प्रारंभिक जीवन और मूल्य
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। साधारण परिवार से आने वाले शास्त्री ने अनुशासन और मूल्यों के साथ जीवन बिताया। उन्होंने काशी विद्यापीठ से शिक्षा प्राप्त की और “शास्त्री” की उपाधि पाई, जिसका अर्थ है ‘विद्वान’।
उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव का विरोध किया और समानता को बढ़ावा देने के लिए अपना उपनाम “श्रीवास्तव” छोड़ दिया।
स्टैटिक जीके तथ्य: मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम 2018 में बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया।
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
शास्त्री ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और 1930 में नमक सत्याग्रह से जुड़े। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उनके नेतृत्व के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा।
वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्पित सदस्य बने और स्वतंत्रता के बाद भारत की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, शास्त्री 27 मई 1964 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। केवल 19 महीने के कार्यकाल के बावजूद, उन्होंने संकटों के समय दृढ़ नेतृत्व दिखाया।
1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने सेना को पूरी स्वतंत्रता दी और राष्ट्रीय मनोबल को मज़बूत किया। साथ ही उन्होंने खाद्य संकट से निपटने के लिए हरित क्रांति को बढ़ावा दिया और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति का समर्थन किया।
स्टैटिक जीके टिप: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना 1965 में श्वेत क्रांति के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए की गई।
जय जवान जय किसान का नारा
भारत के युद्ध और खाद्य संकट के समय शास्त्री ने “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया। यह नारा राष्ट्र की रक्षा करने वाले सैनिकों और अन्नदाता किसानों के सम्मान में था।
यह नारा एकता और दृढ़ता का प्रतीक बन गया और ग्रामीण व शहरी भारत दोनों को प्रेरित किया। आज भी यह पीढ़ियों को प्रेरित करता है।
सादगी और व्यक्तिगत मूल्य
शास्त्री ने सादगी और ईमानदारी का जीवन जिया। उन्होंने नागरिकों से हर सप्ताह एक भोजन छोड़ने का आग्रह किया ताकि भोजन की बचत हो सके, और वे स्वयं भी ऐसा करते थे। उनका नेतृत्व विनम्रता, त्याग और राष्ट्र के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है।
स्टैटिक जीके तथ्य: लाल बहादुर शास्त्री को 1966 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2025 का उत्सव
2 अक्टूबर 2025 को भारत उनकी 121वीं जयंती मना रहा है। नई दिल्ली के विजय घाट पर नेता उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। स्कूल और कॉलेज वाद-विवाद, नाटक और निबंध प्रतियोगिताएँ आयोजित करेंगे।
सरकारी कार्यक्रम, सामुदायिक सेवाएँ और मीडिया विशेषांक उनकी विरासत को उजागर करेंगे। यह दिन नागरिकों को उनके देशभक्ति, समानता और ईमानदारी के मूल्यों की याद दिलाता है।
स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
जन्म तिथि | 2 अक्टूबर 1904 |
जन्मस्थान | मुगलसराय, उत्तर प्रदेश |
“शास्त्री” उपाधि | काशी विद्यापीठ, वाराणसी से प्राप्त |
प्रधानमंत्री कार्यकाल | 27 मई 1964 – 11 जनवरी 1966 |
प्रमुख नारा | जय जवान जय किसान |
प्रमुख युद्ध | 1965 भारत-पाक युद्ध |
कृषि नीति | हरित क्रांति |
डेयरी विकास | श्वेत क्रांति |
स्मारक स्थल | विजय घाट, नई दिल्ली |
पुरस्कार | भारत रत्न, 1966 (मरणोपरांत) |