पब्लिक सेफ्टी में AI का बढ़ता इस्तेमाल
क्राउड कंट्रोल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाने से भारत में बड़ी भीड़ को मॉनिटर करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। तमिलनाडु पुलिस ने तिरुवन्नामलाई में कार्तिगई दीपम फेस्टिवल के दौरान इस सिस्टम को लागू किया, जहाँ हर साल लाखों भक्त हिस्सा लेते हैं। इस टेक्नोलॉजी से तेज़ी से फैसले लेने और बेहतर कोऑर्डिनेशन में मदद मिली।
स्टैटिक GK फैक्ट: तमिलनाडु में भारत की सबसे पुरानी मॉडर्न पुलिस फोर्स में से एक है, जिसे 1659 में मद्रास प्रेसीडेंसी के दौरान बनाया गया था।
AI ने स्मार्ट क्राउड मॉनिटरिंग कैसे की
AI सिस्टम को मंदिर, गिरिवलम रास्ते और खास जंक्शनों के आसपास लगे सैकड़ों CCTV कैमरों के साथ इंटीग्रेट किया गया था। इसने क्राउड डेंसिटी, मूवमेंट पैटर्न और कंजेशन पॉइंट्स का पता लगाने के लिए लाइव विज़ुअल्स को एनालाइज़ किया। जब 4-5 लोग एक स्क्वेयर मीटर जगह घेरते थे, तो सिस्टम तुरंत अलर्ट भेजता था। इस लिमिट से अधिकारियों को भीड़ के खतरनाक होने से पहले बचाव के कदम उठाने में मदद मिली।
एक्यूरेसी और डेटा-ड्रिवन कमांड डिसीजन
सिस्टम ने अलग-अलग जगहों पर लोगों और गाड़ियों की संख्या के बारे में लगभग 95% सही रीडिंग दी। इस एक्यूरेसी ने रियल टाइम में पुलिस टीमों, मेडिकल यूनिट्स और ट्रैफिक डायवर्जन को तैनात करने में मदद की। डेटा-बेस्ड भीड़ के अनुमानों ने अधिकारियों को मुश्किलों पर रिएक्ट करने के बजाय पहले से काम करने में मदद की।
स्टैटिक GK टिप: भारत का नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) शहरों के लिए देश भर में CCTV-बेस्ड सर्विलांस सिस्टम मैनेज करता है।
दीपम 2025 ऐप के ज़रिए टेक इंटीग्रेशन
दीपम 2025 मोबाइल ऐप ने पब्लिक कम्युनिकेशन में अहम भूमिका निभाई। इसने मेडिकल कैंप, एम्बुलेंस की उपलब्धता, खाना बांटने की जगहों, खोया-पाया मदद और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबरों के बारे में रियल-टाइम डिटेल्स शेयर कीं। इससे यह पक्का हुआ कि भक्त सिर्फ़ फिजिकल अनाउंसमेंट पर निर्भर हुए बिना जानकारी पाते रहें। ऐप ने घबराहट कम की और लोगों की पूरी आवाजाही को बेहतर बनाया। ट्रैफिक और गाड़ियों के फ्लो में सुधार
AI-बेस्ड मॉनिटरिंग ने त्योहार के दौरान गाड़ियों के रेगुलेशन को भी बेहतर बनाया। लाइव ट्रैफिक विज़ुअल्स का इस्तेमाल करके, सिस्टम ने रुकावटों की पहचान की और अधिकारियों को गाड़ियों को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए गाइड किया। इस मॉडल ने वन-वे रूट प्लान करने, गैर-कानूनी पार्किंग की पहचान करने और पीक प्रेशर पॉइंट्स का अनुमान लगाने में मदद की।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत में पहला ऑटोमेटेड ट्रैफिक सिग्नल 1953 में चेन्नई में लगाया गया था।
संभावित खतरों को रोकना
AI फ्रेमवर्क ने भीड़ में अचानक बढ़ोतरी के दौरान तुरंत दखल देने में मदद की। अलर्ट ने पुलिस को अलग-अलग एंट्री प्लान करने, बैरिकेड्स को मैनेज करने और दूसरे रास्ते खोलने में मदद की। ऐसे प्रेडिक्टिव टूल भगदड़ जैसे खतरों को काफी कम करते हैं, खासकर बड़े धार्मिक आयोजनों में।
स्टैटिक GK टिप: नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) भीड़ मैनेजमेंट को बड़े जमावड़े की सेफ्टी गाइडलाइंस का एक अहम हिस्सा मानती है।
स्मार्ट फेस्टिवल मैनेजमेंट की ओर बढ़ना
तमिलनाडु की पहल दिखाती है कि AI बड़े जमावड़ों के दौरान पब्लिक सेफ्टी को कैसे बदल सकता है। तिरुवन्नामलाई डिप्लॉयमेंट की सफलता से उम्मीद है कि महामहम, थिरुवैयारु फेस्टिवल और मरीना बीच पर नए साल की पार्टियों जैसे दूसरे बड़े इवेंट्स में भी इसी तरह के इंटीग्रेशन को बढ़ावा मिलेगा। यह मॉडल पब्लिक जगहों पर स्मार्ट गवर्नेंस की तरफ भारत के बढ़ते कदम को दिखाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम | कार्तिगई दीபम् उत्सव भीड़ प्रबंधन |
| राज्य | तमिलनाडु |
| उपयोग की गई तकनीक | एआई आधारित भीड़ और वाहन मॉनिटरिंग |
| सटीकता स्तर | लगभग 95% (लोगों और वाहनों की गणना) |
| मॉनिटरिंग उपकरण | CCTV-इंटीग्रेटेड एआई सिस्टम |
| अलर्ट सिस्टम | भीड़ घनत्व 4–5 व्यक्ति प्रति वर्ग मीटर पर अलर्ट |
| सार्वजनिक ऐप | दीपम् 2025 मोबाइल एप्लिकेशन |
| ऐप पर उपलब्ध सेवाएँ | मेडिकल, एम्बुलेंस, भोजन केंद्र, आपातकालीन सहायता |
| कार्यान्वयन क्षेत्र | मंदिर परिसर और गिरिवलम मार्ग |
| शासन प्रभाव | वास्तविक-समय निर्णय-निर्माण और सुरक्षा प्रबंधन में सुधार |





