दिसम्बर 24, 2025 5:42 अपराह्न

न्यायपालिका और टेक्नोलॉजी में संतुलन ज़रूरी है, CJI ने कहा

करंट अफेयर्स: न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी पर CJI, ई-कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट फेज III, नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड, भारतीय न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन का न्यायपालिका में उपयोग, NLP OCR न्यायपालिका, केस इन्फॉर्मेशन सॉफ्टवेयर FOSS, सुप्रीम कोर्ट डिजिटल सुधार, डीप लर्निंग ज्यूडिशियल बैकलॉग

Judiciary and Technology Need Balance, Says CJI

डिजिटल न्यायपालिका में मूल्य अभी भी मायने रखते हैं

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने हाल ही में हमें याद दिलाया कि हालांकि टेक्नोलॉजी न्यायपालिका को नया आकार दे रही है, लेकिन यह सहानुभूति, विवेक और गहरी न्यायिक सोच जैसे मानवीय मूल्यों की जगह कभी नहीं ले सकती। ये गुण न्याय की रीढ़ हैं, और टेक्नोलॉजी, चाहे कितनी भी एडवांस्ड क्यों न हो, संवैधानिक मूल्यों के दायरे में ही काम करनी चाहिए।

टेक्नोलॉजी अदालतों को कैसे बदल रही है?

भारतीय न्यायपालिका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), और ऑटोमेशन का शक्तिशाली तरीकों से उपयोग करना शुरू कर दिया है। आइए कुछ प्रमुख अनुप्रयोगों को देखें:

ऑटोमेटेड केस हैंडलिंग

ऑटोमेटेड केस मैनेजमेंट के माध्यम से, अदालतें अब स्मार्ट तरीके से शेड्यूल बनाने, लंबित मामलों को प्राथमिकता देने और बैकलॉग को अधिक कुशलता से कम करने में सक्षम हैं। उदाहरण के लिए, डीप लर्निंग एल्गोरिदम मामलों की तात्कालिकता का अनुमान लगाने और उसी के अनुसार संसाधनों को आवंटित करने में मदद करते हैं।

निर्णयों का प्रेडिक्टिव विश्लेषण

ऐतिहासिक केस डेटा का अध्ययन करके, AI उपकरण प्रेडिक्टिव जानकारी दे सकते हैं। यह पैटर्न के आधार पर संभावित परिणामों को समझने में मदद करता है, हालांकि अंतिम निर्णय न्यायाधीश ही लेते हैं।

स्मार्ट डॉक्यूमेंट हैंडलिंग

ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) जैसे उपकरणों के साथ, न्यायपालिका भारी कागजी फाइलों से दूर जा रही है। डिजिटाइज्ड डॉक्यूमेंट अब तेजी से खोज और त्रुटि-मुक्त संदर्भ की अनुमति देते हैं।

छेड़छाड़-प्रूफ रिकॉर्ड के लिए ब्लॉकचेन

न्यायिक जमा रजिस्टरों को सुरक्षित रूप से प्रबंधित करने और रिकॉर्ड में छेड़छाड़ को रोकने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की खोज की जा रही है। इसकी अपरिवर्तनीयता यह सुनिश्चित करती है कि एक बार रिकॉर्ड जुड़ जाने के बाद, उसे बदला नहीं जा सकता।

जनता के लिए AI चैटबॉट

अदालतें AI-संचालित चैटबॉट भी पेश कर रही हैं जो उपयोगकर्ताओं को रीयल-टाइम केस अपडेट, कानूनी जानकारी और प्रक्रियात्मक चरणों में मदद करते हैं। यह विशेष रूप से दूरदराज या कम सेवा वाले क्षेत्रों में उपयोगी है। अदालतों में प्रमुख डिजिटल पहल

ई-कोर्ट प्रोजेक्ट

नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के तहत शुरू किए गए ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के तीन चरण रहे हैं:

  • चरण I (2011-2015): जिला अदालतों का बेसिक कंप्यूटरीकरण
  • चरण II (2015-2023): हाई कोर्ट को टेक प्रोजेक्ट लागू करने के लिए ज़्यादा कंट्रोल दिया गया
  • चरण III: बजट 2023-24 में इन सुधारों को और गहरा करने के लिए 7000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई

NJDG और CIS

नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) देश भर की अदालतों से फैसले, आदेश और केस डेटा इकट्ठा करता है। यह पारदर्शिता की दिशा में एक कदम है। वहीं, केस इन्फॉर्मेशन सॉफ्टवेयर (CIS), जिसे फ्री और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर (FOSS) का इस्तेमाल करके डेवलप किया गया है, जिला और हाई कोर्ट दोनों को सपोर्ट करता है।

जिन चुनौतियों पर अभी भी ध्यान देने की ज़रूरत है

AI में पक्षपात और नैतिकता

सभी टेक अपग्रेड के बावजूद, अगर AI जिस डेटा से सीखता है वह खराब है, तो वह पक्षपात दिखा सकता है। इससे भेदभाव वाले नतीजे आ सकते हैं, जो एक ऐसे सिस्टम के लिए खतरनाक है जिसका मकसद सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।

