पूर्ण जलस्तर उपलब्धि
सलेम ज़िले में स्थित स्टैनली जलाशय (मेट्टूर बांध) ने 20 अक्टूबर 2025 को अपना पूर्ण जलस्तर (FRL) 120 फीट तक पहुँच लिया। यह इस वर्ष का सातवाँ अवसर है जब बांध ने अपनी पूरी क्षमता हासिल की।
इससे पहले बांध ने 12 जून, 5 जुलाई, 28 जुलाई, 19 अगस्त, 15 सितंबर और 3 अक्टूबर 2025 को भी FRL प्राप्त किया था।
इतनी बार पूर्ण जलस्तर तक पहुँचना 1977 के बाद पहली बार हुआ है।
स्थैतिक जीके तथ्य: मेट्टूर बांध तमिलनाडु के सबसे बड़े बांधों में से एक है और यह कावेरी डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बाढ़ चेतावनी और सुरक्षा उपाय
बांध के पूरी तरह भर जाने के बाद, प्रशासन ने 11 डेल्टा ज़िलों में बाढ़ चेतावनी जारी की है।
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
यह चेतावनी राज्य के तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (TNSDMA) द्वारा मानसून के दौरान अधिक जल प्रवाह की स्थिति में लागू किए जाने वाले प्रोटोकॉल का हिस्सा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: TNSDMA राज्यभर में बाढ़ चेतावनी जारी करने और राहत कार्यों के समन्वय की ज़िम्मेदारी निभाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1977 वह अंतिम वर्ष था जब मेट्टूर बांध ने एक ही वर्ष में सात बार FRL तक पानी भरा था।
इसके विपरीत, 2024 में केवल तीन बार बांध पूरी क्षमता तक भरा था।
यह दिखाता है कि 2025 में बारिश की मात्रा और ऊपरी क्षेत्रों से जल छोड़ने के पैटर्न में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
स्थैतिक जीके टिप: मेट्टूर बांध का निर्माण 1934 में कावेरी नदी पर किया गया था, और इसका उपयोग सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जलविद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।
जलाशय की क्षमता और महत्व
मेट्टूर बांध की कुल क्षमता 93.47 टीएमसी फीट है।
इस स्तर को बनाए रखना कावेरी डेल्टा सिंचाई प्रणाली के लिए आवश्यक जल उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
मेट्टूर बांध से प्राप्त जल धान की खेती, पेयजल वितरण और औद्योगिक उपयोग के लिए अहम है।
स्थैतिक जीके तथ्य: यह बांध स्टैनली हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट को भी जल आपूर्ति करता है, जो तमिलनाडु की विद्युत ग्रिड को नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करता है।
पर्यावरणीय और कृषि प्रभाव
बांध का पूरी तरह भरना जल उपलब्धता के लिए अच्छा संकेत है, लेकिन अत्यधिक जल संचयन बाढ़ के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
निचले इलाकों में जलभराव से बचने के लिए सुरक्षित जल निकासी और रिलीज़ प्रणाली आवश्यक है।
2025 के रिकॉर्ड-स्तरीय जल प्रवाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सतत निगरानी और उन्नत बाढ़ प्रबंधन प्रणालियाँ अत्यंत आवश्यक हैं।
स्थैतिक जीके टिप: तमिलनाडु मानसून के दौरान बार-बार जल प्रवाह में वृद्धि का अनुभव करता है, इसलिए मेट्टूर बांध बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| बांध का नाम | मेट्टूर बांध (स्टैनली जलाशय) |
| स्थान | सलेम ज़िला, तमिलनाडु |
| पूर्ण जलस्तर (FRL) | 120 फीट |
| 2025 में FRL तक पहुँचना (बार) | 7 बार |
| पिछली बार 7 बार FRL तक पहुँचा वर्ष | 1977 |
| बांध की कुल क्षमता | 93.47 टीएमसी फीट |
| बाढ़ चेतावनी | 11 डेल्टा ज़िलों में जारी |
| मुख्य उपयोग | सिंचाई, पेयजल, जलविद्युत उत्पादन |
| 2024 में FRL तक पहुँचना | 3 बार |
| नदी | कावेरी नदी |





