केरल की ऐतिहासिक उपलब्धि
केरल ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित किया है — यह भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने चरम गरीबी (Extreme Poverty) को समाप्त कर दिया है। इस उपलब्धि की घोषणा मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने 1 नवम्बर 2025 को केरल स्थापना दिवस (Kerala Piravi) के अवसर पर की। यह घोषणा 2021 में शुरू किए गए चार वर्षीय मिशन की सफल परिणति का प्रतीक है, जिसे दूसरी पिनरायी विजयन सरकार ने प्रारंभ किया था। स्थिर जीके तथ्य: केरल की स्थापना 1 नवम्बर 1956 को राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम (States Reorganisation Act) के तहत हुई थी।
विधानसभा में घोषणा
यह घोषणा केरल विधानसभा में नियम 300 के तहत की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर को राज्य के विकास पथ पर “नई सुबह (New Dawn)” बताया, जो “नव केरल (Nava Kerala)” के निर्माण का प्रतीक है — एक ऐसा केरल जो सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर आधारित है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी परिवार अत्यधिक अभाव की स्थिति में न रहे, जो कल्याण-आधारित शासन की उनकी नीति को दर्शाता है।
स्थानीय शासन के माध्यम से कार्यान्वयन
चरम गरीबी उन्मूलन का यह अभियान केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (KILA) और स्थानीय स्वशासन विभाग के समन्वय से राज्यव्यापी मिशन के रूप में संचालित किया गया। इस मिशन के तहत चार लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया, जिन्होंने अत्यंत गरीबी में जीवनयापन कर रहे परिवारों की पहचान कर पुनर्वास सुनिश्चित किया।
प्रारंभिक पायलट प्रोजेक्ट्स वडक्कनचेरी नगरपालिका, अंचुथेंगु और थिरुनेल्ली ग्राम पंचायतों में चलाए गए, जिन्हें बाद में पूरे राज्य में विस्तारित किया गया। सूक्ष्म-स्तरीय योजनाओं के माध्यम से 64,006 परिवारों को चरम गरीबी से बाहर निकाला गया। स्थिर जीके टिप: केरल की स्थानीय स्वशासन प्रणाली को 1996 में प्रारंभ हुए पीपुल्स प्लान अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, जिसने विकेंद्रीकृत योजना को सशक्त बनाया।
राजनीतिक और वैश्विक संदर्भ
संसदीय कार्य मंत्री एम. बी. राजेश ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि केरल अब भारत का एकमात्र राज्य और चीन के बाद विश्व का दूसरा क्षेत्र है जिसने चरम गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल किया है। विपक्षी दलों ने हालांकि सरकार के इस दावे पर सवाल उठाए और केंद्र की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की भूमिका का उल्लेख किया।
इसके बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि केरल का उदाहरण दर्शाता है कि विकेंद्रीकृत शासन और सामुदायिक हस्तक्षेप गरीबी उन्मूलन के ठोस परिणाम दे सकते हैं।
केरल का समावेशी विकास मॉडल
चरम गरीबी मुक्त मिशन, केरल के व्यापक मानव विकास मॉडल का हिस्सा है। कुडुम्बश्री, लाइफ मिशन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) जैसी योजनाएँ लंबे समय से सामाजिक उत्थान और वित्तीय समावेशन में योगदान दे रही हैं। यह उपलब्धि न केवल केरल की सामाजिक कल्याण नेतृत्व की स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और जमीनी शासन का एकीकरण केरल के प्रगतिशील विकास दृष्टिकोण की पहचान बन चुका है। स्थिर जीके तथ्य: केरल लगातार भारत के राज्यों में मानव विकास सूचकांक (HDI) में शीर्ष पर रहा है, जहाँ साक्षरता दर 96% से अधिक और औसत आयु 74 वर्ष से ऊपर है।
स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| घोषणा की तिथि | 1 नवम्बर 2025 |
| अवसर | केरल स्थापना दिवस (केरल पिरवी) |
| घोषणा करने वाले | मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन |
| मिशन प्रारंभ वर्ष | 2021 (दूसरी विजयन सरकार) |
| समन्वय एजेंसियाँ | KILA और स्थानीय स्वशासन विभाग |
| गरीबी से उबारे गए परिवार | 64,006 |
| पायलट क्षेत्र | वडक्कनचेरी, अंचुथेंगु, थिरुनेल्ली |
| राष्ट्रीय रैंक | चरम गरीबी समाप्त करने वाला भारत का पहला राज्य |
| वैश्विक तुलना | चीन के बाद विश्व का दूसरा क्षेत्र |
| सहायक योजनाएँ | कुडुम्बश्री, लाइफ मिशन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) |





