वाटर स्पोर्ट्स के लिए राष्ट्रीय मंच
खेโล इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025 (KIWSF) का आयोजन 21–23 अगस्त को श्रीनगर की ऐतिहासिक डल झील पर किया गया। यह भारत की पहली राष्ट्रीय स्तर की ओपन-एज प्रतियोगिता थी जिसमें कयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग शामिल रहे। इस आयोजन ने भारत की लॉस एंजेलिस ओलंपिक 2028 और उससे आगे की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को मजबूत आधार दिया।
स्थैटिक GK तथ्य: डल झील को अक्सर “कश्मीर का ताज” कहा जाता है और यह अपनी हाउसबोट्स और शिकारे के लिए प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश का दबदबा
मध्य प्रदेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 24 में से 10 स्वर्ण पदक अपने नाम किए। यह सफलता राज्य की वाटर स्पोर्ट्स अकादमी ऑफ एक्सीलेंस के प्रयासों का नतीजा रही। कोच अंकुश शर्मा ने अनुशासन और विश्वास को प्रमुख कारण बताया, जबकि सहायक कोच चंपा मोरिया ने मानसिक मजबूती पर ज़ोर दिया। यह प्रदर्शन भविष्य के ओलंपिक चैंपियनों की नींव माना जा रहा है।
ओडिशा का उदय
ओडिशा ने दूसरा स्थान हासिल किया। इसके स्टार खिलाड़ी रहे रस्मिता साहू, बिद्या देवी ओइनाम और श्रुति तानाजी चौगुले, जिन्होंने SAI जगतपुर केंद्र से प्रशिक्षण पाया। कोच लैशराम जॉनसन सिंह ने इसे नए युग की शुरुआत बताया। राज्य का निवेश और आधुनिक बुनियादी ढांचा इसे वाटर स्पोर्ट्स का राष्ट्रीय केंद्र बना रहा है।
स्थैटिक GK तथ्य: स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) की स्थापना 1984 में हुई थी।
केरल की परंपरा
केरल ने कुल सात पदक (3 स्वर्ण सहित) जीते। कोच पृथ्वीराज नंदकुमार शिंदे ने राज्य की पारंपरिक जल क्रीड़ा संस्कृति और बुनियादी प्रशिक्षण पर जोर दिया। यह ऐतिहासिक परंपरा आज भी उसके प्रदर्शन की ताकत बनी हुई है।
SAI और राष्ट्रीय विस्तार
SAI ने अपने पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों, विशेषकर जगतपुर (ओडिशा) और अलप्पुझा (केरल) के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 47 SAI प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने 5 स्वर्ण, 7 रजत और 3 कांस्य पदक जीते। उभरते सितारे जैसे शिखा चौहान, पल्लवी जगताप (मध्य प्रदेश) और विशाल दांगी (उत्तराखंड) ने पूरे भारत की प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
नीतिगत समर्थन और भविष्य की राह
इस आयोजन को खे लो भारत नीति, TOPS (Target Olympic Podium Scheme) और TAGG (Target Asian Games Group) जैसी योजनाओं से सहयोग मिला। इन पहलों से खिलाड़ियों को फंडिंग, exposure और वैज्ञानिक प्रशिक्षण मिलता है। चूंकि एशियाई खेलों में कयाकिंग और कैनोइंग में 30 से अधिक स्वर्ण पदक दांव पर होते हैं, इसलिए भारत की तैयारी अब नए स्तर पर पहुँच चुकी है।
स्थैटिक GK टिप: रोइंग को पहली बार 1900 पेरिस ओलंपिक में शामिल किया गया था।
उत्सव की झलक
डल झील खेलों में रोइंग, कयाकिंग, कैनोइंग, वाटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और पारंपरिक शikara रेस का आयोजन हुआ। 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया। यह Khelo India बैनर के तहत पहला राष्ट्रीय जल क्रीड़ा महोत्सव था, जो गुलमर्ग विंटर गेम्स के बाद हुआ।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन | खे लो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025 |
स्थान | डल झील, श्रीनगर, जम्मू एवं कश्मीर |
तिथियाँ | 21–23 अगस्त 2025 |
प्रमुख खेल | रोइंग, कयाकिंग, कैनोइंग, वाटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस, शिकारा रेस |
भाग लेने वाले राज्य | 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश |
शीर्ष प्रदर्शनकर्ता | मध्य प्रदेश (10 स्वर्ण पदक) |
अन्य प्रमुख राज्य | ओडिशा (दूसरा स्थान), केरल (7 पदक) |
SAI का योगदान | 47 खिलाड़ी, 15 पदक |
नीति समर्थन | खे लो भारत नीति, TOPS, TAGG |
वैश्विक लक्ष्य | लॉस एंजेलिस ओलंपिक 2028 एवं एशियाई खेलों की तैयारी |