मेडिकल पर्यटकों का बढ़ता रुझान
जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच भारत में 1,31,856 विदेशी मरीज उपचार के लिए आए, जो इस अवधि में कुल विदेशी पर्यटक आगमन का 4.1% है। पिछले वर्षों में यह क्षेत्र लगातार बढ़ा है—2020 में 1,82,945 से बढ़कर 2024 में 6,44,387 मेडिकल पर्यटक आए।
स्थैतिक GK तथ्य: 2022–23 में भारत के मेडिकल टूरिज्म उद्योग ने लगभग 9 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया, जो 2026 तक 13 अरब अमेरिकी डॉलर पार करने का अनुमान है।
मेडिकल टूरिज्म के प्रमुख देश
पिछले पांच वर्षों में, बांग्लादेश, इराक, सोमालिया, ओमान और उज़्बेकिस्तान से अधिकतर मेडिकल यात्री आए हैं। इनमें बांग्लादेश लगातार सबसे आगे है—केवल 2024 में ही 4,82,336 बांग्लादेशी मरीज उपचार के लिए भारत आए।
नीतिगत समर्थन और वीज़ा सुविधा
हील इन इंडिया कार्यक्रम भारत को वैश्विक हेल्थकेयर सेवाओं में अग्रणी बनाने का प्रमुख सरकारी अभियान है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए यह योजना अस्पतालों, एयरलाइनों, होटलों, फ़ैसिलिटेटर्स और नियामक संस्थाओं को जोड़ती है। अब 171 देशों के नागरिकों को ई-चिकित्सा वीज़ा और ई-चिकित्सा सहायक वीज़ा उपलब्ध है, जिससे आगमन प्रक्रिया आसान हो गई है।
स्थैतिक GK टिप: भारत में वर्तमान में 1,700+ अस्पताल NABH मान्यता प्राप्त हैं और 60 से अधिक अस्पताल JCI वैश्विक मान्यता प्राप्त हैं।
आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का संगम
भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की खासियत उन्नत चिकित्सा सुविधाओं और आयुष—आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी—के पारंपरिक उपचारों का अद्वितीय मिश्रण है। यहां उपचार की लागत पश्चिमी देशों की तुलना में 90% तक कम है, जिसे कुशल डॉक्टरों और बढ़ती टेलीमेडिसिन सेवाओं का सहयोग प्राप्त है।
स्थैतिक GK तथ्य: चेन्नई को भारत की स्वास्थ्य राजधानी कहा जाता है, जो लगभग 45% विदेशी मरीजों को आकर्षित करता है और प्रतिदिन लगभग 150 विदेशी मरीजों का इलाज करता है।
राज्यों की भूमिका
राज्य भी अपने-अपने मेडिकल टूरिज्म ढांचे विकसित कर रहे हैं। गुजरात स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्रों को ट्रेनिंग, ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रचार के जरिए बढ़ावा दे रहा है। 2025 में राजस्थान ने हील इन राजस्थान नीति शुरू की, जो आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा को जोड़ने, पारदर्शी मूल्य निर्धारण, मान्यता प्रणाली मजबूत करने और गुणवत्तापूर्ण ढांचा बनाने पर केंद्रित है।
भविष्य की संभावनाएँ
सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं, मजबूत वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, सरल वीज़ा नियम और राज्य-विशिष्ट रणनीतियां भारत के मेडिकल टूरिज्म को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी। ई-संजीवनी और आने वाले हील इन इंडिया पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म मरीजों की यात्रा को उपचार से पहले, दौरान और बाद में सरल बनाएंगे।
स्थैतिक GK टिप: डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 भारत में मरीजों की जानकारी की गोपनीयता के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
FTAs (जन–अप्रैल 2025) | 1,31,856 (कुल FTAs का 4.1%) |
2024 कुल FTAs | 6,44,387 (2020 में 1,82,945 से वृद्धि) |
शीर्ष स्रोत देश | बांग्लादेश (2024 में 4,82,336 आगमन) |
वीज़ा सुविधा | 171 देशों के लिए ई-मेडिकल वीज़ा / ई-मेडिकल अटेंडेंट वीज़ा |
प्रमुख पहल | हील इन इंडिया – PPP आधारित अभियान, आधुनिक और आयुष चिकित्सा का संगम |