जुलाई 17, 2025 10:01 अपराह्न

ISRO ने गगनयान मिशन के लिए प्रणोदन प्रणाली का सफल हॉट टेस्ट किया

वर्तमान मामले: इसरो, गगनयान, सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम, हॉट टेस्ट, महेंद्रगिरि, मानव अंतरिक्ष उड़ान, लिक्विड एपोजी मोटर्स, रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, एलपीएससी, कक्षीय युद्धाभ्यास

ISRO validates propulsion system for Gaganyaan with successful hot tests

गगनयान की मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी अंतिम चरण में

3 जुलाई 2025 को इसरो ने गगनयान मिशन के सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (SMPS) का दो हॉट टेस्ट तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में सफलतापूर्वक किया। 8 जुलाई को घोषित परिणामों के अनुसार, प्रणाली ने वास्तविक उड़ानजैसी परिस्थितियों में विश्वसनीय प्रदर्शन किया, जिससे भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

SMPS क्या है और क्यों आवश्यक है?

सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली गगनयान अंतरिक्ष यान के ऑर्बिटल मॉड्यूल का हिस्सा है। यह प्रणाली ऑर्बिटल इंजेक्शन, कक्षा सुधार, और आपातकालीन परित्याग (abortion) संचालन जैसे कई महत्वपूर्ण मिशन कार्यों के लिए आवश्यक है। इसके घटक हैं:

  • 5 लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) – प्रत्येक की थ्रस्ट क्षमता 440 न्यूटन
  • 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर – प्रत्येक की थ्रस्ट 100 न्यूटन
  • दोनों मोड में कार्य करने की क्षमता – Steady-State और Pulsed

Static GK Fact: LAM का उपयोग सबसे पहले 2002 में INSAT-3C मिशन में किया गया था।

3 जुलाई के परीक्षण का विवरण

दो परीक्षण किए गए:

  • 30-सेकंड का लघु अवधि परीक्षण
  • 100-सेकंड का दीर्घ अवधि परीक्षण

दोनों परीक्षणों ने प्रणोदन प्रणाली की विश्वसनीयता और स्थिरता को पुष्टि की। विशेष रूप से 100-सेकंड का परीक्षण सभी RCS और LAM को एक साथ सक्रिय कर वास्तविक मिशन की स्थिति को परखा गया।

100-सेकंड फायरिंग का महत्व

इस दीर्घकालिक परीक्षण ने सिद्ध किया कि:

  • सभी 16 RCS थ्रस्टर एक साथ कार्यशील हो सकते हैं
  • 5 LAM इंजन पूरी क्षमता से कार्य कर सकते हैं
  • दोनों संचालन मोड – निरंतर और स्पंदित – सुचारु रूप से कार्य करते हैं

यह प्रदर्शन गगनयान मिशन के दौरान आवश्यक ऑर्बिटल संचालन और आपातकालीन स्थिति में प्रणाली की सफलता को सुनिश्चित करता है।

Static GK Tip: SMPS का कार्य NASA के अपोलो मिशन के सर्विस मॉड्यूल के समान है, जो अंतरिक्ष में जीवनरक्षा और प्रणोदन सुनिश्चित करता था।

डिजाइन और विकास

इस प्रणाली का विकास ISRO के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) द्वारा किया गया है। परीक्षण में प्रयुक्त हार्डवेयर अंतिम उड़ान मॉडल के बहुत निकट था, जिससे आगे की पूर्ण अवधि योग्यता परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

गगनयान: भारत का मानव अंतरिक्ष यान मिशन

गगनयान का लक्ष्य है 3 सदस्यीय चालक दल को 7 दिनों तक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजना। यह भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान सक्षम देश बनाएगा। SMPS के सफल परीक्षण के बाद अब ध्यान अंतरिक्ष यान के समेकित परीक्षणों और अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा।

Static GK Fact: केवल तीन देशोंअमेरिका, रूस, चीन – ने अब तक स्वतंत्र रूप से मानव को अंतरिक्ष में भेजा है।

Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)

