सितम्बर 22, 2025 2:14 पूर्वाह्न

एनसीबी वार्षिक रिपोर्ट 2024 और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ भारत की लड़ाई

चालू घटनाएँ:NCB Annual Report 2024, गृह मंत्रालय, NDPS अधिनियम, डार्कनेट मार्केट, सिंथेटिक ड्रग्स, समुद्री तस्करी, MANAS हेल्पलाइन, NCORD पोर्टल, पंजाब बॉर्डर, नशा मुक्त भारत अभियान

NCB Annual Report 2024 and India’s Fight Against Drug Trafficking

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का परिचय

  • NCB भारत की शीर्ष राष्ट्रीय एजेंसी है जो मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी से लड़ती है।
  • स्थापना: 1986 (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances – NDPS Act, 1985 के तहत)।
  • मंत्रालय: गृह मंत्रालय
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

स्थैतिक GK तथ्य: NDPS अधिनियम, 1985 मादक पदार्थों और मनोदैहिक पदार्थों से जुड़े संचालन पर कड़ा नियंत्रण और विनियमन प्रदान करता है।

भारत की भौगोलिक संवेदनशीलता

भारत दो प्रमुख वैश्विक नशीले पदार्थ उत्पादन क्षेत्रों के बीच स्थित है:

  • डेथ क्रिसेंट (Death Crescent): अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान (पश्चिम)
  • डेथ ट्रायंगल (Death Triangle): म्यांमार, थाईलैंड, लाओस (पूर्व)

इससे भारत ट्रांसनेशनल ड्रग नेटवर्क्स के लिए अत्यधिक संवेदनशील बन जाता है।

  • पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर – पाकिस्तान से हेरोइन तस्करी के लिए प्रमुख लक्ष्य।
  • उत्तर-पूर्वी राज्य – म्यांमार के उत्पादन केंद्रों की नज़दीकी के कारण संवेदनशील।

समुद्री मार्ग से तस्करी

भारत की 7,500 किमी से अधिक लंबी तटरेखा तस्करों के लिए आसान लक्ष्य है।

  • मुंबई, गुजरात, केरल, तमिलनाडु – सिंथेटिक ड्रग्स और केमिकल्स की तस्करी के प्रमुख हब।
    ➡️ रुझान पौधाधारित नशीले पदार्थों से रासायनिक रूप से तैयार दवाओं की ओर शिफ्ट हो गया है।

उभरते रुझान

  • सिंथेटिक ड्रग्स: मेथाम्फेटामाइन, LSD, मेफेड्रोन।
  • गुप्त लैब्स: महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तर-पूर्व।
  • डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी: गुमनामी और वैश्विक पहुँच उपलब्ध कराती है।
  • ड्रोन का इस्तेमाल: भारत-पाक सीमा पर नशीले पदार्थ भेजने में वृद्धि।
  • समुद्री तस्करी: चाबहार, ग्वादर और कराची बंदरगाहों से।

सरकारी पहल

भारत सरकार की प्रमुख पहलकदमियाँ:

  • Prevention of Illicit Traffic in NDPS Act, 1988
  • NCORD पोर्टल: अंतर-एजेंसी समन्वय के लिए
  • NIDAAN डेटाबेस: गिरफ्तार नशा अपराधियों की जानकारी साझा करना
  • MANAS हेल्पलाइन: सहायता और जागरूकता
  • Drug-Free India Campaign: सामाजिक जागरूकता और पुनर्वास

स्थैतिक GK तथ्य: NCORD तंत्र सीधे केंद्रीय गृह मंत्री की देखरेख में काम करता है ताकि राज्यों और केंद्र की एजेंसियों में तालमेल सुनिश्चित हो।

सुझाए गए मज़बूत कदम

विशेषज्ञों के अनुसार राज्यों को तीन स्तरों पर कार्टेल तोड़ने की रणनीति बनानी होगी:

  1. प्रवेश बिंदु (Entry points)
  2. राज्य स्तरीय वितरण (State distribution)
  3. स्थानीय नेटवर्क (Local networks)

