भारत में कपास की खेती को सशक्त बनाना
भारत सरकार ने ₹600 करोड़ की कपास क्रांति मिशन (Kapas Kranti Mission) शुरू की है, जिसका उद्देश्य कपास खेती में क्रांति लाना और लंबी रेशा (Long-Staple) कपास उत्पादन को बढ़ावा देना है।
इस मिशन की घोषणा केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने हैदराबाद में की।
यह पहल वैज्ञानिक खेती, तकनीकी अपनाने और किसान सशक्तिकरण पर केंद्रित है, जिससे भारत कपास उत्पादन में आत्मनिर्भर (Atmanirbhar) बन सके।
Static GK Fact: भारत विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 23% योगदान देता है।
मिशन के उद्देश्य
कपास क्रांति मिशन का मुख्य उद्देश्य हाई डेंसिटी प्लांटेशन (High-Density Plantation – HDP) तकनीक को बढ़ावा देना है, जिससे प्रति हेक्टेयर कपास उत्पादन में वृद्धि हो सके।
इसके तहत निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं —
• वैज्ञानिक खेती और जल संसाधनों का कुशल उपयोग
• कपास बिक्री और खरीद के लिए तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म को अपनाना
• किसानों के लिए प्रशिक्षण एवं एक्सपोज़र कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना
• निष्पक्ष बाज़ार प्रणाली के माध्यम से किसानों की आय स्थिरता सुनिश्चित करना
यह पहल “आत्मनिर्भर कृषि दृष्टि (Atmanirbhar Krishi Vision)” के अनुरूप है, जिससे आयातित लंबी रेशा कपास पर निर्भरता कम होगी।
महाराष्ट्र के HDP मॉडल से सीख
महाराष्ट्र के अकोला क्षेत्र को HDP सफलता मॉडल के रूप में माना जा रहा है।
यहाँ के किसानों ने घनी पौध रोपण प्रणाली, विशेष बीज किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से उल्लेखनीय उत्पादन वृद्धि हासिल की है।
कपास क्रांति मिशन के अंतर्गत तेलंगाना के 24 लाख से अधिक कपास किसान इस मॉडल को अपनाएँगे।
अकोला क्षेत्र के अध्ययन दौरे (Exposure Visits) के माध्यम से किसान HDP तकनीक को व्यवहारिक रूप से सीखेंगे। इसके बाद बीज वितरण अभियान और प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।
Static GK Tip: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने HDP तकनीक विकसित की है, जो भूमि उत्पादकता और रेशा गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाती है।
तकनीक के माध्यम से खरीद प्रक्रिया का आधुनिकीकरण
मिशन का एक प्रमुख घटक कपास विपणन का डिजिटलीकरण है।
जल्द ही लॉन्च होने वाला “कपास किसान ऐप (Kapas Kisan App)” किसानों को निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करेगा —
• उत्पादन बेचने के लिए स्लॉट बुकिंग
• लंबी कतारों से मुक्ति
• बिचौलियों की समाप्ति
• पारदर्शी मूल्य निर्धारण प्रणाली
तेलंगाना में दीपावली के बाद 122 खरीद केंद्र (Procurement Centres) और 345 जिनिंग केंद्र (Ginning Centres) संचालित होंगे।
जिला कलेक्टरों, पुलिस और किसान प्रतिनिधियों की समितियाँ निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करेंगी।
वित्तीय सहयोग और कपास खरीद में वृद्धि
सरकारी आँकड़े बताते हैं कि कपास खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है —
• 2004–2014: 173 लाख गांठें (₹24,825 करोड़ मूल्य की)
• 2014–2024: 473 लाख गांठें (₹1.37 लाख करोड़ मूल्य की)
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कुल ₹65,000 करोड़ से अधिक की खरीद की गई, जिसमें ₹58,000 करोड़ केवल तेलंगाना में खर्च हुए।
पिछले एक दशक में कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लगभग दोगुना हुआ है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिला है।
Static GK Fact: भारतीय कपास निगम (CCI) की स्थापना 1970 में की गई थी, जो वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) के अधीन कार्य करता है और किसानों के हितों की रक्षा के लिए MSP के तहत कपास खरीद करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
मिशन का नाम | कपास क्रांति मिशन (Kapas Kranti Mission) |
कुल बजट | ₹600 करोड़ |
लॉन्च स्थान | हैदराबाद |
मुख्य फोकस | हाई-डेंसिटी प्लांटेशन (HDP) और डिजिटल खरीद प्रणाली |
मोबाइल एप्लिकेशन | कपास किसान ऐप |
खरीद केंद्र | दीपावली के बाद 122 केंद्र |
जिनिंग केंद्र | तेलंगाना में 345 केंद्र |
प्रमुख कार्यान्वयन संस्था | भारतीय कपास निगम (CCI) |
लाभान्वित राज्य | तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश |
संबद्ध मंत्री | जी. किशन रेड्डी |