अक्टूबर 31, 2025 5:27 अपराह्न

न्यायमूर्ति सूर्यकांत सर्वोच्च न्यायालय का नेतृत्व करेंगे

चालू घटनाएँ: न्यायमूर्ति सूर्यकांत, 53वें भारत के मुख्य न्यायाधीश, भूषण आर. गवई, नियुक्ति प्रक्रिया, वरिष्ठता परंपरा, भारत का सर्वोच्च न्यायालय, हरियाणा, न्यायिक नेतृत्व, कार्यकाल 2025–2027, संवैधानिक कानून

Justice Surya Kant to Lead the Supreme Court

भारतीय न्यायपालिका में नई नेतृत्व भूमिका

न्यायमूर्ति सूर्यकांत 23 नवंबर 2025 को मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पद ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा, जिससे उन्हें लगभग 14 महीनों तक सर्वोच्च न्यायालय का नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।
यह नियुक्ति न्यायपालिका की पारंपरिक वरिष्ठता प्रणाली को जारी रखती है, जिसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित किया जाता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत का प्रोफ़ाइल

10 फरवरी 1962 को हरियाणा में जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत का उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चयन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि वे राज्य से आने वाले पहले CJI होंगे।
उन्हें 24 मई 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था, इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
संविधान की संतुलित व्याख्या और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए वे न्यायिक समुदाय में अत्यधिक सम्मानित हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की आयु 62 वर्ष होती है।

संक्रमण और न्यायिक निरंतरता

यह संक्रमण CJI गवई की सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद होगा। 23 अक्टूबर 2025 को केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त होने वाले CJI से उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का अनुरोध किया, जिससे औपचारिक प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
स्थापित परंपरा के अनुसार, CJI गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम अनुशंसित किया, उनके कौशल और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के प्रति समर्पण की पुष्टि करते हुए।

CJI गवई की अनुशंसा

मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई ने कहा कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत “न्यायपालिका का नेतृत्व करने के लिए पूर्ण रूप से उपयुक्त और सक्षम हैं।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दोनों का सफर सामाजिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से रहा है, जिससे उन्हें जमीनी न्याय और मानवाधिकारों की गहरी समझ प्राप्त हुई।
यह समर्थन न्यायपालिका की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और स्वतंत्रता को बनाए रखने में न्यायमूर्ति सूर्यकांत की क्षमता पर विश्वास को दर्शाता है।

संभावित प्रमुख प्राथमिकताएँ

न्यायमूर्ति सूर्यकांत से अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायालय प्रणाली के डिजिटल रूपांतरण, मामलों के शीघ्र निपटान, और वंचित समुदायों के लिए न्याय तक पहुँच जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
संवैधानिक नैतिकता और राष्ट्रीय एकता पर उनका बल हालिया न्यायिक सुधारों की दिशा को और सशक्त करेगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को स्थापित किया गया था, जिसने संघीय न्यायालय (Federal Court of India) का स्थान लिया।

व्यापक महत्व

न्यायमूर्ति सूर्यकांत की नियुक्ति क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को बढ़ाती है, जो भारत की संघीय विविधता को दर्शाती है।
उनका कार्यकाल न्यायपालिका की सामाजिक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशीलता को सुदृढ़ करेगा, पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और सुधारोन्मुख नेतृत्व की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, एक राष्ट्रीय आतंक-निरोधक पहल, की सराहना की थी, जो उनके संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांतों के प्रति समर्पण को उजागर करती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
नाम न्यायमूर्ति सूर्यकांत
पद भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश
पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई
पद ग्रहण की तिथि 23 नवंबर 2025 (अपेक्षित)
कार्यकाल समाप्ति 9 फरवरी 2027
राज्य हरियाणा
सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति 24 मई 2019
सेवानिवृत्ति आयु (SC न्यायाधीश) 65 वर्ष
पूर्व पद मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
प्रमुख ध्यान क्षेत्र न्याय तक पहुँच, डिजिटल सुधार, त्वरित मामला निपटान
Justice Surya Kant to Lead the Supreme Court
  1. न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनेंगे।
  2. वह 23 नवंबर 2025 को मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई का स्थान लेंगे।
  3. उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक, लगभग 14 महीने रहेगा।
  4. यह नियुक्ति वरिष्ठता की न्यायिक परंपरा के अनुसार की गई है।
  5. न्यायमूर्ति कांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा में हुआ था।
  6. वह हरियाणा से भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं।
  7. हिमाचल प्रदेश में सेवा देने के बाद 24 मई 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त हुए।
  8. संवैधानिक कानून और सामाजिक न्याय वकालत में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं।
  9. भारत में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है।
  10. सरकार के अनुरोध पर 23 अक्टूबर 2025 को परिवर्तन शुरू हुआ।
  11. मुख्य न्यायाधीश गवई ने कांत की एक सक्षम और जनकेंद्रित नेता के रूप में प्रशंसा की।
  12. उनका लक्ष्य डिजिटल न्यायालय परिवर्तन और त्वरित न्याय प्रदान करना है।
  13. न्याय तक पहुँच और न्यायिक जवाबदेही प्रमुख प्राथमिकताएँ होंगी।
  14. न्यायमूर्ति कांत संवैधानिक नैतिकता और राष्ट्रीय एकता के सिद्धांतों को महत्व देते हैं।
  15. भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को स्थापित हुआ था।
  16. उनका नेतृत्व क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और न्यायिक विविधता को मजबूत करता है।
  17. न्यायपालिका में पारदर्शिता और सुधारोन्मुखी शासन को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
  18. ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से राष्ट्रीय अखंडता से जुड़ने के लिए मान्यता प्राप्त।
  19. उनकी नियुक्ति भारत की न्यायिक स्वतंत्रता और जनता के विश्वास को बढ़ाती है।
  20. न्यायमूर्ति कांत का कार्यकाल सुधारसंचालित न्यायिक आधुनिकीकरण के प्रयासों को जारी रखता है।

Q1. भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में कौन पदभार ग्रहण करेंगे?


Q2. न्यायमूर्ति सूर्यकांत किस राज्य से संबंध रखते हैं?


Q3. न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कार्यकाल मुख्य न्यायाधीश के रूप में कब समाप्त होगा?


Q4. भारत में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति आयु क्या है?


Q5. भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) कब स्थापित हुआ था?


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