अक्टूबर 18, 2025 7:37 अपराह्न

राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान

चालू घटनाएँ: तमिलनाडु मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र, Mediation for Nation, 1,361 मामले निपटाए गए, 25,584 मामले संदर्भित, वैवाहिक विवाद, दुर्घटना मुआवजा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, ऑनलाइन एवं हाइब्रिड मध्यस्थता

Mediation for Nation Campaign

अभियान का अवलोकन

“Mediation for Nation” अभियान, तमिलनाडु मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र (Tamil Nadu Mediation and Conciliation Centre) द्वारा शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसका उद्देश्य मध्यस्थता (Mediation) के माध्यम से विवादों के निपटारे को प्रोत्साहित करना था।
1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 के बीच, कुल 25,584 मामलों को राज्यभर में मध्यस्थता के लिए संदर्भित किया गया।
इस अभियान का लक्ष्य था — तेज़, कम खर्चीला और सौहार्दपूर्ण समाधान (Amicable Settlement) प्रदान करना, जिससे न्यायालयों पर भार कम हो

स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में मध्यस्थता की अवधारणा को Legal Services Authorities Act, 1987 के तहत लागू किया गया है, जो वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली (Alternative Dispute Resolution – ADR) को बढ़ावा देता है।

निपटाए गए मामलों के प्रकार

अभियान के दौरान 1,361 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया।
इनमें वैवाहिक विवाद (Matrimonial Disputes), दुर्घटना मुआवजा (Accident Claims), घरेलू हिंसा (Domestic Violence), चेक बाउंस (Cheque Bounce) तथा वाणिज्यिक विवाद (Commercial Disputes) शामिल थे।
मध्यस्थता के माध्यम से पक्षों को लंबे मुकदमों के बिना पारस्परिक सहमति (Mutual Agreement) से समाधान पाने का अवसर मिला।

स्थैतिक जीके टिप: भारत में वैवाहिक और घरेलू हिंसा से संबंधित विवाद सबसे अधिक मध्यस्थता मामलों में आते हैं, क्योंकि इनका भावनात्मक और सामाजिक पक्ष अत्यंत संवेदनशील होता है।

मध्यस्थता के प्रकार

अभियान में भौतिक (Physical), ऑनलाइन (Online) और हाइब्रिड (Hybrid) तीनों प्रकार की मध्यस्थता पर ज़ोर दिया गया।

  • भौतिक सत्र – न्यायिक केंद्रों में आमने-सामने चर्चा के माध्यम से हुए।
  • ऑनलाइन सत्र – दूरस्थ प्रतिभागियों के लिए डिजिटल माध्यम से आयोजित किए गए।
  • हाइब्रिड मॉडल – दोनों प्रकार के सम्मिलित उपयोग से अधिक लचीलापन (Flexibility) प्रदान किया गया।

स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में e-Courts Mission Mode Project शुरू होने के बाद से Online Dispute Resolution (ODR) की अवधारणा को तेजी से अपनाया गया है।

प्रभाव और महत्व

यह अभियान न्यायालयों के बोझ को कम करने में मध्यस्थता की प्रभावशीलता का प्रमाण बना।
1,361 मामलों के तेज़ निपटारे ने यह सिद्ध किया कि वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली (ADR) से

  • समय की बचत होती है,
  • मुकदमेबाजी खर्च घटता है,
  • और पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध (Amicable Relations) बने रहते हैं।

स्थैतिक जीके टिप: मध्यस्थता में गोपनीयता (Confidentiality), स्वैच्छिक भागीदारी (Voluntary Participation) और तेज़ निष्पादन (Speedy Resolution) — पारंपरिक न्याय प्रणाली की तुलना में बेहतर होते हैं।

