परिचय
यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई रणनीति पेश की है। सितंबर 2025 में प्रस्तुत इस एजेंडा में पाँच रणनीतिक स्तंभों की पहचान की गई है जो सहयोग का मार्गदर्शन करेंगे। यह पहल व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा में भारत की वैश्विक भूमिका की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है।
समृद्धि और स्थिरता
पहला स्तंभ आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन और औद्योगिक प्रगति पर ज़ोर देता है। यूरोपीय संघ और भारत डिकार्बोनाइजेशन और सतत प्रथाओं में सहयोग करेंगे। इस पर विशेष ध्यान है कि इस्पात और सीमेंट जैसी भारी उद्योगों से उत्सर्जन कम किया जाए।
स्थिर GK तथ्य: यूरोपीय संघ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (अमेरिका और चीन के बाद)।
व्यापार और निवेश को बढ़ावा
एजेंडा का प्राथमिक लक्ष्य मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और निवेश संरक्षण समझौते (IPA) को शीघ्र पूरा करना है। इन समझौतों से निवेश प्रवाह और व्यापार अवसरों को मज़बूती मिलेगी। व्यावसायिक साझेदारियाँ इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
स्थिर GK तथ्य: भारत–EU FTA पर बातचीत 2007 में शुरू हुई थी, लेकिन इसमें कई बार देरी हुई।
आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक सुरक्षा
व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) सहयोग बढ़ाने की मुख्य व्यवस्था होगी। EU–India सेमीकंडक्टर समझौता जैसी पहल आपूर्ति श्रृंखलाओं को और मज़बूत बनाने का लक्ष्य रखती हैं। यह विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए अहम है, जो व्यवधानों के प्रति संवेदनशील रहते हैं।
स्वच्छ संक्रमण और नवाचार
एजेंडा का एक मुख्य बिंदु स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण है। सहयोग में भारी उद्योगों का डिकार्बोनाइजेशन और नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार शामिल होगा। साथ ही, EU–India Innovation Hubs स्थापित किए जाएँगे ताकि उभरती प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाया जा सके।
स्थिर GK टिप: भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-L1 2023 में सूर्य का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया।
डिजिटल सहयोग और अनुसंधान
दोनों पक्ष डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) पर सहयोग करके डिजिटल माहौल को मज़बूत करना चाहते हैं। अनुसंधान संबंध परमाणु ऊर्जा और ITER Project (सतत न्यूक्लियर फ्यूज़न तकनीक के विकास हेतु) जैसे क्षेत्रों तक विस्तारित होंगे।
सुरक्षा और रक्षा
रणनीति वैश्विक सुरक्षा खतरों पर साझा चिंता को दर्शाती है। सहयोग इंडो-पैसिफिक, समुद्री व्यवस्था और उभरती सुरक्षा चुनौतियों को कवर करेगा। यह एशिया में EU की व्यापक भागीदारी को भी दर्शाता है।
स्थिर GK तथ्य: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र विश्व की लगभग 60% समुद्री व्यापारिक मार्गों का केंद्र है।
संपर्क और वैश्विक मुद्दे
साझेदारी अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में संपर्क परियोजनाओं तक विस्तारित होगी। भारत की महा सागर पहल और EU की Global Gateway परियोजना को जोड़कर क्षेत्रीय अवसंरचना और शासन को मज़बूत किया जाएगा।
आगे की चुनौतियाँ
आशावाद के बावजूद, यूरोपीय संघ ने भारत के रूस के साथ रक्षा सहयोग और तेल आयात पर चिंता जताई है। ये मुद्दे रणनीतिक एकीकरण की गति को जटिल बना सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
रणनीति लॉन्च | सितंबर 2025 |
मुख्य संस्थाएँ | यूरोपीय आयोग और उच्च प्रतिनिधि |
रणनीतिक स्तंभ | समृद्धि, व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ संक्रमण, सुरक्षा |
प्रमुख समझौते | मुक्त व्यापार समझौता (FTA), निवेश संरक्षण समझौता (IPA) |
तकनीकी फोकस | सेमीकंडक्टर, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन हब्स |
ऊर्जा सहयोग | परमाणु ऊर्जा, ITER, स्वच्छ संक्रमण |
सुरक्षा सहयोग | इंडो-पैसिफिक, समुद्री व्यवस्था |
संपर्क परियोजनाएँ | EU Global Gateway और भारत की महा सागर पहल |
व्यापार रैंकिंग | भारत का तीसरा सबसे बड़ा साझेदार EU |
चुनौती | रूस के साथ भारत के तेल और रक्षा संबंध |