कोयला क्षेत्र शासन में डिजिटल छलांग
कोयला मंत्रालय 29 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के द ओबेरॉय होटल में कोयला शक्ति स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड लॉन्च कर रहा है। इस मंच का उद्घाटन केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा किया जाएगा। यह पहल कोयला क्षेत्र में डेटा-आधारित पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है और भारत की ऊर्जा संसाधन प्रबंधन प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
स्थिर जीके तथ्य: कोयला मंत्रालय की स्थापना 1972 में हुई थी और यह पूरे भारत में कोयले की खोज, उत्पादन और वितरण की देखरेख करता है।
कोयला संचालन के लिए एकीकृत डिजिटल मंच
कोयला शक्ति एक केंद्रीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम के रूप में कार्य करेगा, जो कोल इंडिया लिमिटेड, विद्युत उपयोगिताओं, और राज्य खनन विभागों जैसे प्रमुख हितधारकों से रियल-टाइम डेटा को एकीकृत करेगा।
यह मंच रेलवे, विद्युत, वित्त, और बंदरगाह एवं शिपिंग मंत्रालयों से भी जुड़ा रहेगा, ताकि कोयला आपूर्ति श्रृंखला में सुगम समन्वय सुनिश्चित हो सके।
इस एकीकरण से उत्पादन, प्रेषण (dispatch), लॉजिस्टिक्स, और अंतिम उपयोग की निगरानी कुशलतापूर्वक की जा सकेगी, जिससे जवाबदेही और संचालन की सटीकता बढ़ेगी।
स्थिर जीके टिप: भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है।
विशेषताएँ और रणनीतिक लक्ष्य
इस डैशबोर्ड का प्रमुख उद्देश्य कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाना है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
• कोयला उत्पादन और लॉजिस्टिक्स की रियल-टाइम ट्रैकिंग
• मांग पूर्वानुमान (Forecasting) के लिए भविष्यसूचक विश्लेषण (Predictive Analytics)
• नीतिगत मूल्यांकन हेतु मानकीकृत प्रदर्शन मापदंड
• घटना अलर्ट प्रणाली, जो डाउनटाइम को कम कर विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करेगी
कोयला शक्ति नीति निर्माण में भी सहायता करेगा, क्योंकि यह संसाधन उपयोग, अवसंरचना दक्षता, और पर्यावरणीय अनुपालन पर समग्र डेटा प्रदान करेगा।
प्रौद्योगिकी से सशक्त पारदर्शिता
यह स्मार्ट डिजिटल मंच मैनुअल रिपोर्टिंग को कम करेगा, निर्णय प्रक्रिया को तेज़ बनाएगा, और डेटा की प्रामाणिकता को सुदृढ़ करेगा।
एजेंसियों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करके यह मानव त्रुटियों को न्यूनतम करता है और कोयला लॉजिस्टिक्स एवं वितरण में त्वरित समस्या समाधान सुनिश्चित करता है।
यह डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र प्रौद्योगिकी-सक्षम शासन (Tech-Enabled Governance) की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत की सतत और कुशल ऊर्जा प्रबंधन प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
स्थिर जीके तथ्य: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की स्थापना 1975 में हुई थी और यह भारत के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 80% योगदान देता है।
ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत को सुदृढ़ बनाना
कोयला शक्ति डैशबोर्ड आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मज़बूत करता है, जो स्वदेशी ऊर्जा प्रबंधन पर केंद्रित है। यह न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाता है, बल्कि डिजिटल इंडिया और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस लक्ष्यों को भी प्रोत्साहित करता है।
रियल-टाइम एनालिटिक्स और भविष्यसूचक अंतर्दृष्टि (Predictive Insights) प्रदान करके, यह नीति-निर्माताओं और उद्योगों को डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे कोयले के सतत उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
स्थिर जीके टिप: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के अनुसार, भारत के कुल कोयला भंडार 352 अरब टन से अधिक अनुमानित हैं (2024 तक)।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| लॉन्च कार्यक्रम | 29 अक्टूबर 2025, द ओबेरॉय, नई दिल्ली |
| मुख्य अतिथि | श्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री |
| पहल का नाम | कोयला शक्ति स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड |
| विकसित किया गया | कोयला मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा |
| उद्देश्य | पारदर्शिता, दक्षता और डेटा-आधारित शासन को बढ़ाना |
| एकीकृत मंत्रालय | कोयला, रेलवे, विद्युत, वित्त, बंदरगाह एवं शिपिंग |
| प्रौद्योगिकी फोकस | कोयला संचालन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और एनालिटिक्स |
| राष्ट्रीय संरेखण | डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन |
| क्षेत्रीय प्रभाव | कोयला लॉजिस्टिक्स, डिस्पैच और नीति निर्माण में सुधार |
| ऊर्जा महत्व | भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता को सुदृढ़ बनाना |





