पहली परीक्षण उड़ान की घोषणा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पुष्टि की है कि गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान दिसंबर 2025 में आयोजित की जाएगी। इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने बताया कि मिशन से जुड़ी लगभग 80% महत्वपूर्ण जाँचें पूरी हो चुकी हैं, जो भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
स्थैतिक जीके तथ्य: गगनयान परियोजना को भारत सरकार ने 2018 में ₹10,000 करोड़ के बजट के साथ मंजूरी दी थी।
मिशन परीक्षणों की प्रगति
गगनयान मिशन में कुल 9,000 तकनीकी परीक्षण शामिल हैं। इनमें से 7,700 परीक्षण पूरे हो चुके हैं, जबकि शेष 2,300 मार्च 2026 तक पूरे कर लिए जाएँगे। पहली मानवरहित परीक्षण उड़ान में क्रू एस्केप मैकेनिज़्म, ऑर्बिटल मॉड्यूल और प्रक्षेपण यान की गतिशीलता जैसी प्रणालियों की पुष्टि की जाएगी।
गगनयान के उद्देश्य
इस मिशन का लक्ष्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में अधिकतम 7 दिनों तक भेजना है। इसके लिए मानव–रेटेड जीएसएलवी Mk III (LVM-3) का उपयोग किया जाएगा। यह मिशन भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करेगा।
स्थैतिक जीके टिप: अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन संचालित किए हैं।
इसरो की 2025 की उपलब्धियाँ
अध्यक्ष नारायणन ने बताया कि इसरो ने वर्ष 2025 में 196 माइलस्टोन पूरे किए। प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
- GLEX-2025 में भागीदारी, जहाँ भारत की अंतरिक्ष तकनीकों को वैश्विक समुदाय के सामने प्रदर्शित किया गया।
- उच्च–थ्रस्ट इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली का विकास, जो दीर्घकालिक अंतरग्रहीय मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारत से 6,500-कि.ग्रा. अमेरिकी संचार उपग्रह का प्रक्षेपण, जिससे व्यावसायिक संबंध मजबूत हुए।
- आदित्य–एल1 से प्राप्त 13 टेराबिट सौर डेटा को वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझा करना।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत का अंतरिक्ष सहयोग भी बढ़ रहा है। इसरो ने एक्सिओम-4 मिशन में तकनीकी समर्थन दिया, जिससे मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षेत्र में वैश्विक साझेदारों के साथ कार्य करने की क्षमता प्रदर्शित हुई। ऐसे सहयोग भारत को एक विश्वसनीय अंतरिक्ष साझेदार के रूप में स्थापित करते हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत सोयूज T-11 मिशन में उड़ान भरी थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| पहली गगनयान परीक्षण उड़ान | दिसंबर 2025 में निर्धारित |
| इसरो अध्यक्ष | वी नारायणन |
| कुल परीक्षण | 9,000 |
| पूरे हुए परीक्षण | 7,700 (80%) |
| शेष परीक्षण | 2,300 (मार्च 2026 तक) |
| प्रक्षेपण यान | मानव-रेटेड जीएसएलवी Mk III (LVM-3) |
| मिशन दल | 3 अंतरिक्ष यात्री |
| मिशन अवधि | निम्न पृथ्वी कक्षा में 7 दिन तक |
| प्रमुख उपलब्धि 2025 | GLEX-2025 में भागीदारी |
| अंतरराष्ट्रीय सहयोग | एक्सिओम-4 मिशन में तकनीकी योगदान |





