एकीकृत प्रशासनिक केंद्र की ओर पहला कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कॉमन सेंट्रल सचिवालय (सीसीएस) की पहली इमारत — कर्तव्य भवन–03 — का उद्घाटन किया। यह भारत के प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव है, जिसका उद्देश्य कई मंत्रालयों को एक ही आधुनिक परिसर में लाना है।
इस भवन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, जिसे पहले राजपथ कहा जाता था, का नाम 2022 में कर्तव्य पथ रखा गया था।
पुराने ढांचे को बदलना
वर्तमान में मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी इमारतों से काम करते हैं, जिन्हें 1950–1970 के बीच बनाया गया था। अब इन्हें संरचनात्मक रूप से पुराना और अकार्यक्षम माना जाता है, जिससे आधुनिकीकरण की तत्काल आवश्यकता सामने आई है।
सीसीएस पहल का उद्देश्य संचालन में देरी को कम करना और मंत्रालयों के बीच तेज़ समन्वय स्थापित करना है।
सीसीएस भवनों की बड़ी योजना
केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय 50 से अधिक मंत्रालयों के लिए 10 कॉमन सेंट्रल सचिवालय भवन बनाने की योजना बना रहा है। सीसीएस 2 और सीसीएस 3 अगले महीने तक तैयार हो जाएंगे, जबकि सीसीएस 10 का लक्ष्य अप्रैल 2026 है। सीसीएस 6 और सीसीएस 7 के अक्टूबर 2026 तक पूर्ण होने की उम्मीद है।
स्थैतिक जीके टिप: सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास 3 किमी लंबे क्षेत्र में फैला है, जो विजय चौक से इंडिया गेट तक है।
सुचारू निर्माण के लिए अस्थायी पुनर्स्थापन
कई मंत्रालय अस्थायी रूप से कस्तूरबा गांधी मार्ग, मिंटो रोड और नेताजी पैलेस में दो वर्षों के लिए स्थानांतरित होंगे ताकि निर्माण कार्य में बाधा न आए।
कुछ संरचनाएं विरासत या संरचनात्मक कारणों से यथावत रहेंगी, जिनमें राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन, डॉ. अंबेडकर सभागार और वाणिज्य भवन शामिल हैं।
सचिवालय से परे
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास में शामिल हैं:
- नई संसद भवन
- उपराष्ट्रपति एन्क्लेव
- पुनर्विकसित कर्तव्य पथ
- कार्यपालिका एन्क्लेव, जिसमें पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होगा
- बाद के चरणों में नया प्रधानमंत्री आवास
इस परियोजना का उद्देश्य आधुनिक बुनियादी ढांचे को सांस्कृतिक विरासत के साथ जोड़ना है, जिससे कार्यकुशलता और प्रतीकात्मक महत्व दोनों बढ़ें।
भविष्य का प्रशासन
मंत्रालयों के केंद्रीकरण से कॉमन सेंट्रल सचिवालय के माध्यम से बेहतर समन्वय, कार्य की पुनरावृत्ति में कमी और नागरिक सेवाओं में तेजी आएगी। पीएम मोदी ने इसे भविष्य के लिए तैयार शासन मॉडल की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण |
| उद्घाटन की गई इमारत | कर्तव्य भवन – 03 |
| परियोजना का नाम | सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास |
| पहले सीसीएस में मंत्रालय | गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, DoPT, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय |
| नियोजित सीसीएस भवनों की संख्या | 10 |
| सीसीएस 2 और 3 की पूर्णता | अगले महीने |
| सीसीएस 10 का लक्ष्य | अप्रैल 2026 |
| अस्थायी पुनर्स्थापन स्थल | कस्तूरबा गांधी मार्ग, मिंटो रोड, नेताजी पैलेस |
| संरक्षित विरासत भवन | राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन, डॉ. अंबेडकर सभागार, वाणिज्य भवन |
| सेंट्रल विस्टा की लंबाई | विजय चौक से इंडिया गेट तक 3 किमी |
| कर्तव्य पथ नामकरण वर्ष | 2022 |





