भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29–30 अगस्त 2025 को टोक्यो में होने वाले 15वें भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह उनकी जापान की आठवीं यात्रा होगी और नव-निर्वाचित जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से उनकी पहली मुलाकात होगी।
सम्मेलन में विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी, जिसे दोनों देशों ने 2014 में पीएम मोदी की पहली जापान यात्रा के दौरान शुरू किया था। मुख्य फोकस रक्षा सहयोग, व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाएँ, स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर सहयोग पर रहेगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत और जापान ने 2014 में विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी समझौता किया था।
क्षेत्रीय और वैश्विक संवाद
दोनों देश इंडो-पैसिफिक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक स्थिरता पर चर्चा करेंगे। जापान G7 और क्वाड का महत्वपूर्ण सदस्य है, और यह साझेदारी भारत की इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित व्यवस्था की पहल को मजबूत करती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलनों की परंपरा 2005 में शुरू हुई थी।
तिआनजिन में SCO शिखर सम्मेलन
मोदी 31 अगस्त–1 सितंबर 2025 को चीन के तिआनजिन में आयोजित शांघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। यह सम्मेलन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेज़बानी में होगा। SCO एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देश शामिल हैं। भारत 2017 से इसका पूर्ण सदस्य है।
स्थैतिक जीके तथ्य: SCO की स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी, जिसमें छह संस्थापक सदस्य थे – चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान।
SCO में भारत की भूमिका
भारत ने 2022–23 में SCO की अध्यक्षता की थी, जिससे यूरेशिया मामलों में उसकी बढ़ती भूमिका स्पष्ट हुई। इस बार मोदी की भागीदारी आतंकवाद-रोधी प्रयासों, क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक एकीकरण पर भारत की सक्रियता को दर्शाएगी।
द्विपक्षीय वार्ताएँ
SCO के इतर मोदी मध्य एशिया, रूस और चीन के नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। इन बैठकों का फोकस सुरक्षा सहयोग और व्यापार रहेगा। सीमा संबंधी चुनौतियों के बावजूद भारत इस मंच पर व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
यात्रा का सामरिक महत्व
यह यात्रा भारत की बहु–संरेखित कूटनीति को दर्शाती है। जापान यात्रा इंडो-पैसिफिक सुरक्षा में लोकतांत्रिक सहयोगी के साथ संबंध मजबूत करती है, जबकि चीन में SCO शिखर सम्मेलन भारत की यूरेशियाई भूमिका को उजागर करता है। टोक्यो और बीजिंग दोनों के साथ संतुलित जुड़ाव भारत की अंतरराष्ट्रीय क्षमता का प्रतीक है।
स्थैतिक जीके टिप: भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समूह का हिस्सा है, जो समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर केंद्रित है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| यात्रा की तिथियाँ | 29 अगस्त – 1 सितंबर 2025 |
| पहला चरण | जापान (15वां भारत–जापान शिखर सम्मेलन, टोक्यो) |
| जापानी प्रधानमंत्री | शिगेरू इशिबा (मोदी से पहली मुलाकात) |
| मोदी की जापान यात्राएँ | आठवीं यात्रा |
| साझेदारी | विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी (2014) |
| दूसरा चरण | चीन (SCO शिखर सम्मेलन, तिआनजिन) |
| SCO स्थापना | 2001, शंघाई |
| भारत की SCO सदस्यता | 2017 से पूर्ण सदस्य |
| SCO अध्यक्षता | भारत ने 2022–23 में की |
| प्रमुख विषय | इंडो-पैसिफिक सुरक्षा, यूरेशियाई सहयोग, व्यापार, आतंकवाद-रोधी |





