जेई कार्यक्रम का विस्तार
तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) टीकाकरण कार्यक्रम को 7 नए ज़िलों में विस्तारित किया है। यह कदम राज्य में बीमारी की रोकथाम को और मज़बूत बनाने की दिशा में अहम है। कुल 27,63,152 बच्चों (1–15 वर्ष आयु वर्ग) को एकल खुराक वाले जेई टीके से कवर किया जाएगा।
लक्षित ज़िले और कवरेज
नए ज़िलों में चेन्नई (पहले से कवर किए गए दो ज़ोन छोड़कर), चेंगलपट्टू, तिरुनेलवेली, तेनकासी, कांचीपुरम, नागपट्टिनम और वेल्लोर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में हाल के वर्षों में मामलों की सूचना मिली थी, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने कवरेज का दायरा बढ़ाया।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत में जापानी इंसेफेलाइटिस का पहला मामला 1955 में वेल्लोर, तमिलनाडु में दर्ज किया गया था।
संस्थानों में क्रियान्वयन
अभियान सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, अनाथालयों और बाल सुधार गृहों में चलाया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि 1–15 आयु वर्ग के अधिकतम संवेदनशील बच्चों तक टीका पहुँचे।
स्टैटिक जीके तथ्य: आंगनवाड़ी केन्द्र 1975 में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के अंतर्गत शुरू किए गए थे।
रोग का बोझ और जोखिम
जापानी इंसेफेलाइटिस एक मच्छर जनित ज़ूनोटिक वायरल रोग है, जो मुख्यतः केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) को प्रभावित करता है। गंभीर मामलों में दौरे, दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल विकलांगता या मृत्यु हो सकती है। चूँकि इसका कोई विशेष उपचार नहीं है, टीकाकरण ही सबसे प्रभावी रोकथाम उपाय है।
स्टैटिक जीके टिप: भारत में जेई का मुख्य वाहक क्यूलेक्स मच्छर है।
तमिलनाडु में ऐतिहासिक क्रियान्वयन
जेई टीकाकरण कार्यक्रम 2007 में शुरू हुआ था, जो पहले 15 स्थानिक ज़िलों में लागू किया गया। समय के साथ राज्य ने प्रकोप के पैटर्न और महामारी विज्ञान संबंधी आँकड़ों के आधार पर दायरा लगातार बढ़ाया।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत में प्रयुक्त जेई टीका SA 14-14-2 है, जो चीन में विकसित एक जीवित दुर्बल (live attenuated) टीका है।
राष्ट्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य
दुनिया भर में दर्ज जेई मामलों का बड़ा हिस्सा भारत से आता है, खासकर पूर्वी और दक्षिणी राज्यों से। नियमित टीकाकरण अभियानों ने उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मामलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी की है।
स्टैटिक जीके तथ्य: जापानी इंसेफेलाइटिस की पहचान सबसे पहले 1871 में जापान में हुई थी और पहला टीका 1941 में पेश किया गया।
निष्कर्ष
तमिलनाडु में जेई टीकाकरण का यह विस्तार इस संभावित घातक बीमारी के बोझ को कम करने की दिशा में एक सक्रिय कदम है। करीब 28 लाख बच्चों को 7 नए ज़िलों में शामिल करना सामूहिक प्रतिरक्षा (herd immunity) को मज़बूत करेगा और भविष्य के प्रकोपों से सुरक्षा प्रदान करेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| रोग | जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) |
| प्रकृति | मच्छर जनित वायरल ज़ूनोटिक रोग |
| प्रभावित प्रणाली | केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) |
| संचरण वाहक | क्यूलेक्स मच्छर |
| आयु वर्ग | 1–15 वर्ष |
| कुल बच्चों की संख्या | 27,63,152 |
| नए शामिल ज़िले | चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुनेलवेली, तेनकासी, कांचीपुरम, नागपट्टिनम, वेल्लोर |
| मौजूदा कवरेज | 2007 से 15 स्थानिक ज़िले |
| प्रयुक्त टीका | SA 14-14-2 जीवित दुर्बल टीका |
| क्रियान्वयन स्थल | सरकारी स्कूल, सहायता प्राप्त स्कूल, आंगनवाड़ी, अनाथालय, बाल सुधार गृह |





