केरल की स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ बनाना
विश्व बैंक ने केरल स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम (Kerala Health System Improvement Programme – KHSIP) के तहत 280 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।
इस पहल का उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली का आधुनिकीकरण करना और 11 मिलियन से अधिक वृद्ध एवं कमजोर नागरिकों को समावेशी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है।
इस कार्यक्रम का फोकस दीर्घकालिक बीमारियों के प्रबंधन, डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण, और जलवायु–सहिष्णु (climate-resilient) स्वास्थ्य अवसंरचना विकसित करने पर है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: विश्व बैंक पाँच संस्थानों से मिलकर बना है — इनमें अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD) और अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA) प्रमुख हैं।
उद्देश्यों और स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर ध्यान
KHSIP का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाना, रोग निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करना, और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य वितरण प्रणाली का विस्तार करना है।
कार्यक्रम निम्नलिखित प्रमुख प्राथमिकताओं पर केंद्रित है:
• हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ का प्रबंधन इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHRs) के माध्यम से।
• वृद्ध एवं बिस्तर पर पड़े मरीजों के लिए घर–आधारित देखभाल मॉडल।
• कैंसर जांच कार्यक्रमों का विस्तार — विशेष रूप से सर्वाइकल और स्तन कैंसर की पहचान में 60% वृद्धि का लक्ष्य।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: केरल भारत के उन राज्यों में अग्रणी है जहाँ जीवन प्रत्याशा और साक्षरता दर सर्वाधिक है, जिससे वहाँ की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली भी सशक्त रही है।
जलवायु-सहिष्णु स्वास्थ्य अवसंरचना
केरल में बार-बार आने वाली बाढ़ और गर्मी की लहरों (heatwaves) को देखते हुए, KHSIP में जलवायु अनुकूलन (climate adaptation) को स्वास्थ्य योजनाओं का हिस्सा बनाया गया है।
वायनाड, कोझिकोड, कासरगोड, पलक्कड़ और अलप्पुझा जैसे जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों को निम्नलिखित सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा:
• ऊर्जा-कुशल प्रणालियाँ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
• बाढ़ और ताप प्रबंधन अवसंरचना
• सतत स्वास्थ्य डिज़ाइन सिद्धांतों पर आधारित भवन निर्माण
ये सभी प्रयास भारत की संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 13 (SDG 13 – जलवायु कार्रवाई) के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं।
डिजिटल एकीकरण और सामुदायिक भागीदारी
इस पहल की सबसे प्रमुख विशेषता इसका डिजिटल–प्रथम दृष्टिकोण (Digital-First Approach) है।
ई–हेल्थ प्लेटफ़ॉर्म और एकीकृत डेटा प्रणाली के माध्यम से मरीजों की निगरानी और सुरक्षित स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
केरल की ई–गवर्नेंस क्षमता इस परिवर्तन का मजबूत आधार बनेगी।
ग्राम पंचायतों और नगर निगमों को भी इस पहल में भागीदार बनाया जाएगा, ताकि वे:
• एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करें,
• ज़ूनोटिक रोगों (Zoonotic Diseases) के परीक्षण को बेहतर बनाएं, और
• सामुदायिक स्वास्थ्य शिक्षा को सशक्त करें।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: केरल भारत का पहला राज्य था जिसने ई–हेल्थ परियोजना के तहत सार्वजनिक अस्पतालों में डिजिटल मरीज रिकॉर्ड प्रणाली लागू की।
वित्तीय ढाँचा और कार्यान्वयन
यह 280 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD) द्वारा प्रदान किया गया है, जो विश्व बैंक समूह का एक अंग है।
इस ऋण की अवधि 25 वर्ष और अनुग्रह अवधि (Grace Period) 5 वर्ष होगी।
केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग इस परियोजना को शहरी एवं ग्रामीण शासन संस्थाओं के सहयोग से लागू करेगा।
यह वित्तीय सहायता वित्तीय, डिजिटल और अवसंरचनात्मक नवाचारों को एकीकृत करती है, जिससे केरल भारत में जलवायु–स्मार्ट स्वास्थ्य प्रणाली (Climate-Smart Healthcare) का मॉडल बनकर उभरेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| कुल ऋण राशि | 280 मिलियन अमेरिकी डॉलर |
| कार्यक्रम का नाम | केरल स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम (KHSIP) |
| कार्यान्वयन एजेंसी | केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग |
| विश्व बैंक शाखा | अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD) |
| लक्षित जनसंख्या | 1.1 करोड़ वृद्ध एवं कमजोर नागरिक |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | दीर्घकालिक रोग प्रबंधन, डिजिटल स्वास्थ्य, जलवायु सहिष्णुता |
| ऋण अवधि | 25 वर्ष |
| अनुग्रह अवधि | 5 वर्ष |
| शामिल प्रमुख जिले | वायनाड, कोझिकोड, कासरगोड, पलक्कड़, अलप्पुझा |
| अपेक्षित परिणाम | सशक्त, जलवायु-सहिष्णु और डिजिटल रूप से एकीकृत स्वास्थ्य प्रणाली |





