रीजनल ऑर्गेनिक पुश
मेघालय ने अपना पहला नॉर्थईस्ट इंडिया ऑर्गेनिक वीक होस्ट किया है, जो इस इलाके को ग्लोबल ऑर्गेनिक मार्केटप्लेस में एक मजबूत प्लेयर के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। चार दिन का यह इवेंट एक्सपर्ट्स, बायर्स और यूथ लीडर्स को एक साथ लाता है ताकि इलाके के बायोडायवर्सिटी से चलने वाले प्रोड्यूस को हाईलाइट किया जा सके।
इस पहल का मकसद किसानों के लिए मार्केट एक्सेस को मजबूत करना और बढ़ते सस्टेनेबल फूड सेक्टर में लॉन्ग-टर्म कमर्शियल पार्टनरशिप को बढ़ावा देना है।
सभी इंस्टीट्यूशन्स के बीच सहयोग
यह प्रोग्राम राज्य एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, APEDA, यूनियन कॉमर्स मिनिस्ट्री और IFOAM-ऑर्गेनिक्स एशिया के साथ मिलकर ऑर्गनाइज़ करता है। अधिकारियों ने बताया कि यह मल्टी-लेवल सहयोग हाई-वैल्यू ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लिए ग्लोबल लिंकेज को बढ़ाने के लिए बहुत ज़रूरी है।
स्टैटिक GK फैक्ट: APEDA को 1986 में एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी एक्ट के तहत भारत के एग्रीकल्चरल एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।
ग्लोबल डेलीगेशन और मार्केट लिंकेज
मलेशिया, ताइवान, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड और इंडोनेशिया समेत 13 देशों के डेलीगेशन और इंपोर्टर इस इवेंट में हिस्सा ले रहे हैं।
इसका एक खास आकर्षण APEDA बायर-सेलर मीट है, जिसे रीजनल प्रोड्यूसर और सर्टिफाइड और सस्टेनेबल प्रोडक्ट की तलाश करने वाले ग्लोबल ऑर्गेनिक मार्केट के बीच सीधा कनेक्शन बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
स्टैटिक GK टिप: इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन रिकॉर्ड के अनुसार, किसानों की संख्या के मामले में भारत सबसे बड़ा ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर है।
मेघालय के ऑर्गेनिक प्रोड्यूस की ताकत
अधिकारियों ने अदरक, हल्दी, फल और खास मसालों जैसे खास आइटम के ज़रिए मेघालय की ऑर्गेनिक क्षमता को दिखाया। इन प्रोडक्ट को राज्य की रिच बायोडायवर्सिटी, अनुकूल मौसम और कम्युनिटी द्वारा चलाए जाने वाले खेती के तरीकों से फायदा होता है।
APEDA के प्रतिनिधियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हाई-क्वालिटी ऑर्गेनिक प्रोड्यूस की बढ़ती ग्लोबल डिमांड के कारण यह इलाका उभरते मार्केट का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। यूथ लीडरशिप और इकोनॉमिक ग्रोथ
इस इवेंट में चौथा IFOAM वर्ल्ड ऑर्गेनिक यूथ समिट भी शामिल है, जिसका मकसद युवा लीडर्स को ऑर्गेनिक एंटरप्रेन्योरशिप और सस्टेनेबल वैल्यू चेन डेवलप करने के लिए प्रेरित करना है।
अधिकारियों ने बताया कि महामारी के बाद मेघालय की इकोनॉमिक रिकवरी काफी हद तक खेती से हुई है, जिससे भविष्य की ग्रोथ के लिए युवाओं की भागीदारी ज़रूरी हो गई है।
स्टैटिक GK फैक्ट: मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक पूरा राज्य बना, जिसने भारत के नॉर्थ-ईस्ट इकोनॉमिक लैंडस्केप में अहम योगदान दिया।
रीजनल पहचान को मज़बूत करना
यह इवेंट नॉर्थ-ईस्ट की पहचान को एक बायोडायवर्सिटी से भरपूर इलाके के तौर पर मज़बूत करता है जो ग्लोबल ऑर्गेनिक मार्केट में मुकाबला करने में सक्षम है। युवाओं, ग्लोबल खरीदारों और खेती करने वाले समुदायों को जोड़कर, मेघालय खुद को सस्टेनेबल खेती और एक्सपोर्ट पर आधारित ऑर्गेनिक डेवलपमेंट के भविष्य के हब के तौर पर पेश करता है।
स्टैटिक GK टिप: खासी, गारो और जैंतिया समुदाय मेघालय के मुख्य ट्राइबल ग्रुप हैं और पारंपरिक खेती के तरीकों में अहम भूमिका निभाते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम | पहला नॉर्थईस्ट इंडिया ऑर्गेनिक वीक |
| मेजबान राज्य | मेघालय |
| प्रमुख साझेदार | APEDA, केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय, IFOAM–ऑर्गेनिक्स एशिया |
| शामिल देश | 13 |
| प्रमुख गतिविधियाँ | खरीदार–विक्रेता बैठक, युवा सम्मेलन, मार्केट लिंक सेशन |
| प्रदर्शित प्रमुख उत्पाद | अदरक, हल्दी, फल, विशेष मसाले |
| फोकस क्षेत्र | वैश्विक ऑर्गेनिक बाजारों तक पहुंच बढ़ाना |
| युवा सहभागिता | 4वां IFOAM वर्ल्ड ऑर्गेनिक यूथ समिट |
| आर्थिक संदर्भ | मेघालय में कृषि-आधारित आर्थिक वृद्धि |
| क्षेत्रीय शक्ति | जैव विविधता आधारित ऑर्गेनिक खेती |





