कृषि इनपुट्स के क्षेत्र में नया मील का पत्थर
केंद्रीय कृषि मंत्री ने नई दिल्ली के पूसा कॉम्प्लेक्स में राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) के अत्याधुनिक बीज प्रसंस्करण और पैकेजिंग संयंत्र का उद्घाटन किया।
यह पहल भारत की बीज आपूर्ति श्रृंखला (Seed Supply Chain) को सशक्त बनाते हुए किसानों के लिए गुणवत्ता, पारदर्शिता और सुलभता सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
यह संयंत्र विशेष रूप से सब्जी और पुष्प बीजों पर केंद्रित है और इसकी प्रसंस्करण क्षमता 1 टन प्रति घंटा है।
साथ ही, बरेली, धारवाड़, हासन, सूरतगढ़ और रायचूर में पांच नए संयंत्रों का भी वर्चुअल उद्घाटन किया गया, जिनकी प्रत्येक की क्षमता 4 टन प्रति घंटा है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
पूसा संस्थान क्षेत्र, जिसे पहले इम्पीरियल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (1905) के नाम से जाना जाता था, भारत का अग्रणी कृषि अनुसंधान केंद्र है।
एनएससी की भूमिका और विरासत
राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) की स्थापना 1963 में की गई थी और यह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
यह भारत का प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है जो प्रमाणित गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण की जिम्मेदारी निभाता है।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
NSC पूरे देश में आनुवंशिक रूप से शुद्ध (Genetically Pure) और विश्वसनीय बीज उपलब्ध कराता है तथा फाउंडेशन और ब्रीडर बीजों के प्रबंधन में भी प्रमुख भूमिका निभाता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
NSC देशभर में 250 से अधिक बीज उत्पादन फ़ार्मों का संचालन करता है और लगभग 8,000 बीज उत्पादकों के साथ सहयोग करता है।
बीज प्रबंधन में डिजिटल परिवर्तन
उद्घाटन समारोह के दौरान सीड मैनेजमेंट 2.0 सिस्टम का भी शुभारंभ किया गया — यह एक अगली पीढ़ी का डिजिटल इंटरफेस है जो बीज उत्पादन, भंडारण और आपूर्ति की रीयल–टाइम ट्रैकिंग की सुविधा देता है।
इसके साथ ही, एक ऑनलाइन बीज–बुकिंग पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से किसान सीधे बीज खरीद सकते हैं।
इस प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी, बिचौलियों की भूमिका घटेगी और बीज आपूर्ति अधिक कुशल बनेगी।
ये डिजिटल नवाचार लॉजिस्टिक देरी को कम करने, बीज की ट्रैसेबिलिटी सुनिश्चित करने और किसानों को गुणवत्ता प्रमाणित (Certified) बीज उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए हैं।
किसानों और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव
नई प्रसंस्करण क्षमता के साथ NSC अब राज्यों में बढ़ती मांग को पूरा कर सकेगा और आपूर्ति दक्षता में सुधार करेगा।
सब्जी और पुष्प बीजों पर फोकस बागवानी क्षेत्र (Horticulture Sector) को बढ़ावा देता है, जो भारत की कृषि GDP में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
डिजिटल और भौतिक अवसंरचना के एकीकरण के माध्यम से NSC का लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाना है, ताकि वे उच्च गुणवत्ता वाले बीज समय पर प्राप्त कर सकें।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
भारत कुल कृषि उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है और दाल, चावल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
सरकार की दृष्टि के अनुरूप पहल
यह पहल सरकार के मिशन “बीज सुरक्षा से पोषण सुरक्षा” (Seed Security for Nutritional Security) के अनुरूप है और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) तथा डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2021–25 जैसी राष्ट्रीय योजनाओं को भी सुदृढ़ करती है।
इससे कृषि इनपुट्स की गुणवत्ता में सुधार होगा, सतत कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आयातित बीजों पर निर्भरता घटेगी।
NSC का यह आधुनिकीकरण भारत के डेटा–आधारित और आत्मनिर्भर कृषि तंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| कार्यक्रम | एनएससी बीज प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन |
| स्थान | पूसा कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली |
| उद्घाटनकर्ता | केंद्रीय कृषि मंत्री |
| प्रसंस्करण क्षमता | दिल्ली – 1 टन प्रति घंटा; अन्य स्थानों पर – 4 टन प्रति घंटा |
| NSC की स्थापना वर्ष | 1963 |
| डिजिटल पहल | सीड मैनेजमेंट 2.0 और ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म |
| NSC मुख्यालय | नई दिल्ली |
| संबद्ध मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
| मुख्य फसलें | सब्जी और पुष्प बीज |
| सहायक योजनाएँ | डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2021–25, बीज सुरक्षा पहल |





