खोज का विवरण
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अंडमान द्वीपसमूह के पूर्वी तट से 17 किमी दूर स्थित श्री विजयपुरम 2 कुएँ में प्राकृतिक गैस की खोज की घोषणा की। यह खोज भारत की ऊर्जा अन्वेषण कोशिशों में एक अहम मील का पत्थर है। इससे घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
स्थिर जीके तथ्य: अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह 572 द्वीपों का समूह है, जो बंगाल और अंडमान समुद्रों के संगम पर स्थित है।
हाइड्रोकार्बन की संभावनाएँ
भारत के हाइड्रोकार्बन संसाधन आकलन अध्ययन (HRAS) के अनुसार अंडमान-निकोबार बेसिन में 371 मिलियन मीट्रिक टन ऑयल इक्विवेलेंट (MMTOE) का अनुमान है। यह बेसिन बंगाल-अराकान अवसादी तंत्र का हिस्सा है और भारतीय व बर्मी प्लेटों की सीमा पर स्थित है। यहाँ की संरचनात्मक गतिविधि ने ऐसे स्ट्रेटीग्राफिक ट्रैप्स बनाए हैं, जो हाइड्रोकार्बन संचयन के लिए आदर्श हैं।
स्थिर जीके टिप: बंगाल-अराकान अवसादी तंत्र म्यांमार और बांग्लादेश तक फैला हुआ है और क्षेत्रीय हाइड्रोकार्बन की संभावनाओं को प्रभावित करता है।
क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य
उत्तरी सुमात्रा (इंडोनेशिया) और इरावदी-मार्गुई (म्यांमार) बेसिनों में भी बड़ी गैस खोजें हुई हैं। इन क्षेत्रीय खोजों से अंडमान-निकोबार बेसिन में भविष्य की अपार संभावनाएँ साबित होती हैं। भारत की यह खोज इन्हीं रुझानों से मेल खाती है और इस क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को मज़बूत बनाती है।
रणनीतिक महत्व
भारत का लक्ष्य 2030 तक गैस आधारित अर्थव्यवस्था स्थापित करना और अपनी ऊर्जा टोकरी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाना है। वर्तमान में घरेलू उत्पादन मांग का केवल 50% पूरा करता है और शेष आयात क़तर, अमेरिका और यूएई से किया जाता है। आयात निर्भरता कम करने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाना अनिवार्य है।
स्थिर जीके तथ्य: प्राकृतिक गैस की खपत में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है — अमेरिका, रूस और चीन के बाद।
अन्वेषण पहल
भारत में प्राकृतिक गैस अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की गई हैं:
- हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (HELP), 2016: सभी हाइड्रोकार्बन के लिए समान लाइसेंसिंग ढांचा और ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) की शुरुआत।
- राष्ट्रीय गहरे जल अन्वेषण मिशन: बड़े पैमाने पर गहरे समुद्र में अन्वेषण की योजना।
- अन्य पहलें: राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी, राष्ट्रीय भूकंपीय कार्यक्रम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 100% FDI की अनुमति।
स्थिर जीके टिप: भारत प्राकृतिक गैस अन्वेषण में वैश्विक निवेश और उन्नत तकनीक आकर्षित करने के लिए 100% FDI की अनुमति देता है।
आर्थिक और ऊर्जा परिदृश्य
यह खोज भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मज़बूत करेगी और स्वच्छ ईंधनों की ओर संक्रमण को गति देगी। घरेलू गैस उत्पादन बढ़ने से एलएनजी आयात पर निर्भरता घटेगी, ऊर्जा कीमतें स्थिर होंगी और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
स्थिर जीके तथ्य: द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) को -162°C पर तरल रूप में रखा जाता है, जिससे इसका आयतन कम होकर आसान परिवहन संभव होता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
खोज | अंडमान बेसिन में प्राकृतिक गैस |
कुएँ का नाम | श्री विजयपुरम 2 |
स्थान | अंडमान द्वीपसमूह के पूर्वी तट से 17 किमी दूर |
अनुमानित हाइड्रोकार्बन | 371 MMTOE |
बेसिन | अंडमान-निकोबार बेसिन |
भूविज्ञान | बंगाल-अराकान अवसादी तंत्र |
प्रमुख नीतियाँ | HELP 2016, OALP |
रणनीतिक लक्ष्य | 2030 तक गैस आधारित अर्थव्यवस्था, 15% गैस हिस्सा |
मौजूदा आयात स्रोत | क़तर, अमेरिका, यूएई |
FDI नीति | प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 100% FDI की अनुमति |