीय डेटा और शासन को मजबूत करना |
| जुड़ी पहल | डिजिटल इंडिया, 2015 |





