सितम्बर 13, 2025 5:41 अपराह्न

एम.एस. स्वामीनाथन कृषि परिवर्तन की एक शताब्दी

चालू घटनाएँ: एम. एस. स्वामीनाथन, भारत रत्न, एवरग्रीन रेवोल्यूशन, हरित क्रांति, बायोहैप्पीनेस, उन्नत फसल किस्में, सतत कृषि पद्धतियाँ, जैविक खेती, गाँव ज्ञान केंद्र, अनुकूलनशील फसल एग्रोनॉमी

MS Swaminathan A Century of Agricultural Transformation

शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने एम. एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जो उनके जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ।
सम्मेलन का विषय एवरग्रीन रेवोल्यूशन पाथवे टू बायोहैप्पीनेस था, जो खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ आगे बढ़ाने के उनके मिशन का प्रतीक है।
स्थैतिक जीके तथ्य: एवरग्रीन रेवोल्यूशन का लक्ष्य पर्यावरण की रक्षा करते हुए कृषि उत्पादन को निरंतर बढ़ाना है।

जीवन और सम्मान

मंकॉम्बू सम्बशिवन स्वामीनाथन (1925–2023) भारत के अग्रणी कृषि वैज्ञानिक थे जिन्होंने देश की खेती का परिदृश्य बदल दिया।
उन्हें रमन मैगसेसे पुरस्कार (1971), पहला वर्ल्ड फूड प्राइज (1987), यूएनईपी ससाकावा पर्यावरण पुरस्कार (1994) और यूनेस्को गांधी स्वर्ण पदक (1999) से सम्मानित किया गया।
2024 में उन्हें भारत रत्न मरणोपरांत प्रदान किया गया।
स्थैतिक जीके तथ्य: वर्ल्ड फूड प्राइज खाद्य और कृषि के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है।

वैश्विक प्रभाव के पद

स्वामीनाथन योजना आयोग के सदस्य (1980–82), संयुक्त राष्ट्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास आयोग के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (फिलीपींस) के महानिदेशक रहे।
उन्होंने एम. एस. स्वामीनाथन अनुसंधान फाउंडेशन (MSSRF) की स्थापना की, जो ग्रामीण समृद्धि और पारिस्थितिकीय स्थिरता पर केंद्रित है।

कृषि में क्रांतिकारी योगदान

1950 में उन्होंने तुषारप्रतिरोधी आलू संकर किस्में और इंडिकाजापोनिका संकरण से उच्च उपज वाली धान की किस्में विकसित कीं।
1963 में नॉर्मन बोरलॉग के साथ मिलकर उन्होंने गेहूँ में बौना जीन जोड़ा, जिससे पौधे छोटे और मजबूत हुए तथा उपज में कई गुना वृद्धि हुई।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में हरित क्रांति 1960 के दशक में शुरू हुई, जिसने खाद्यान्न उत्पादन में भारी वृद्धि की और आयात पर निर्भरता घटाई।

नवोन्मेषी कृषि मॉडल

उन्होंने क्रॉप कैफेटेरिया की अवधारणा दी, जिसमें कई फसल किस्मों को एक साथ बोकर पोषण विविधता बढ़ाई जाती है।
क्रॉप डिस्ट्रीब्यूशन एग्रोनॉमी तकनीक से किसान मौसम के बीच में फसल योजना बदलकर बेहतर गुणवत्ता और उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने स्वामीनाथन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कृषि को लाभकारी और टिकाऊ बनाने के उपाय सुझाए।

एवरग्रीन रेवोल्यूशन के सिद्धांत

यह आंदोलन जैविक खेती, समेकित कीट प्रबंधन, संतुलित पोषण उपयोग और सतत संसाधन प्रबंधन पर आधारित है।
गाँव ज्ञान केंद्र किसानों को क्षेत्र-विशिष्ट सलाह देते हैं, जबकि बायोविलेज प्राकृतिक संसाधन संरक्षण और आजीविका सृजन को जोड़ते हैं।
स्थैतिक जीके टिप: बायोविलेज मॉडल में कृषि, सहायक गतिविधियों और गैर-कृषि उद्यमों का समावेश कर स्थिर आय सुनिश्चित की जाती है।

समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता

स्वामीनाथन ने हमेशा सामाजिक समानता, आर्थिक न्याय और लैंगिक समानता का समर्थन किया, ताकि ग्रामीण समाज के सभी वर्गों तक कृषि विकास के लाभ पहुँच सकें।

Static Usthadian Current Affairs Table

तथ्य विवरण
जन्म वर्ष 1925
भारत रत्न वर्ष 2024 (मरणोपरांत)
उपाधि भारत में हरित क्रांति के जनक
पहला वर्ल्ड फूड प्राइज वर्ष 1987
भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1960 का दशक
शताब्दी सम्मेलन का विषय एवरग्रीन रेवोल्यूशन – द पाथवे टू बायोहैप्पीनेस
स्थापित संस्था एम. एस. स्वामीनाथन अनुसंधान फाउंडेशन
यूएनईपी ससाकावा पुरस्कार वर्ष 1994
यूनेस्को गांधी स्वर्ण पदक वर्ष 1999
गेहूँ अनुसंधान सहयोगी नॉर्मन बोरलॉग
MS Swaminathan A Century of Agricultural Transformation
  1. शताब्दी सम्मेलन का विषय: सदाबहार क्रांति – जैव-सुख का मार्ग।
  2. एम.एस. स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है।
  3. 1925 में जन्म, 2023 में निधन।
  4. 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित।
  5. 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीता।
  6. 1987 में प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार जीता।
  7. 1994 में यूएनईपी सासाकावा पर्यावरण पुरस्कार जीता।
  8. 1999 में यूनेस्को गांधी स्वर्ण पदक जीता।
  9. 1950 में पाला-प्रतिरोधी आलू संकर विकसित किए।
  10. 1963 में नॉर्मन बोरलॉग के साथ उच्च उपज वाला गेहूँ विकसित किया।
  11. भारत में हरित क्रांति 1960 के दशक में शुरू हुई।
  12. एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की।
  13. फसल कैफेटेरिया और फसल वितरण कृषि विज्ञान की शुरुआत की।
  14. राष्ट्रीय किसान आयोग की अध्यक्षता की।
  15. जैविक खेती और कीट प्रबंधन की वकालत की।
  16. किसानों के लिए ग्राम ज्ञान केंद्र बनाए।
  17. पर्यावरण-अनुकूल आजीविका के लिए जैव-ग्राम विकसित किए।
  18. अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक के रूप में कार्य किया।
  19. संयुक्त राष्ट्र और योजना आयोग में पदों पर रहे।
  20. कृषि में लैंगिक समानता के लिए प्रयास किया।

Q1. भारतीय कृषि में एम. एस. स्वामीनाथन को किस नाम से जाना जाता है?


Q2. उन्हें पहला वर्ल्ड फूड प्राइज किस वर्ष मिला था?


Q3. उनके शताब्दी सम्मेलन का विषय क्या था?


Q4. 2024 में उन्हें मरणोपरांत कौन सा पुरस्कार दिया गया?


Q5. किसने उनके साथ बौनेपन के जीन को शामिल करते हुए गेहूं अनुसंधान में सहयोग किया?


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