कोटा का बढ़ता महत्व
चंबल नदी के किनारे बसा कोटा राजस्थान का औद्योगिक केंद्र होने के साथ-साथ भारत का प्रमुख शिक्षा गढ़ भी है। यहाँ के कोचिंग संस्थान IIT-JEE और NEET जैसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। इस दोहरी पहचान ने लंबे समय से मजबूत परिवहन नेटवर्क की मांग की है।
Static GK तथ्य: कोटा अपने कोचिंग संस्थानों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
मौजूदा हवाई अड्डे की सीमाएँ
वर्तमान कोटा हवाई अड्डे की क्षमता बेहद सीमित है। इसमें केवल 1,220 मीटर रनवे है, जिस पर छोटे Code B विमान ही उतर सकते हैं। 400 वर्गमीटर टर्मिनल में अधिकतम 50 यात्रियों को ही संभाला जा सकता है। शहरी विस्तार ने इसके विस्तार की संभावना को रोक दिया है, जिससे यह बड़े पैमाने की सेवाओं के लिए अनुपयुक्त हो गया है।
नई परियोजना को मंजूरी
इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के कोटा-बूंदी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रस्ताव को मंजूरी दी है। परियोजना पर ₹1,507 करोड़ का व्यय होगा और राजस्थान सरकार पहले ही 440 हेक्टेयर से अधिक भूमि उपलब्ध करा चुकी है।
अवसंरचना का खाका
नए एयरपोर्ट में 20,000 वर्गमीटर टर्मिनल भवन होगा, जो पीक आवर्स में 1,000 यात्री और सालाना 20 लाख यात्री संभाल सकेगा।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ होंगी:
- 3,200 मीटर रनवे
- 7 ए-321 श्रेणी के विमानों के लिए एप्रन
- दो टैक्सीवे
- आधुनिक ATC ब्लॉक और फायर फाइटिंग सुविधाएँ
- डेडिकेटेड कार पार्किंग
Static GK टिप: भारत का पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा था, जो 1999 में चालू हुआ।
शिक्षा और उद्योग को बढ़ावा
यह एयरपोर्ट छात्र समुदाय के लिए वरदान साबित होगा, जिससे विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बड़े शहरों से सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी। उद्योग जगत के लिए यह परियोजना व्यापारिक आवागमन आसान करेगी और कोटा को शिक्षा व विनिर्माण हब के रूप में मज़बूत बनाएगी।
क्षेत्रीय विकास की संभावनाएँ
एयरपोर्ट के चालू होने के बाद यह पर्यटन, निवेश और स्थानीय उद्यमिता को गति देगा। निर्माण और संचालन दोनों चरणों में रोजगार सृजन होगा। साथ ही हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स और सड़क परिवहन जैसे सहायक क्षेत्र भी लाभान्वित होंगे।
Static GK तथ्य: राजस्थान भारत का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है, जो देश की कुल भूमि का 10% से अधिक है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
परियोजना की लागत और समयसीमा पर नियंत्रण ज़रूरी है। पर्यावरणीय मूल्यांकन और सामाजिक प्रभावों को न्यूनतम रखने पर ध्यान देना होगा। साथ ही, दीर्घकालिक यात्री यातायात अनुमान सुनिश्चित करेंगे कि एयरपोर्ट न तो कम उपयोगी हो और न ही भीड़भाड़ वाला।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना स्वीकृत | कोटा–बूंदी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट |
स्वीकृति प्राधिकरण | आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति |
परियोजना लागत | ₹1,507 करोड़ |
कार्यान्वयन एजेंसी | एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) |
भूमि आवंटन | 440.06 हेक्टेयर, राजस्थान सरकार द्वारा |
रनवे विनिर्देश | 3,200m × 45m (11/29) |
टर्मिनल क्षमता | 20,000 वर्गमीटर, 1,000 यात्री (पीक आवर) |
वार्षिक यात्री क्षमता | 20 लाख यात्री |
विमान श्रेणी समर्थित | A-321 श्रेणी |
स्थान का महत्व | कोटा – औद्योगिक राजधानी और शिक्षा हब |