तमिलनाडु की नई पहल
तमिलनाडु वन विभाग ने अद्यार मुहाने के बैटल ऑफ अद्यार द्वीप पर एक नया मैंग्रोव बेल्ट बनाया है। यह पारिस्थितिक परियोजना जैव विविधता को बढ़ाने और तटीय पर्यावरण को कटाव से बचाने पर केंद्रित है। यह पहल भारत के जलवायु सहनशीलता और संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप है।
लगाए गए मैंग्रोव प्रजातियां
यहाँ लगाए गए मैंग्रोव में Rhizophora mucronata, Rhizophora apiculata, Avicennia marina और Excoecaria agallocha शामिल हैं। इन प्रजातियों की जड़ें मजबूत होती हैं, जो मिट्टी को स्थिर करती हैं और तटीय क्षेत्रों में कटाव को कम करती हैं।
स्थिर GK तथ्य: भारत में लगभग 4,975 वर्ग किलोमीटर मैंग्रोव आवरण है (वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार)।
आक्रामक प्रजातियों का हटाना
रोपण से पहले आक्रामक प्रजाति Prosopis juliflora को हटाया गया। यह पौधा तेजी से फैलकर जैव विविधता को कम करता है और देशी पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरा बनता है। इसके हटाने से देशी मैंग्रोव के लिए जगह बनी।
स्थिर GK तथ्य: Prosopis juliflora को भारत में 19वीं सदी के उत्तरार्ध में सूखा-प्रतिरोधी प्रजाति के रूप में लाया गया था।
फिशबोन नहर संरचना
मैंग्रोव की वृद्धि के लिए फिशबोन नहर संरचना बनाई गई है। इसमें 3 मुख्य नहरें और 62 वितरण नहरें हैं। यह डिजाइन द्वीप पर जल प्रवाह को सुनिश्चित करता है और ज्वारीय आदान-प्रदान तथा पोषक तत्वों का संचलन करता है, जो मैंग्रोव के जीवित रहने के लिए आवश्यक है।
पारिस्थितिक लाभ
यह हरित पट्टी मिट्टी का कटाव कम करती है, मत्स्य आवास को सुधारती है और चक्रवातीय तूफानों के खिलाफ प्राकृतिक ढाल प्रदान करती है। यह कार्बन अवशोषण को भी बढ़ाती है, क्योंकि मैंग्रोव प्रभावी “ब्लू कार्बन सिंक” माने जाते हैं।
स्थिर GK टिप: मैंग्रोव उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में 4 गुना अधिक कार्बन संग्रहीत कर सकते हैं।
जैव विविधता को सहयोग
पुनर्स्थापित मैंग्रोव पट्टी प्रवासी पक्षियों, छोटे स्तनधारियों और जलीय जीवों को आश्रय देती है। यह मुहाने में मछलियों के प्रजनन स्थलों को भी सुधारती है। इस तरह की पारिस्थितिक पुनर्स्थापन परियोजनाएँ विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
स्थिर GK तथ्य: पश्चिम बंगाल का सुंदरबन विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है, जिसे भारत और बांग्लादेश साझा करते हैं।
राष्ट्रीय और राज्य महत्व
यह परियोजना तमिलनाडु के जलवायु अनुकूलन प्रयासों को मजबूत करती है। बंगाल की खाड़ी तट पर बार-बार आने वाले चक्रवातों के बीच, मैंग्रोव प्राकृतिक रक्षा तंत्र प्रदान करते हैं। यह भारत की जैव विविधता संधि और पेरिस जलवायु समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं का भी समर्थन करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्थान | बैटल ऑफ अद्यार द्वीप, अद्यार मुहाना, तमिलनाडु |
विभाग | तमिलनाडु वन विभाग |
लगाई गई प्रजातियाँ | Rhizophora mucronata, Rhizophora apiculata, Avicennia marina, Excoecaria agallocha |
हटाई गई आक्रामक प्रजाति | Prosopis juliflora |
संरचना | फिशबोन डिज़ाइन – 3 मुख्य नहरें और 62 वितरण नहरें |
उद्देश्य | कटाव को कम करना और जैव विविधता का संरक्षण |
कार्बन लाभ | ब्लू कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है |
वैश्विक तुलना | सबसे बड़ा मैंग्रोव वन: सुंदरबन (भारत–बांग्लादेश) |
भारत का मैंग्रोव आवरण | 4,975 वर्ग कि.मी. (FSI 2021) |
राज्य महत्व | तमिलनाडु के तटीय जलवायु सहनशीलता को मजबूत करना |