ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
महापरिनिर्वाण दिवस हर साल 6 दिसंबर को भारत के सबसे प्रभावशाली समाज सुधारकों में से एक डॉ. बी आर अंबेडकर की पुण्यतिथि के सम्मान में मनाया जाता है। बौद्ध दर्शन में महापरिनिर्वाण शब्द का मतलब परम मुक्ति की स्थिति है, जो जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति को दिखाता है।
स्टेटिक GK फैक्ट: परिनिर्वाण का कॉन्सेप्ट बौद्ध शिक्षाओं का केंद्र है, जो ज्ञान प्राप्ति के बाद अंतिम मुक्ति का प्रतीक है।
अंबेडकर का बौद्ध धर्म की ओर सफर
डॉ. अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया, जिससे भारत में एक ऐतिहासिक सामाजिक बदलाव आया। उनके धर्म परिवर्तन ने लाखों लोगों को प्रेरित किया, जिससे आधुनिक भारतीय इतिहास में सबसे बड़े सामूहिक-धार्मिक बदलावों में से एक शुरू हुआ। इस खास घटना के कुछ ही हफ़्ते बाद, 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया।
स्टेटिक GK टिप: उनके धर्म बदलने की जगह, नागपुर, सातवाहनों की पुरानी नागपुर ब्रांच से भी जुड़ा है।
भारत के कॉन्स्टिट्यूशनल फ्रेमवर्क में भूमिका
अंबेडकर भारत के पहले लॉ मिनिस्टर थे और उन्होंने इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन की ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन के तौर पर अहम भूमिका निभाई। उनके विज़न ने बराबरी, आज़ादी और फंडामेंटल राइट्स पर ज़रूरी आर्टिकल्स को आकार दिया, जिससे इंडियन डेमोक्रेसी की रीढ़ बनी।
स्टेटिक GK फैक्ट: भारत का कॉन्स्टिट्यूशन दुनिया का सबसे लंबा लिखा हुआ कॉन्स्टिट्यूशन है।
सोशल जस्टिस पर असर
अंबेडकर के काम ने पिछड़े समुदायों के अधिकारों की वकालत की, जातिगत भेदभाव का मुकाबला करने के लिए कानूनी सुरक्षा उपाय बनाए। उनके सिद्धांतों ने रिज़र्वेशन पॉलिसी की नींव को मज़बूत किया और शिक्षा और पॉलिटिकल रिप्रेजेंटेशन के ज़रिए लाखों लोगों को मज़बूत बनाया।
स्टेटिक GK टिप: इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन का आर्टिकल 17 छुआछूत को खत्म करता है, जो सोशल रिफॉर्म पर अंबेडकर के असर को दिखाता है। नेशनल मूवमेंट में योगदान
उन्होंने राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस (1930–1932) में अहम भूमिका निभाई, और माइनॉरिटी राइट्स पर पॉलिटिकल चर्चा को आकार दिया। 1932 में अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट ने डिप्रेस्ड क्लास के पॉलिटिकल रिप्रेजेंटेशन को फिर से तय किया, जिससे प्रोविंशियल लेजिस्लेचर में रिज़र्व सीटें पक्की हुईं।
स्टैटिक GK फैक्ट: पूना पैक्ट पुणे की यरवदा जेल में साइन किया गया था।
लिगेसी और नेशनल ऑनर्स
कानून, समाज और गवर्नेंस में अंबेडकर के योगदान के लिए उन्हें 1990 में (मरणोपरांत) भारत रत्न मिला। उनके काम भारत में बराबरी, ह्यूमन राइट्स और इनक्लूसिव डेवलपमेंट पर पॉलिसी को गाइड करते रहते हैं।
स्टैटिक GK टिप: भारत रत्न पहली बार 1954 में दिया गया था।
कल्चरल और कंटेंपररी रेलेवेंस
महापरिनिर्वाण दिवस मॉडर्न इंडिया पर अंबेडकर के हमेशा रहने वाले असर की याद दिलाता है। इस दिन मुंबई में चैत्य भूमि पर बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है, जो उनकी स्पिरिचुअल, सोशल और कॉन्स्टिट्यूशनल लिगेसी को दिखाती है। यह न्याय, सम्मान और भाईचारे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है – ये मूल्य अंबेडकर के दर्शन में गहराई से निहित हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| पालन की तिथि | प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर |
| महापरिनिर्वाण का अर्थ | बौद्ध दर्शन में अंतिम मुक्ति |
| आंबेडकर का दीक्षा दिन | 14 अक्टूबर 1956 |
| निधन वर्ष | 6 दिसंबर 1956 |
| प्रमुख राजनीतिक योगदान | गोलमेज सम्मेलन में भागीदारी |
| मुख्य समझौता | पूना पैक्ट 1932 |
| संवैधानिक भूमिका | संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष |
| मंत्री पद | भारत के प्रथम विधि मंत्री |
| सर्वोच्च सम्मान | भारत रत्न 1990 (मरणोपरांत) |
| प्रमुख स्मारक स्थल | चैत्य भूमि, मुंबई |