अभियान ने नागरिकों में मध्यस्थता के लाभों के प्रति जागरूकता (Public Awareness) भी बढ़ाई।
लोगों को प्रोत्साहित किया गया कि न्यायालय में मामला दायर करने से पहले मध्यस्थता का विकल्प चुनें।
ऑनलाइन और हाइब्रिड माध्यमों का समावेश इस प्रणाली की तकनीकी अनुकूलता (Technological Adaptability) को भी दर्शाता है।

स्थैतिक जीके तथ्य: सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC), 1908 की धारा 89 (Section 89) अदालतों को यह निर्देश देती है कि मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने से पहले वैकल्पिक समाधान तरीकों (जैसे मध्यस्थता) पर विचार करें।

भविष्य की संभावनाएँ

इस अभियान की सफलता के बाद, तमिलनाडु मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र ने इस तरह की और पहलें राज्यभर में लागू करने की योजना बनाई है।
विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग को बढ़ाकर मध्यस्थता को और तेज़, पारदर्शी और सर्वसुलभ (Accessible) बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
अभियान का नाम Mediation for Nation
आयोजन संस्था तमिलनाडु मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र (Tamil Nadu Mediation and Conciliation Centre)
अवधि 1 जुलाई – 30 सितंबर 2025
कुल संदर्भित मामले 25,584
सफलतापूर्वक निपटाए गए मामले 1,361
विवादों के प्रकार वैवाहिक, दुर्घटना, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद
मध्यस्थता के प्रकार भौतिक, ऑनलाइन, हाइब्रिड
मुख्य लाभ तेज़ निपटारा, कम लागत, सौहार्दपूर्ण समझौते
कानूनी ढाँचा Legal Services Authorities Act, 1987; Section 89 CPC, 1908
Mediation for Nation Campaign
  1. तमिलनाडु मध्यस्थता और सुलह केंद्र द्वारा आयोजित।
  2. अभियान की अवधि: 1 जुलाई – 30 सितंबर, 2025।
  3. राज्य भर में मध्यस्थता के लिए 25,584 मामले भेजे गए।
  4. 1,361 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया।
  5. वैवाहिक, दुर्घटना और वाणिज्यिक मामलों जैसे विवादों को कवर किया गया।
  6. तेज़ और लागत प्रभावी विवाद समाधान को बढ़ावा दिया गया।
  7. विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत संचालित।
  8. सीपीसी 1908 की धारा 89 अदालतों को मध्यस्थता की संभावना तलाशने का आदेश देती है।
  9. गोपनीय और स्वैच्छिक समाधान को बढ़ावा देता है।
  10. भौतिक, ऑनलाइन और हाइब्रिड मध्यस्थता के तरीकों का उपयोग करता है।
  11. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पहुँच को बढ़ाता है।
  12. ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट से जुड़ा है।
  13. न्यायिक बोझ और मुकदमेबाजी की लागत को कम करता है।
  14. सौहार्दपूर्ण समझौतों और सामाजिक सद्भाव को प्रोत्साहित करता है।
  15. मध्यस्थता के लाभों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाता है।
  16. घरेलू हिंसा और वैवाहिक मामले इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
  17. भारत में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) को मज़बूत बनाता है।
  18. अधिक श्रेणियों और मामलों तक विस्तार का लक्ष्य रखता है।
  19. नागरिक-अनुकूल और तकनीक-आधारित मध्यस्थता को बढ़ावा देता है।
  20. एक तेज़, डिजिटल न्याय प्रणाली की ओर भारत के कदम का प्रतिनिधित्व करता है।

Q1. “मेडिएशन फॉर नेशन” अभियान किस संगठन ने शुरू किया?


Q2. अभियान के दौरान कितने मामलों को मध्यस्थता (Mediation) के लिए भेजा गया?


Q3. कितने मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया?


Q4. भारत में मध्यस्थता और विधिक सेवाओं को कौन-सा अधिनियम नियंत्रित करता है?


Q5. दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की कौन-सी धारा अदालतों को मुकदमे से पहले मध्यस्थता का प्रयास करने का निर्देश देती है?


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