एक दशक का उत्सव
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का 10वाँ संस्करण 2025 में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), गोवा में मनाया गया।
कार्यक्रम में गोवा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।
इस वर्ष की थीम “Ayurveda for People and Planet” रही, जिसने स्थिरता और वैश्विक कल्याण पर बल दिया।
स्थैतिक तथ्य: भारत में आयुर्वेद को 2014 में स्थापित आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आधिकारिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है।
बढ़ता वैश्विक प्रभाव
आज आयुर्वेद 150 से अधिक देशों में मौजूद है और “वैकल्पिक चिकित्सा” से एक समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में परिवर्तित हो चुका है।
NAMASTE पोर्टल और Ayush HMIS जैसे डिजिटल मंच इसकी पहुँच और वैज्ञानिक प्रमाणिकता को बढ़ा रहे हैं।
स्थैतिक टिप: WHO ने 2022 में गुजरात के जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए ग्लोबल सेंटर स्थापित किया।
आधुनिक चिकित्सा से एकीकरण
एक महत्वपूर्ण पहल रही AIIA गोवा में इंटीग्रेटिव ऑन्कोलॉजी यूनिट, जिसे टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ मिलकर विकसित किया गया।
यह पहल कैंसर उपचार में आयुर्वेदिक सिद्धांतों और आधुनिक ऑन्कोलॉजी को मिलाकर समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है।
यह उदाहरण दर्शाता है कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा साथ मिलकर बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
आयुर्वेद और पर्यावरणीय स्थिरता
2025 की थीम ने पारिस्थितिक स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका पर जोर दिया।
विशेष रूप से गोवा के वेस्टर्न घाट और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र में औषधीय पौधों के संरक्षण और सतत खेती पर ध्यान दिया गया।
स्थैतिक तथ्य: वेस्टर्न घाट UNESCO विश्व धरोहर स्थल हैं और औषधीय वनस्पतियों की समृद्ध विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं।
निवारक स्वास्थ्य देखभाल
आयुर्वेद निवारक स्वास्थ्य के लिए मजबूत ढांचा प्रदान करता है।
- दिनचर्या (Dinacharya) और ऋतुचर्या (Ritucharya) जीवनशैली रोगों जैसे मधुमेह, मोटापा और तनाव को नियंत्रित करने में मददगार हैं।
- डिटॉक्स थैरेपी, हर्बल मेडिसिन, योग और संतुलित आहार सतत स्वास्थ्य प्रबंधन की रीढ़ हैं।
सार्वजनिक स्वास्थ्य भागीदारी
देश का स्वास्थ्य परीक्षण अभियान में 1.29 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया, जिसमें 1.8 लाख स्वयंसेवकों का सहयोग रहा।
इस अभियान ने 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए।
यह आयुर्वेद की जनभागीदारी और डेटा–आधारित स्वास्थ्य मॉडल में अनुकूलन क्षमता को दर्शाता है।
नए डिजिटल और शैक्षणिक उपक्रम
- DRAVYA पोर्टल लॉन्च हुआ, जिससे आयुर्वेदिक पदार्थों का डिजिटलीकरण संभव हुआ।
- नए शैक्षणिक और औद्योगिक समझौते (MoUs) हुए।
- रान–भाजी उत्सव आयोजित हुआ, जिसमें आयुर्वेदिक आहार के लिए महत्त्वपूर्ण वनों की सब्ज़ियों को बढ़ावा दिया गया।
- नए शोध प्रकाशन और नवाचारों ने ज्ञान का दायरा बढ़ाया।
नेतृत्व और भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।
बल दिया गया कि इसका प्रचार नैतिकता, वैज्ञानिक प्रमाणिकता और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में एकीकरण पर आधारित हो।
युवा, शोधकर्ता और चिकित्सकों से इस दृष्टि को आगे बढ़ाने का आह्वान किया गया।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2025 | 10वाँ संस्करण (AIIA गोवा में) |
थीम | Ayurveda for People and Planet |
वैश्विक पहुँच | 150+ देशों में मान्यता |
डिजिटल मंच | NAMASTE पोर्टल, आयुष HMIS, DRAVYA पोर्टल |
समन्वित चिकित्सा | टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ ऑन्कोलॉजी यूनिट |
गिनीज रिकॉर्ड | 5 रिकॉर्ड स्वास्थ्य अभियान से |
जनभागीदारी | 1.29 करोड़ नागरिक, 1.8 लाख स्वयंसेवक |
संरक्षण | वेस्टर्न घाट के औषधीय पौधों पर फोकस |
सांस्कृतिक आयोजन | रान-भाजी उत्सव (वन सब्ज़ियाँ) |
वैश्विक नेतृत्व | पीएम मोदी की भूमिका |