अक्टूबर 19, 2025 6:47 अपराह्न

कानूनी सूचना प्रबंधन और ब्रीफिंग प्रणाली (LIMBS)

चालू घटनाएँ: विधि और न्याय मंत्रालय, LIMBS, लाइव केसेस डैशबोर्ड, रियल-टाइम मुकदमा ट्रैकिंग, अंतर-मंत्रालयी समन्वय, ई-गवर्नेंस, न्यायिक डेटा पारदर्शिता, केंद्रीकृत निगरानी, केस प्रबंधन प्रणाली, वाद सुधार

Legal Information Management and Briefing System LIMBS

परिचय

विधि और न्याय मंत्रालय ने सरकारी मुकदमों में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लीगल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (LIMBS) के अंतर्गत लाइव केसेसडैशबोर्ड शुरू किया है। यह प्रणाली न्यायालयों में लंबित मामलों की रियलटाइम विज़ुअल ट्रैकिंग उपलब्ध कराती है, जिससे विभिन्न मंत्रालय कानूनी कार्यवाही की निगरानी सक्रिय रूप से कर सकते हैं।

LIMBS क्या है

LIMBS एक वेबआधारित मुकदमा निगरानी प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे केंद्र सरकार के दृष्टिकोण से विकसित किया गया है। यह एक 24×7 ऑनलाइन टूल है जो विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से संबंधित न्यायालय मामलों के पूरे जीवनचक्र को ट्रैक करने में मदद करता है।
इस प्रणाली के माध्यम से समय पर समीक्षा, समन्वय और निर्णय संभव होता है, जिससे कानूनी मामलों के निपटारे में देरी की संभावना घटती है
स्थैतिक तथ्य: LIMBS की अवधारणा प्रारंभ में विधिक कार्य विभाग (Department of Legal Affairs) द्वारा विधि और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत तैयार की गई थी ताकि केंद्र सरकार से जुड़े लंबित मुकदमों की बढ़ती संख्या से निपटा जा सके।

लाइव केसेस डैशबोर्ड की विशेषताएँ

नया लाइव केसेस डैशबोर्ड विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में चल रहे मुकदमों की रियलटाइम डेटा विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करता है। यह केस की स्थिति, अगली सुनवाई की तारीख और मुकदमे के चरण जैसी जानकारियाँ एकीकृत करता है। इससे त्वरित मूल्यांकन और बेहतर समन्वय संभव होता है।
यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म डेटाआधारित कानूनी प्रबंधन को प्रोत्साहित करता है, जिससे मैनुअल अपडेट और कागज़ी कार्य पर निर्भरता घटती है। यह प्रणाली डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप है, जो शासन में तकनीकी पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।
स्थैतिक टिप: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 2015 में शुरू किया गया था ताकि भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञानआधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित किया जा सके।

लाभ और महत्व

LIMBS और लाइव केसेस डैशबोर्ड का कार्यान्वयन न्यायपालिका में गवर्नेंस ढाँचे को सुदृढ़ करता है। यह केस डुप्लीकेशन को रोकता है, मंत्रालयों के बीच संचार को बेहतर बनाता है और कानूनी व्यय की निगरानी में मदद करता है।
केंद्रीकृत डेटा पहुँच से निर्णयकर्ता विभागीय प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं और जवाबदेही सुनिश्चित कर सकते हैं। यह प्रणाली उन नीतिगत कमियों की पहचान में भी सहायक है जो बार-बार मुकदमों का कारण बनती हैं।
स्थैतिक तथ्य: भारत विश्व की सबसे बड़ी न्यायिक प्रणालियों में से एक है, जहाँ 4 करोड़ से अधिक लंबित मामले हैं। इसलिए LIMBS जैसे निगरानी तंत्र प्रभावी केस प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं।