🔹 संयुक्त तंत्र – NCB, CBI और राज्य पुलिस का समन्वय
🔹 विशेष स्क्वॉड – हवाला नेटवर्क, क्रिप्टो-आधारित लेनदेन और वित्तीय trails पर निगरानी
🔹 उभरती तकनीक – AI और ब्लॉकचेन विश्लेषण का इस्तेमाल

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
NCB की स्थापना 1986 (NDPS Act, 1985 के तहत)
प्रशासनिक मंत्रालय गृह मंत्रालय
मुख्यालय नई दिल्ली
भारत के संवेदनशील क्षेत्र डेथ क्रिसेंट और डेथ ट्रायंगल
हेरोइन तस्करी प्रभावित राज्य पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर
तटीय तस्करी हब मुंबई, गुजरात, केरल, तमिलनाडु
प्रमुख सिंथेटिक ड्रग्स मेथाम्फेटामाइन, LSD, मेफेड्रोन
प्रमुख सरकारी पोर्टल NCORD (National Narcotics Coordination Portal)
हेल्पलाइन पहल MANAS राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन
प्रमुख कानून Prevention of Illicit Traffic in NDPS Act, 1988

 

NCB Annual Report 2024 and India’s Fight Against Drug Trafficking
  1. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की स्थापना एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत 1986 में हुई थी।
  2. एनसीबी गृह मंत्रालय मुख्यालय, नई दिल्ली के अधीन काम करता है।
  3. भारत डेथ क्रिसेंट (अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान) और डेथ ट्रायंगल (म्यांमार, थाईलैंड, लाओस) के बीच स्थित है।
  4. पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर हेरोइन तस्करी के प्रमुख राज्य हैं।
  5. तटीय राज्य मुंबई, गुजरात, केरल, तमिलनाडु सिंथेटिक ड्रग तस्करी का सामना करते हैं।
  6. भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा समुद्री निगरानी को महत्वपूर्ण बनाती है।
  7. मेथ, एलएसडी, मेफेड्रोन जैसी सिंथेटिक दवाओं का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है।
  8. महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और पूर्वोत्तर राज्यों में गुप्त ड्रग प्रयोगशालाएँ पाई गईं।
  9. डार्कनेट प्लेटफ़ॉर्म और क्रिप्टोकरेंसी गुमनाम वैश्विक लेनदेन को संभव बनाते हैं।
  10. भारत-पाकिस्तान सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल।
  11. समुद्री मार्गों में चाबहार, ग्वादर और कराची बंदरगाह शामिल हैं।
  12. प्रमुख पहल: खुफिया जानकारी साझा करने के लिए एनसीओआरडी पोर्टल और निदान डेटाबेस।
  13. मानस हेल्पलाइन नशीले पदार्थों के बारे में जागरूकता और सहायता प्रदान करती है।
  14. नशामुक्त भारत अभियान जागरूकता और पुनर्वास प्रयासों को मज़बूत करता है।
  15. एनडीपीएस अधिनियम, 1988 में अवैध तस्करी की रोकथाम कार्रवाई को सशक्त बनाती है।
  16. विशेषज्ञ एनसीबी, सीबीआई और राज्य पुलिस की संयुक्त व्यवस्था का सुझाव देते हैं।
  17. राज्यों से हवाला और क्रिप्टो-आधारित लेनदेन की निगरानी करने का आग्रह किया गया।
  18. एआई और ब्लॉकचेन विश्लेषण से ड्रग कार्टेल का खात्मा हो सकता है।
  19. केंद्रीय गृह मंत्री के अधीन समन्वय से एजेंसियों का सहयोग सुनिश्चित होता है।
  20. भारत तीन-स्तरीय लड़ाई को मज़बूत कर रहा है: प्रवेश, वितरण और स्थानीय नेटवर्क।

Q1. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की स्थापना कब हुई थी?


Q2. कौन-से दो वैश्विक नशीले पदार्थ उत्पादक क्षेत्र भारत को असुरक्षित बनाते हैं?


Q3. भारत में किन सिंथेटिक ड्रग्स का बढ़ाव देखा गया है?


Q4. भारत में मादक पदार्थ-रोधी प्रयासों का समन्वय कौन-सा पोर्टल करता है?


Q5. भारत–पाकिस्तान सीमा पर तस्कर कौन-सी नई विधि का उपयोग कर रहे हैं?


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