गगनयान की मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी अंतिम चरण में
3 जुलाई 2025 को इसरो ने गगनयान मिशन के सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (SMPS) का दो हॉट टेस्ट तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में सफलतापूर्वक किया। 8 जुलाई को घोषित परिणामों के अनुसार, प्रणाली ने वास्तविक उड़ान–जैसी परिस्थितियों में विश्वसनीय प्रदर्शन किया, जिससे भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
SMPS क्या है और क्यों आवश्यक है?
सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली गगनयान अंतरिक्ष यान के ऑर्बिटल मॉड्यूल का हिस्सा है। यह प्रणाली ऑर्बिटल इंजेक्शन, कक्षा सुधार, और आपातकालीन परित्याग (abortion) संचालन जैसे कई महत्वपूर्ण मिशन कार्यों के लिए आवश्यक है। इसके घटक हैं:
- 5 लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) – प्रत्येक की थ्रस्ट क्षमता 440 न्यूटन
- 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर – प्रत्येक की थ्रस्ट 100 न्यूटन
- दोनों मोड में कार्य करने की क्षमता – Steady-State और Pulsed
Static GK Fact: LAM का उपयोग सबसे पहले 2002 में INSAT-3C मिशन में किया गया था।
3 जुलाई के परीक्षण का विवरण
दो परीक्षण किए गए:
- 30-सेकंड का लघु अवधि परीक्षण
- 100-सेकंड का दीर्घ अवधि परीक्षण
दोनों परीक्षणों ने प्रणोदन प्रणाली की विश्वसनीयता और स्थिरता को पुष्टि की। विशेष रूप से 100-सेकंड का परीक्षण सभी RCS और LAM को एक साथ सक्रिय कर वास्तविक मिशन की स्थिति को परखा गया।
100-सेकंड फायरिंग का महत्व
इस दीर्घकालिक परीक्षण ने सिद्ध किया कि:
- सभी 16 RCS थ्रस्टर एक साथ कार्यशील हो सकते हैं
- 5 LAM इंजन पूरी क्षमता से कार्य कर सकते हैं
- दोनों संचालन मोड – निरंतर और स्पंदित – सुचारु रूप से कार्य करते हैं
यह प्रदर्शन गगनयान मिशन के दौरान आवश्यक ऑर्बिटल संचालन और आपातकालीन स्थिति में प्रणाली की सफलता को सुनिश्चित करता है।
Static GK Tip: SMPS का कार्य NASA के अपोलो मिशन के सर्विस मॉड्यूल के समान है, जो अंतरिक्ष में जीवनरक्षा और प्रणोदन सुनिश्चित करता था।
डिजाइन और विकास
इस प्रणाली का विकास ISRO के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) द्वारा किया गया है। परीक्षण में प्रयुक्त हार्डवेयर अंतिम उड़ान मॉडल के बहुत निकट था, जिससे आगे की पूर्ण अवधि योग्यता परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
गगनयान: भारत का मानव अंतरिक्ष यान मिशन
गगनयान का लक्ष्य है 3 सदस्यीय चालक दल को 7 दिनों तक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजना। यह भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान सक्षम देश बनाएगा। SMPS के सफल परीक्षण के बाद अब ध्यान अंतरिक्ष यान के समेकित परीक्षणों और अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा।
Static GK Fact: केवल तीन देशों – अमेरिका, रूस, चीन – ने अब तक स्वतंत्र रूप से मानव को अंतरिक्ष में भेजा है।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
परीक्षण तिथि | 3 जुलाई 2025 |
स्थान | ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि, तमिलनाडु |
परीक्षण प्रणाली | सेवा मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (SMPS) |
LAM इंजन की संख्या | 5 (प्रत्येक 440 न्यूटन थ्रस्ट) |
RCS थ्रस्टर की संख्या | 16 (प्रत्येक 100 न्यूटन थ्रस्ट) |
परीक्षण अवधि | 30 सेकंड और 100 सेकंड |
विकास केंद्र | लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) |
लक्ष्य कक्षा | लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) |
अंतरिक्ष यात्री क्षमता | 3 सदस्यीय चालक दल |
तुलनीय देश | अमेरिका, रूस, चीन |