व्यापक प्रभाव

कानूनी प्रशासन में तकनीकी एकीकरण सरकार की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। LIMBS मुकदमेबाज़ी का बोझ घटाने, मंत्रालयों के बीच समन्वय बढ़ाने और राष्ट्रीय मुकदमा डेटाबेस विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह नवाचार भारत के स्मार्ट गवर्नेंस और डिजिटल विधिक ढाँचे के दृष्टिकोण से मेल खाता है और तेज़, उत्तरदायी न्याय वितरण प्रणाली की ओर अग्रसर करता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
LIMBS का पूर्ण रूप Legal Information Management and Briefing System
विकसित करने वाला विभाग विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार
नवीन पहल Live Cases Dashboard
उद्देश्य न्यायालय मामलों की रियल-टाइम निगरानी और दृश्यांकन
एक्सेस प्रकार वेब-आधारित 24×7 ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म
प्रमुख लाभ मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय और निर्णय प्रक्रिया
संबद्ध पहल Digital India Programme
कार्यान्वयन विभाग Department of Legal Affairs
मुख्य उद्देश्य मुकदमों में विलंब कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना
डिजिटल इंडिया की शुरुआत का वर्ष 2015
Legal Information Management and Briefing System LIMBS
  1. LIMBS को विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है।
  2. लाइव केस डैशबोर्ड वास्तविक समय में मुकदमेबाजी पर नज़र रखने में सक्षम बनाता है।
  3. LIMBS सरकारी कानूनी कार्यवाही में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  4. यह लंबित अदालती मामलों के लिए डेटा विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करता है।
  5. यह प्रणाली अंतर-मंत्रालयी समन्वय और कानूनी निगरानी की अनुमति देती है।
  6. LIMBS की अवधारणा विधि मामलों के विभाग द्वारा तैयार की गई थी।
  7. यह एक वेब-आधारित 24×7 मुकदमेबाजी मंच के रूप में कार्य करता है।
  8. LIMBS डिजिटल इंडिया पहल (2015 में प्रारंभ) का समर्थन करता है।
  9. यह प्लेटफ़ॉर्म मामले की स्थिति, सुनवाई की तारीख और प्रगति प्रदर्शित करता है।
  10. डेटा-संचालित केस प्रबंधन मैन्युअल देरी को कम करता है।
  11. यह डैशबोर्ड 4 करोड़ से अधिक लंबित मामलों की निगरानी में मदद करता है।
  12. यह मंत्रालयों में पारदर्शिता और कानूनी जवाबदेही को बढ़ाता है।
  13. केंद्रीकृत पहुँच विभागीय मुकदमेबाजी प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मदद करती है।
  14. LIMBS दोहराव और नीतिगत मुक़दमों की पुनरावृत्ति को कम करता है।
  15. यह पहल भारत के ई-गवर्नेंस परिवर्तन को दर्शाती है।
  16. यह कुशल और तकनीक-सक्षम कानूनी प्रबंधन में योगदान देता है।
  17. न्यायिक डेटा पारदर्शिता नीति सुधार और निगरानी को बढ़ावा देती है।
  18. यह प्लेटफ़ॉर्म स्मार्ट गवर्नेंस और न्याय वितरण के साथ संरेखित है।
  19. LIMBS का उद्देश्य देरी को कम करना और सरकारी मुक़दमों को अनुकूलित करना है।
  20. यह राष्ट्रीय दक्षता के लिए डिजिटल कानूनी बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करता है।

Q1. LIMBS प्लेटफ़ॉर्म किस मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है?


Q2. LIMBS के तहत शुरू किए गए नए ‘लाइव केस डैशबोर्ड’ का उद्देश्य क्या है?


Q3. LIMBS की परिकल्पना किस विभाग द्वारा की गई थी?


Q4. LIMBS किस प्रमुख सरकारी कार्यक्रम के अनुरूप कार्य करता है?


Q5. लेख के अनुसार भारतीय अदालतों में लगभग कितने मामले लंबित हैं?


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