नवम्बर 5, 2025 6:57 अपराह्न

तमिलनाडु में जन्म और मृत्यु पंजीकरण की नई प्रणाली

चालू घटनाएँ: तमिलनाडु सरकार, पंजीकरण जन्म और मृत्यु नियम 2025, तहसीलदार, इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र, जनVital आँकड़े, पंचायत प्रशासन, रिपोर्टिंग समयसीमा, प्रशासनिक सुधार, कानूनी अनुपालन, जनसांख्यिकीय रिकॉर्ड

New System of Birth and Death Registration in Tamil Nadu

प्रस्तावना

तमिलनाडु सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियम 2025 लागू किए हैं, जिससे महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। ये नियम 2000 के पुराने ढांचे को बदलते हैं और आधुनिक प्रशासनिक प्रथाओं के साथ प्रक्रिया को जोड़ते हैं।

पंजीकरण में मुख्य बदलाव

अब सभी जन्म और मृत्यु का विवरण निर्धारित प्रारूप में ही देना अनिवार्य होगा, किसी प्रकार के संक्षेप (abbreviations) मान्य नहीं होंगे। इसका उद्देश्य रिकॉर्ड की एकरूपता और सटीकता सुनिश्चित करना है।

तहसीलदार की भूमिका

एक बड़ा बदलाव यह है कि अब यदि 30 दिन से लेकर 1 वर्ष तक की देरी से रिपोर्ट किया जाता है, तो तहसीलदार को मंजूरी देने का अधिकार होगा। पहले यह अधिकार ग्राम पंचायत अध्यक्ष के पास था। इससे जवाबदेही और दक्षता बढ़ेगी।
स्टैटिक जीके तथ्य: तहसीलदार भारत में राजस्व विभाग के अंतर्गत तालुक स्तर का प्रमुख अधिकारी होता है।

इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र

अब जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी उपलब्ध होंगे। इससे समय की बचत होगी, कागज़ी काम कम होगा और नागरिकों को सेवाएँ अधिक सुविधाजनक ढंग से मिलेंगी।
स्टैटिक जीके टिप: भारत ने डिजिटल इंडिया पहल 2015 में शुरू की थी ताकि ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा सके।

समय पर पंजीकरण का महत्व

नियमों के अनुसार, 30 दिन के बाद की देरी पर उच्च अधिकारियों की स्वीकृति आवश्यक होगी। यह व्यवस्था समय पर रिपोर्टिंग को बढ़ावा देती है, जो कल्याणकारी योजनाओं, उत्तराधिकार दावे और स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लिए जरूरी है।
स्टैटिक जीके तथ्य: जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 इन घटनाओं के अनिवार्य पंजीकरण का राष्ट्रीय कानून है।

शासन को सशक्त बनाना

नए नियमों से प्रशासन में पारदर्शिता, मानकीकरण और डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय निकाय और राजस्व अधिकारियों की जिम्मेदारी स्पष्ट कर तमिलनाडु इस प्रणाली को और प्रभावी बना रहा है।
स्टैटिक जीके तथ्य: तमिलनाडु देश में उन राज्यों में है, जहाँ नागरिक पंजीकरण दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है।

निष्कर्ष

जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियम 2025 ने तमिलनाडु की प्रणाली को आधुनिक बनाया है। डिजिटल रिकॉर्ड, संशोधित स्वीकृति तंत्र और सख्त रिपोर्टिंग मानदंडों के जरिए यह व्यवस्था अधिक सटीक, सुलभ और पारदर्शी बन गई है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
राज्य तमिलनाडु
नए नियम लागू 2025
बदले गए नियम 2000 नियम
30 दिन–1 वर्ष देरी पर स्वीकृति तहसीलदार
पूर्व प्राधिकरण ग्राम पंचायत अध्यक्ष
सबमिशन आवश्यकता निर्धारित प्रारूप, बिना संक्षेप
प्रमाणपत्र प्रारूप इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र
राष्ट्रीय कानून जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969
महत्व जनसांख्यिकीय डेटा और शासन को मजबूत करना
जुड़ी पहल डिजिटल इंडिया, 2015
New System of Birth and Death Registration in Tamil Nadu
  1. तमिलनाडु ने जन्म और मृत्यु नियम 2025 (2000 के नियमों का स्थान) लागू किया।
  2. मानकीकृत प्रारूप लागू किए (संक्षिप्तीकरण नहीं)।
  3. जनसांख्यिकीय आंकड़ों की सटीकता को मज़बूत किया।
  4. तहसीलदार विलंबित पंजीकरण (30 दिन-1 वर्ष) को मंज़ूरी दे सकते हैं।
  5. पहले यह शक्ति ग्राम पंचायत अध्यक्ष के पास थी।
  6. प्रमाण पत्र अब इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में जारी किए जाते हैं।
  7. ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया (2015) का समर्थन करता है।
  8. डिजिटल रिकॉर्ड = तेज़, पारदर्शी, कम कागजी कार्रवाई।
  9. जन्म/मृत्यु की समय पर रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करता है।
  10. विलंबित रिपोर्टिंग के लिए उच्च प्राधिकारी की मंज़ूरी आवश्यक है।
  11. कल्याणकारी योजनाओं, उत्तराधिकार दावों, स्वास्थ्य रिकॉर्ड में मदद करता है।
  12. राष्ट्रीय कानून: जन्म और मृत्यु अधिनियम, 1969।
  13. तहसीलदार = तालुका स्तर पर प्रमुख राजस्व अधिकारी।
  14. तमिलनाडु = नागरिक पंजीकरण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक।
  15. पंजीकरण दर राष्ट्रीय औसत से अधिक।
  16. कुशल जनसांख्यिकीय शासन सुनिश्चित करता है।
  17. डेटा-संचालित नीति नियोजन को सुदृढ़ करता है।
  18. नागरिकों के लिए डिजिटल पहुँच को बढ़ावा देता है।
  19. राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही में सुधार करता है।
  20. तमिलनाडु में आधुनिक शासन सुधार का प्रतिनिधित्व करता है।

Q1. तमिलनाडु ने नए जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियम किस वर्ष लागू किए?


Q2. 30 दिन से 1 वर्ष तक की विलंबित पंजीकरण को मंज़ूरी देने का अधिकार अब किसके पास है?


Q3. भारत में जन्म और मृत्यु पंजीकरण को कौन सा राष्ट्रीय क़ानून नियंत्रित करता है?


Q4. पंजीकरण के ई-प्रमाणपत्र किस डिजिटल पहल से जुड़े हैं?


Q5. नागरिक पंजीकरण में तमिलनाडु का ऐतिहासिक स्थान क्या रहा है?


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