परिचय
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने मौजूदा NIC 2008 को बदलने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण 2025 (NIC 2025) का मसौदा जारी किया है। यह वर्गीकरण भारत में आर्थिक गतिविधियों को सांख्यिकीय और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए वर्गीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
NIC क्या है
NIC कोड एक संख्यात्मक वर्गीकरण प्रणाली है, जो आर्थिक गतिविधियों को संरचित श्रेणियों में विभाजित करती है। यह डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग में समानता सुनिश्चित करती है। इन कोडों का उपयोग सर्वेक्षण, जनगणना, आर्थिक शोध और नीति नियोजन में व्यापक रूप से किया जाता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
भारत ने 1962 में अपना पहला मानक औद्योगिक वर्गीकरण (Standard Industrial Classification) पेश किया था।
वर्गीकरण का विकास
भारत की वर्गीकरण प्रणाली संयुक्त राष्ट्र द्वारा विकसित अंतर्राष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) के अनुरूप कई बार संशोधित की गई है। NIC 2008, ISIC Rev. 4 के साथ संरेखित किया गया था। नवीनतम मसौदा NIC 2025 इस परंपरा को आगे बढ़ाता है और नए तथा उभरते क्षेत्रों को शामिल करता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
ISIC को पहली बार 1948 में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग द्वारा प्रकाशित किया गया था।
शासन में NIC का महत्व
NIC कोड केवल शोध तक सीमित नहीं हैं। ये कंपनी पंजीकरण, कराधान, श्रम नीतियों और आर्थिक नियमन में भी अहम हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इन कोडों पर निर्भर करती हैं ताकि नीति निर्माण और क्षेत्रीय डेटा रिपोर्टिंग में एकरूपता बनी रहे।
NIC 2025 का मसौदा – विशेषताएँ
मसौदा NIC 2025 का उद्देश्य पिछले दशक में अर्थव्यवस्था में आए संरचनात्मक बदलावों को पकड़ना है। इसमें आधुनिक सेवाएँ, डिजिटल उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत विनिर्माण शामिल हैं। यह वर्गीकरण नीति-निर्माताओं और व्यवसायों को रुझानों की पहचान करने में अधिक सहायक होगा।
आर्थिक योजना से संबंध
NIC जीडीपी अनुमान, राष्ट्रीय खातों और औद्योगिक वृद्धि आकलन की रीढ़ है। मानकीकृत श्रेणियाँ प्रदान करके यह भारतीय डेटा की तुलना वैश्विक सांख्यिकीय मानकों से संभव बनाता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान टिप
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO), जो अब MoSPI का हिस्सा है, भारत में राष्ट्रीय खातों के लिए प्रमुख प्राधिकरण है।
आगे की राह
NIC 2025 का परिचय डेटा संग्रह को परिष्कृत करेगा, अंतरराष्ट्रीय संगतता को बढ़ाएगा और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को समर्थन देगा। अंतिम अधिसूचना से पहले हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मसौदा NIC 2025 | सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी |
वर्तमान संस्करण | NIC 2008, ISIC Rev. 4 के अनुरूप |
भारत का पहला वर्गीकरण | मानक औद्योगिक वर्गीकरण, 1962 |
वैश्विक संदर्भ | अंतर्राष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) |
महत्व | सर्वेक्षण, जनगणना, पंजीकरण, कराधान और नीति निर्माण में उपयोगी |
प्रमुख उपयोगकर्ता | केंद्र व राज्य सरकारें, व्यवसाय, शोधकर्ता |
NIC 2025 का कवरेज | डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, उन्नत सेवाएँ |
MoSPI की भूमिका | सांख्यिकीय मानकों और राष्ट्रीय खातों की देखरेख |
संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी | ISIC, UN सांख्यिकीय आयोग द्वारा विकसित |
NIC 2025 का उद्देश्य | आर्थिक बदलावों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करना और वैश्विक संरेखण |