नवम्बर 6, 2025 8:08 अपराह्न

तमिलनाडु में कुरुवई धान खरीद अभियान

चालू घटनाएँ: कुरुवई धान खरीद, तमिलनाडु सरकार, कावेरी डेल्टा, किसानों का कल्याण, धान उत्पादन, खाद्य सुरक्षा, MSP नीति, प्रत्यक्ष खरीद केंद्र, कृषि विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था

Kuruvai Paddy Procurement Drive in Tamil Nadu

रिकॉर्ड धान खरीद में सफलता

तमिलनाडु सरकार ने 2025–26 कुरुवई फसल सीजन के दौरान 11.21 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीद दर्ज की है। यह उपलब्धि राज्य की कृषि नीति और किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कुरुवई फसल तमिलनाडु की तीन प्रमुख धान फसलों — सांबा, नवarai और कुरुवई — में से एक है, जिसे आमतौर पर जून से सितम्बर के बीच बोया जाता है।
स्थिर जीके तथ्य: कुरुवई” शब्द तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा जिलोंतंजावूर, तिरुवरूर और नागपट्टिनम — में उगाई जाने वाली लघु अवधि की प्रारंभिक धान फसल को दर्शाता है।

किसानों को सीधा लाभ

सरकार ने ₹2,709 करोड़ की राशि सीधे 1,45,634 किसानों के खातों में डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से जमा की। यह पारदर्शी तंत्र किसानों के विश्वास और आय सुरक्षा को सुदृढ़ करता है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बिना किसी बिचौलिये के मिले।
स्थिर जीके तथ्य: धान का MSP हर वर्ष कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा कृषि मंत्रालय के अंतर्गत तय किया जाता है ताकि किसानों के हितों की रक्षा हो सके।

कुशल खरीद प्रणाली

दैनिक आधार पर 30,000 टन धान की खरीद की जा रही है, जिसे कावेरी डेल्टा से राज्य के विभिन्न जिलों तक कुशलतापूर्वक पहुँचाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC) की प्रमुख भूमिका है, जो खरीद, परिवहन और भंडारण की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करती है। इससे राज्य की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिली है।
स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC) की स्थापना 1972 में की गई थी ताकि राज्यभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अनाज खरीद संचालन को प्रबंधित किया जा सके।

अधोसंरचना और खरीद केंद्र

धान की खरीद को व्यवस्थित करने के लिए राज्यभर में 1,872 प्रत्यक्ष खरीद केंद्र (Direct Procurement Centres – DPCs) स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र किसानों और सरकारी एजेंसियों के बीच मुख्य कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। प्रत्येक केंद्र में तौल, ग्रेडिंग और गुणवत्ता परीक्षण की सुविधाएँ हैं, जिससे केवल उत्तम गुणवत्ता वाला धान ही खरीदा जा सके।
स्थिर जीके तथ्य: प्रत्यक्ष खरीद केंद्र प्रणाली (DPC System) को 2000 के दशक की शुरुआत में तमिलनाडु में लागू किया गया था ताकि बिचौलियों के शोषण को कम किया जा सके।

खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन

इस बड़े पैमाने पर धान खरीद अभियान ने न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया है बल्कि ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है। इससे राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए चावल की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। यह पहल तमिलनाडु सरकार के खाद्यान्न आत्मनिर्भरता (Food Self-sufficiency) और कृषि विकास के लक्ष्य के अनुरूप है।
स्थिर जीके टिप: भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियाँ संयुक्त रूप से पूरे देश में खरीदे गए अनाजों के भंडारण और वितरण का प्रबंधन करती हैं।

स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
कुल खरीदा गया कुरुवई धान 11.21 लाख टन
खरीद सीजन 2025–26 कुरुवई सीजन
कुल भुगतान राशि ₹2,709 करोड़
लाभान्वित किसान 1,45,634 किसान
दैनिक खरीद दर 30,000 टन प्रतिदिन
कुल खरीद केंद्र (DPCs) 1,872 केंद्र
मुख्य उत्पादन क्षेत्र कावेरी डेल्टा जिले (तंजावूर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम)
क्रियान्वयन एजेंसी तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC)
फसल अवधि जून से सितम्बर
मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करना
Kuruvai Paddy Procurement Drive in Tamil Nadu
  1. तमिलनाडु ने 2025–26 में रिकॉर्ड 21 लाख टन कुरुवई धान की खरीद की।
  2. कुरुवई एक अल्पकालिक धान फसल (जूनसितंबर) है।
  3. यह मुख्य रूप से कावेरी डेल्टा जिलोंतंजावुर, तिरुवरुर, नागपट्टिनम में उगाई जाती है।
  4. सरकार ने 1,45,634 किसानों को सीधे ₹2,709 करोड़ का भुगतान किया।
  5. डिजिटल हस्तांतरण प्रणाली बिचौलियों के बिना एमएसपी लाभ सुनिश्चित करती है।
  6. सभी केंद्रों पर दैनिक खरीद दर 30,000 टन तक पहुँच जाती है।
  7. TNCSSC (Tamil Nadu Civil Supplies Corporation) खरीदे गए धान के भंडारण, परिवहन और मिलिंग का प्रबंधन करता है।
  8. राज्य भर में 1,872 प्रत्यक्ष खरीद केंद्र (DPCs) खोले गए।
  9. DPC केंद्र वजन, ग्रेडिंग, और निष्पक्ष गुणवत्ता जांच की सुविधा प्रदान करते हैं।
  10. यह योजना राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के खाद्य बफर को मज़बूत बनाती है।
  11. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा धान के लिए एमएसपी निर्धारित किया जाता है।
  12. कुरुवई फसल खाद्य सुरक्षा और किसानों की आजीविका स्थिरता को बढ़ावा देती है।
  13. TNCSSC की स्थापना 1972 में खाद्यान्न खरीद और वितरण के लिए की गई थी।
  14. व्यापारियों के शोषण को रोकने के लिए 2000 के दशक में पहली बार खरीद केंद्र शुरू किए गए।
  15. यह योजना तमिलनाडु में आत्मनिर्भर चावल उत्पादन के दीर्घकालिक लक्ष्य को पूरा करने में सहायक है।
  16. किसानों को सुनिश्चित बाज़ार और एमएसपी भुगतान गारंटी का लाभ मिलता है।
  17. यह खरीद प्रणाली मूल्य स्थिरीकरण और ग्रामीण आर्थिक प्रवाह को सुदृढ़ करती है।
  18. आपदा या सूखा प्रबंधन के लिए बफर स्टॉक सुनिश्चित किया जाता है।
  19. कावेरी बेल्ट में कृषिआधारित रोज़गार को प्रोत्साहन मिलता है।
  20. यह उपलब्धि तमिलनाडु को खाद्यसुरक्षित और कल्याणकारी राज्य के रूप में मज़बूत करती है।

Q1. तमिलनाडु में 2025–26 कुरुवई सीजन के दौरान कितनी धान की खरीद की गई?


Q2. राज्य में धान खरीद अभियान का प्रबंधन कौन-सी एजेंसी करती है?


Q3. कुरुवई खरीद के लिए कितने किसानों को सीधे भुगतान प्राप्त हुआ?


Q4. इस अभियान के लिए कितने डायरेक्ट प्रोक्योरमेंट सेंटर्स (DPCs) खोले गए?


Q5. भारत में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कौन-सी संस्था निर्धारित करती है?


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