बर्न उपचार की अग्रणी विशेषज्ञ
डॉ. के. माथंगी रामकृष्णन, भारत की प्रसिद्ध प्लास्टिक और पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सक (Reconstructive Surgeon), ने दक्षिण भारत में बर्न केयर की चिकित्सा प्रणाली को परिवर्तित कर दिया।
उनका निधन चेन्नई में हुआ, जिससे भारतीय चिकित्सा इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय समाप्त हुआ।
उन्होंने आधुनिक बर्न प्रबंधन प्रणाली और सर्जिकल रिकंस्ट्रक्शन तकनीकों को विकसित कर अनगिनत लोगों का जीवन बचाया।
उन्नत चिकित्सा अवसंरचना की स्थापना
डॉ. रामकृष्णन ने गवर्नमेंट किलपॉक मेडिकल कॉलेज (KMC), चेन्नई में प्लास्टिक सर्जरी विभाग और बर्न्स यूनिट की स्थापना की।
उनके नेतृत्व में यह विभाग भारत का सबसे उन्नत बर्न उपचार केंद्र बना, जहाँ रोगियों को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास (Rehabilitation) दोनों प्रदान किए जाते थे।
स्थिर जीके तथ्य: गवर्नमेंट किलपॉक मेडिकल कॉलेज, जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी, तमिलनाडु के निदेशालय चिकित्सा शिक्षा (DME) के अधीन एक प्रमुख सरकारी संस्थान है।
कोलेजन मेम्ब्रेन विकास में नवाचार
डॉ. रामकृष्णन के महानतम योगदानों में से एक था बर्न घावों के लिए कोलेजन मेम्ब्रेन (Collagen Membrane) का विकास, जो उन्होंने चेन्नई स्थित सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CLRI) के साथ मिलकर किया।
यह आविष्कार कम लागत वाला, प्रभावी और रोगी-मित्र समाधान साबित हुआ और देशभर के अस्पतालों में अपनाया गया।
स्थिर जीके टिप: सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CLRI), जो CSIR (Council of Scientific and Industrial Research) के अधीन कार्य करता है, विश्व का सबसे बड़ा चमड़ा अनुसंधान संस्थान है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
डॉ. माथंगी रामकृष्णन की अद्वितीय सेवा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
उन्होंने 2002 में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त किया, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है।
इसके अतिरिक्त, उन्हें डॉ. बी.सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार, 2009 में जी. व्हिटेकर अंतरराष्ट्रीय बर्न्स पुरस्कार, और 2014 में अव्वैयार पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
स्थिर जीके तथ्य: पद्मश्री पुरस्कार, जिसकी स्थापना 1954 में हुई थी, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
चिकित्सा से परे योगदान
डॉ. रामकृष्णन ने न केवल सर्जरी के क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखाई बल्कि जनजागरूकता और बर्न सुरक्षा (Burn Prevention Awareness) पर भी विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने महिलाओं और बच्चों को आग व रासायनिक जलन से सुरक्षा के उपाय सिखाने के लिए अनेक अभियान चलाए।
उनकी मानवीय दृष्टि, करुणा और समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय में विशेष स्थान दिलाया।
स्थिर जीके टिप: जी. व्हिटेकर अंतरराष्ट्रीय बर्न्स पुरस्कार प्रतिवर्ष पालेर्मो, इटली में दिया जाता है, जो बर्न उपचार और रोकथाम में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| नाम | डॉ. के. माथंगी रामकृष्णन |
| पेशा | प्लास्टिक और पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सक |
| प्रमुख योगदान | चेन्नई स्थित गवर्नमेंट किलपॉक मेडिकल कॉलेज में बर्न्स यूनिट और प्लास्टिक सर्जरी विभाग की स्थापना |
| प्रमुख नवाचार | सीएलआरआई के साथ मिलकर बर्न घावों के लिए कोलेजन मेम्ब्रेन विकसित किया |
| प्रमुख पुरस्कार | पद्मश्री (2002), डॉ. बी.सी. रॉय पुरस्कार, जी. व्हिटेकर अंतरराष्ट्रीय बर्न्स पुरस्कार (2009), अव्वैयार पुरस्कार (2014) |
| सहयोगी संस्था | सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CLRI), चेन्नई |
| निधन स्थान | चेन्नई |
| उत्कृष्टता का क्षेत्र | बर्न उपचार और पुनर्निर्माण सर्जरी |
| विरासत | दक्षिण भारत में बर्न केयर और प्लास्टिक सर्जरी की अग्रणी विशेषज्ञ |
| संबद्ध चिकित्सा कॉलेज | गवर्नमेंट किलपॉक मेडिकल कॉलेज, चेन्नई |





