भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी छलांग
भारतीय स्टार्टअप GalaxEye ने मिशन दृष्टि (Mission Drishti) की घोषणा की है — यह भारत का पहला मल्टी–सेंसर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह होगा, जिसे 2026 की शुरुआत में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, क्योंकि इसमें एक ही मंच पर सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) और उच्च–रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल सेंसर को एकीकृत किया गया है।
यह नवाचार भारत को एआई–आधारित सैटेलाइट विश्लेषण के नए युग में ले जाता है और उन्नत अंतरिक्ष अवलोकन प्रणालियों में इसकी वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है।
स्थैतिक तथ्य: भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 1975 में सोवियत सहयोग से लॉन्च किया गया था, जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था।
मिशन का अवलोकन
मिशन दृष्टि का वजन 160 किलोग्राम है और यह 1.5 मीटर रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें प्रदान करेगा, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा निजी रूप से निर्मित उपग्रह बन जाएगा। यह उपग्रह हर मौसम और रोशनी की स्थिति में लगातार इमेजिंग करने में सक्षम है, जिससे पारंपरिक ऑप्टिकल प्रणालियों की सीमाएँ समाप्त होती हैं।
यह सिविल और सामरिक दोनों प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए रीयल–टाइम ऑब्ज़र्वेशन डेटा उपलब्ध कराएगा।
स्थैतिक टिप: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मुख्यालय बेंगलुरु में है और यह चंद्रयान और मंगलयान जैसी प्रमुख परियोजनाओं के लिए जाना जाता है।
मिशन दृष्टि की तकनीकी विशेषताएँ
इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें SAR और ऑप्टिकल पेलोड को एक ही उपग्रह पर जोड़ा गया है।
- SAR तकनीक बादलों, अंधकार और प्रतिकूल मौसम में भी इमेजिंग की अनुमति देती है।
- ऑप्टिकल सेंसर अत्यंत विस्तृत दृश्य डेटा कैप्चर करते हैं।
इन दोनों तकनीकों के संयोजन से बहु–स्तरीय भू–स्थानिक विश्लेषण (Geospatial Analysis) संभव होता है, जो अभूतपूर्व स्पष्टता और गहराई प्रदान करता है।
यह एकीकरण एआई–आधारित विश्लेषणात्मक मॉडल बनाने में मदद करता है, जो आपदा प्रबंधन, अवसंरचना विकास और पर्यावरण निगरानी में भविष्यवाणी की सटीकता बढ़ाता है।
अनुप्रयोग और लाभार्थी
उपग्रह द्वारा प्राप्त वास्तविक समय डेटा अनेक क्षेत्रों में उपयोगी होगा:
• रक्षा और सीमा निगरानी: स्थिति जागरूकता में वृद्धि।
• आपदा प्रबंधन: तेज़ मूल्यांकन और प्रतिक्रिया योजना।
• कृषि: फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता का आकलन।
• अवसंरचना मॉनिटरिंग: संरचनात्मक बदलाव और शहरी विस्तार की पहचान।
• बीमा और वित्त: सटीक इमेजरी के माध्यम से जोखिम मूल्यांकन।
इन क्षमताओं से सरकारी एजेंसियाँ, रक्षा प्रतिष्ठान, और निजी उद्योग डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम होंगे, जो राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करेगा।
भविष्य की विस्तार योजनाएँ
GalaxEye अगले चार वर्षों में 8–10 उपग्रहों का समूह (constellation) तैनात करने की योजना बना रही है। यह नेटवर्क स्थानिक, स्पेक्ट्रल और समयगत रिज़ॉल्यूशन को बढ़ाएगा और वैश्विक निगरानी कवरेज सुनिश्चित करेगा।
ऐसी प्रणाली भारत को स्पेस इंटेलिजेंस और रिमोट सेंसिंग समाधान का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगी।
स्थैतिक तथ्य: भारत 2023 में Artemis Accords का पूर्ण सदस्य बना, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिला।
रणनीतिक महत्व
मिशन दृष्टि भारत के निजी अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के उदय का प्रतीक है और सरकार की अंतरिक्ष उदारीकरण नीति की सफलता को दर्शाता है। एआई, रडार और ऑप्टिकल तकनीकों के संयोजन से यह बढ़ते भू–राजनीतिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच अतुलनीय इमेजरी इंटेलिजेंस प्रदान करता है।
यह मिशन भारत को कम लागत वाले, उच्च–प्रेसिशन स्पेस इनोवेशन में अग्रणी बनाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
लॉन्च एजेंसी | GalaxEye (भारतीय निजी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप) |
मिशन का नाम | Mission Drishti |
लॉन्च वर्ष | 2026 (प्रारंभिक) |
उपग्रह का वजन | 160 किलोग्राम |
रिज़ॉल्यूशन | 1.5 मीटर |
प्रयुक्त तकनीक | SAR और ऑप्टिकल सेंसर एकीकरण |
प्रमुख अनुप्रयोग | रक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, वित्त, अवसंरचना निगरानी |
भविष्य की योजना | 4 वर्षों में 8–10 उपग्रह तैनात करना |
GalaxEye मुख्यालय | बेंगलुरु, भारत |
वैश्विक महत्व | विश्व का पहला मल्टी-सेंसर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह प्लेटफ़ॉर्म |