विषय विवरण
परीक्षण तिथि 3 जुलाई 2025
स्थान ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि, तमिलनाडु
परीक्षण प्रणाली सेवा मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (SMPS)
LAM इंजन की संख्या 5 (प्रत्येक 440 न्यूटन थ्रस्ट)
RCS थ्रस्टर की संख्या 16 (प्रत्येक 100 न्यूटन थ्रस्ट)
परीक्षण अवधि 30 सेकंड और 100 सेकंड
विकास केंद्र लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC)
लक्ष्य कक्षा लो अर्थ ऑर्बिट (LEO)
अंतरिक्ष यात्री क्षमता 3 सदस्यीय चालक दल
तुलनीय देश अमेरिका, रूस, चीन
ISRO validates propulsion system for Gaganyaan with successful hot tests
  1. इसरो ने 3 जुलाई, 2025 को सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) के सफल हॉट टेस्ट किए।
  2. ये परीक्षण इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि, तमिलनाडु में आयोजित किए गए।
  3. SMPS भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन – गगनयान के लिए महत्वपूर्ण है।
  4. इस प्रणाली में 5 लिक्विड एपोजी मोटर्स (LAM) और 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर्स शामिल हैं।
  5. प्रत्येक LAM 440 न्यूटन उत्पन्न करता है और प्रत्येक RCS थ्रस्टर 100 न्यूटन थ्रस्ट प्रदान करता है।
  6. 30-सेकंड और 100-सेकंड के परीक्षण ने उड़ान जैसी परिस्थितियों में सिस्टम के प्रदर्शन की पुष्टि की।
  7. 100-सेकंड के परीक्षण ने सभी LAM और RCS थ्रस्टर्स के एक साथ संचालन को मान्य किया।
  8. इसरो ने 8 जुलाई, 2025 को आधिकारिक परिणाम जारी किए, जिसमें पुष्टि की गई कि सभी मानदंड अपेक्षाओं पर खरे उतरे।
  9. गगनयान का लक्ष्य 3-सदस्यीय चालक दल को 7 दिनों तक के लिए निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में भेजना है।
  10. परीक्षणों ने कक्षीय पैंतरेबाज़ी, प्रक्षेप पथ सुधार और निरस्तीकरण क्षमताओं में प्रगति को चिह्नित किया।
  11. प्रणोदन प्रणाली स्थिर-अवस्था और स्पंदित दोनों प्रकार के संचालन का समर्थन करती है।
  12. LPSC (द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र) ने SMPS का डिज़ाइन और विकास किया।
  13. पहले के परीक्षण फीडबैक के आधार पर SMPS में सुधार किए गए।
  14. स्थैतिक सामान्य ज्ञान: LAM का पहली बार 2002 में भारत के INSAT-3C मिशन में उपयोग किया गया था।
  15. नासा के अपोलो मिशनों में जीवन रक्षक और प्रणोदन के लिए एक समान सेवा मॉड्यूल था।
  16. इस दौर में प्रयुक्त हार्डवेयर अंतिम उड़ान विन्यास से काफी मेल खाता है।
  17. भारत स्वतंत्र रूप से मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाला चौथा देश बनने के लिए तैयार है।
  18. स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान वाले देश: अमेरिका, रूस, चीन।
  19. ये परीक्षण इसरो का ध्यान पूर्ण-अवधि योग्यता परीक्षणों और अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण पर केंद्रित करते हैं।
  20. गगनयान स्वतंत्र अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।

Q1. गगनयान मिशन में सर्विस मॉड्यूल प्रपल्शन सिस्टम (SMPS) का मुख्य कार्य क्या है?


Q2. ISRO द्वारा 3 जुलाई 2025 को SMPS के हॉट परीक्षण कहाँ किए गए?


Q3. गगनयान के SMPS में कितने लिक्विड एपोजी मोटर (LAMs) शामिल हैं?


Q4. गगनयान प्रपल्शन सिस्टम के विकास के लिए ISRO का कौन-सा केंद्र जिम्मेदार है?


Q5. भारत का गगनयान मिशन ऐतिहासिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है?


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