शहरी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप मिल रहा है
NAKSHA (नेशनल जिओस्पैशियल नॉलेज–बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हैबिटेशन्स) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेखों को सटीक, पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। जैसे-जैसे शहरीकरण तेज़ हो रहा है, सटीक और अद्यतन भूमि डेटा की आवश्यकता बढ़ रही है।
इस कार्यक्रम का दूसरा प्रशिक्षण चरण 2 जून 2025 से शुरू हो रहा है। पहले चरण में 160 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया था। अब 157 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) से 304 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अगले चरण में योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ा सकें।
NAKSHA क्या है?
NAKSHA केवल भूमि का नक्शा बनाने की प्रक्रिया नहीं है। यह एक ऐसा डिजिटल टूल है जो शहरी शासन को स्मार्ट, कुशल और नागरिकों के अनुकूल बनाता है। वर्ष 2031 तक भारत की शहरी आबादी 600 मिलियन को पार करने की संभावना है। ऐसे में ज़मीन से जुड़ी विवाद, स्वामित्व भ्रम, और नियोजन की जटिलताएं बढ़ेंगी। NAKSHA जैसी योजनाएं इन समस्याओं को रोकने में सहायक बनेंगी।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
- शहरी भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक बनाना और डिजिटल एक्सेस आसान बनाना
- स्मार्ट सिटी योजनाओं में रीयल–टाइम निर्णय लेने में मदद
- स्वामित्व और सीमाओं को स्पष्ट करके भूमि विवादों में कमी लाना
- वेब-GIS आधारित प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाना
- सतत शहरी विकास को बढ़ावा देना आंकड़ों और नक्शों के माध्यम से
अधिकारियों का प्रशिक्षण कैसे हो रहा है?
प्रशिक्षण कार्यक्रम को देश के 5 उत्कृष्ट प्रशिक्षण केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है:
- LBSNAA, मसूरी
- यशदा, पुणे
- उत्तर–पूर्व क्षेत्र केंद्र, गुवाहाटी
- महात्मा गांधी संस्थान, चंडीगढ़
- पंजाब प्रशिक्षण संस्थान, मैसूरु
यहां GNSS, ETS सर्वेक्षण, कानूनी प्रक्रिया और भू–अभिलेख प्रबंधन जैसे विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
तकनीक जो बदलाव ला रही है
- ड्रोन मैपिंग से हर कोना उच्च गुणवत्ता के साथ मैप किया जा रहा है
- Web-GIS प्लेटफॉर्म सभी डेटा को एकीकृत और उपयोग में आसान बनाता है
- नागरिक अब ऑनलाइन भूमि विवरण जांच सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार कम होता है और सेवाएं तेज़ होती हैं
परियोजना के पीछे कौन है और वित्त पोषण कैसे हो रहा है?
NAKSHA को भूमि संसाधन विभाग संचालित कर रहा है, जिसमें सर्वे ऑफ इंडिया और NICSI की साझेदारी है। यह पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और कुल बजट ₹194 करोड़ है।
पायलट चरण में योजना 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 152 ULBs में पहले ही शुरू की जा चुकी है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तत्व | विवरण |
NAKSHA का पूर्ण रूप | National Geospatial Knowledge-based Land Survey of Urban Habitations |
शुरुआत वर्ष | 2025 (दूसरा चरण – 2 जून से) |
मुख्य तकनीक | ड्रोन, वेब-GIS, GNSS, ETS |
संचालन संस्था | भूमि संसाधन विभाग |
प्रशिक्षण संस्थान | LBSNAA मसूरी, यशदा पुणे, गुवाहाटी, चंडीगढ़, मैसूरु |
कवर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | 26 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश (पायलट चरण) |
बजट | ₹194 करोड़ |
लक्षित आबादी (2031 तक) | 600 मिलियन शहरी निवासी |
सुविधा | नागरिकों को भूमि रिकॉर्ड की ऑनलाइन पहुँच |
ऐतिहासिक तथ्य | Survey of India की स्थापना 1767 में हुई थी, यह भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है |