डेटा सुरक्षा की चिंताएँ

अदालतें संवेदनशील जानकारी संभालती हैं। अगर डिजिटल सिस्टम में सेंध लगती है, तो यह कानूनी सिस्टम में जनता के भरोसे को प्रभावित कर सकता है।

वैधता और कनेक्टिविटी

दूर बैठे गवाहों की पहचान वेरिफाई करना और ग्रामीण इलाकों में स्थिर इंटरनेट सुनिश्चित करना बड़ी बाधाएँ बनी हुई हैं। टेक खराबी से सुनवाई में देरी हो सकती है और फैसले के समय पर असर पड़ सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय क्षेत्र विवरण
ई-कोर्ट्स मिशन मोड परियोजना 2011 में प्रारंभ, 3 चरण, 2023–24 के बजट में ₹7,000 करोड़ की घोषणा
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पूरे भारत में न्यायालयों के डेटा का संग्रह और प्रकाशन
न्यायपालिका में ब्लॉकचेन न्यायिक जमा रिकॉर्ड और छेड़छाड़-रोधी दस्तावेज़ीकरण के लिए उपयोग
ओसीआर और एनएलपी दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण और खोज में सहायता
सीजेआई का दृष्टिकोण सहानुभूति और विवेक अपूरणीय हैं; तकनीक को संविधान का अनुसरण करना चाहिए
सीआईएस सॉफ्टवेयर ज़िला और उच्च न्यायालयों में प्रयुक्त एफओएसएस-आधारित उपकरण
एआई से जुड़ी चुनौतियाँ पक्षपात, डेटा सुरक्षा, पहचान सत्यापन, ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर कनेक्टिविटी
Judiciary and Technology Need Balance, Says CJI
  1. मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने इस बात पर ज़ोर दिया कि टेक्नोलॉजी को सहानुभूति और विवेक जैसे संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए।
  2. न्यायपालिका AI, ML, OCR, NLP और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अपना रही है।
  3. ऑटोमेटेड केस मैनेजमेंट से शेड्यूलिंग, बैकलॉग कम करने और केस को प्राथमिकता देने में सुधार होता है।
  4. मामलों की अर्जेंसी और रिसोर्स एलोकेशन का आकलन करने के लिए डीप लर्निंग का इस्तेमाल किया जाता है।
  5. प्रेडिक्टिव AI टूल्स ऐतिहासिक फैसलों के डेटा के आधार पर संभावित नतीजे बताते हैं।
  6. OCR और NLP टूल्स अदालतों को भारीभरकम फाइलों को डिजिटाइज़ करने और स्मार्ट डॉक्यूमेंट सर्च में मदद करते हैं।
  7. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छेड़छाड़प्रूफ न्यायिक रिकॉर्ड और डिपॉजिट रजिस्टर के लिए किया जाता है।
  8. AI चैटबॉट जनता को रियलटाइम अपडेट और प्रक्रियात्मक मार्गदर्शन में मदद करते हैं।
  9. कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट नेशनल गवर्नेंस प्लान के तहत लॉन्च किया गया था।
  10. पहले चरण (2011–2015) में जिला अदालतों के कंप्यूटरीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
  11. दूसरे चरण (2015–2023) में हाई कोर्ट्स को स्वतंत्र रूप से तकनीकी सुधार लागू करने में सक्षम बनाया गया।
  12. तीसरे चरण को केंद्रीय बजट 2023–24 में गहरे डिजिटलीकरण के लिए ₹7,000 करोड़ मिले
  13. नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) सभी अदालतों से फैसले और केस डेटा इकट्ठा करता है।
  14. केस इंफॉर्मेशन सॉफ्टवेयर (CIS) FOSS का इस्तेमाल कर कोर्ट के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट करता है।
  15. खराब डेटा से AI में पक्षपात हो सकता है, जिससे भेदभावपूर्ण नतीजे सकते हैं।
  16. डेटा सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि अदालतें संवेदनशील कानूनी जानकारी संभालती हैं।
  17. ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की अस्थिरता जैसी समस्याएं डिजिटल सुनवाई में देरी कर सकती हैं।
  18. दूर से गवाहों का वेरिफिकेशन और तकनीकी गड़बड़ियां न्यायिक वैधता को प्रभावित करती हैं।
  19. प्रगति के बावजूद, न्याय वितरण प्रणाली में मानवीय मूल्य आवश्यक हैं।
  20. न्यायपालिका को इनोवेशन और नैतिक शासन के बीच संतुलन बनाना चाहिए।

Q1. न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश की मुख्य चेतावनी क्या है?


Q2. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) का उद्देश्य क्या है?


Q3. 2023–24 के बजट में eCourts परियोजना के किस चरण को 7000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए?


Q4. भारतीय न्यायपालिका में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किस उद्देश्य के लिए खोजा जा रहा है?


Q5. न्यायिक प्रणालियों में AI के उपयोग से जुड़ी एक प्रमुख नैतिक चिंता क्या है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF December 24

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.