अक्टूबर 21, 2025 3:59 पूर्वाह्न

आईएनएस अरावली का जलावतरण, भारतीय नौसेना की उपस्थिति को मज़बूत करेगा

चालू घटनाएँ: INS Aravali, भारतीय नौसेना, समुद्री क्षेत्र जागरूकता (MDA), हिंद महासागर क्षेत्र, गुरुग्राम, एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, MAHASAGAR दृष्टि, कैप्टन सचिन कुमार सिंह, नौसैनिक सुरक्षा, सूचना प्रभुत्व

INS Aravali Commissioned Strengthening Indian Naval Presence

कमीशनिंग समारोह

12 सितंबर 2025 को गुरुग्राम, हरियाणा में भारतीय नौसेना ने INS Aravali को कमीशन किया।

  • समारोह का नेतृत्व एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी (Chief of Naval Staff) ने किया।
  • उपस्थित: वाइस एडमिरल संजय वात्सायन और वाइस एडमिरल तरुण सोबती।
  • 50-सदस्यीय गार्ड ऑफ ऑनर ने CNS का स्वागत किया।
  • कैप्टन सचिन कुमार सिंह (प्रथम कमांडिंग ऑफिसर) ने कमीशनिंग वारंट पढ़ा।
  • नेवल एंसेन राष्ट्रीय गान के साथ फहराया गया और श्रीमती शशि त्रिपाठी (NWWA अध्यक्ष) ने कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण किया।

नाम का प्रतीकात्मक अर्थ

जहाज का नाम अरावली पर्वतमाला पर रखा गया है, जो विश्व की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। यह नाम सहनशीलता, सतर्कता और शक्ति का प्रतीक है – जो समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए आवश्यक गुण हैं।

स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य

अरावली पर्वतमाला गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली है और यह रेगिस्तान के विस्तार को रोकने वाली प्राकृतिक बाधा है।

सामरिक महत्व

  • INS Aravali तकनीकी रूप से संचालित नौसैनिक अभियानों और प्रशासनिक सहयोग का केंद्र है।
  • यह भारत के Maritime Domain Awareness (MDA) ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • कार्य: हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में रीयलटाइम निगरानी और संचार
  • यह भारत की MAHASAGAR दृष्टि (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) से जुड़ा है, जो सहयोगी समुद्री सुरक्षा और विकास पर बल देती है।

ध्येय व प्रतीक चिह्न (Motto & Crest)

  • ध्येय वाक्य: “Maritime Security through Collaboration”
  • प्रतीक चिन्ह:
    • पर्वत: धैर्य और सहनशीलता का प्रतीक।
    • उदयमान सूर्य: सतर्कता, संचार विकास और तकनीकी दृढ़ता का प्रतीक।

समुद्री क्षेत्र जागरूकता को मज़बूत करना

INS Aravali भारत की कमान, नियंत्रण और संचार क्षमताओं को बढ़ाता है। इससे:

  • हिंद महासागर में समुद्री मार्गों की निगरानी
  • क्षेत्रीय और वैश्विक साझेदारों के साथ समुद्री स्थितिजन्य जागरूकता।
  • नेटवर्कसेंट्रिक युद्ध तैयारी, जिससे भारत को तकनीकी बढ़त मिलती है।

स्थिर सामान्य ज्ञान टिप

भारत का Exclusive Economic Zone (EEZ) विश्व में सबसे बड़े EEZ में से एक है – 2.37 मिलियन वर्ग किमी, जिससे MDA सुरक्षा और संसाधन संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

व्यापक निहितार्थ

  • यह कमीशनिंग भारत की भूमिका को भारतीय महासागर में पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में और मज़बूत करती है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ समन्वय बेहतर होगा।
  • खतरों के खिलाफ निवारण क्षमता बढ़ेगी।
  • यह भारत की ब्लू इकॉनमी (Blue Economy) से जुड़े हितों को सुरक्षित करने में मददगार है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
कमीशंड बेस INS Aravali
कमीशनिंग तिथि 12 सितम्बर 2025
स्थान गुरुग्राम, हरियाणा
मुख्य अतिथि एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी
प्रथम कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन कुमार सिंह
ध्येय वाक्य Maritime Security through Collaboration
नामकरण अरावली पर्वतमाला
प्रमुख भूमिका समुद्री क्षेत्र जागरूकता और संचार प्रणाली मज़बूत करना
रणनीतिक दृष्टि MAHASAGAR – Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions
प्रतीक चिन्ह पर्वत (धैर्य), उदयमान सूर्य (सतर्कता व विकास)

 

INS Aravali Commissioned Strengthening Indian Naval Presence
  1. आईएनएस अरावली का जलावतरण 12 सितंबर 2025 को गुरुग्राम में किया गया।
  2. एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने जलावतरण समारोह का नेतृत्व किया।
  3. कैप्टन सचिन कुमार सिंह जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर बने।
  4. जहाज का नाम अरावली पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है, जो लचीलेपन का प्रतीक है।
  5. आईएनएस अरावली के माध्यम से समुद्री डोमेन जागरूकता (एमडीए) को मज़बूत किया जाएगा।
  6. यह बेस क्षेत्रीय विकास और सुरक्षा के लिए महासागर के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  7. इसका आदर्श वाक्य “सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा” है।
  8. हिंद महासागर में समुद्री मार्गों की निगरानी में सुधार किया जाएगा।
  9. नेटवर्क-केंद्रित युद्ध तत्परता भारत की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएगी।
  10. रीयल-टाइम संचार प्रणालियाँ आधुनिक समुद्री खतरों का मुकाबला करेंगी।
  11. अरावली पर्वत श्रृंखला चार राज्यों में फैली हुई है, जो एक प्राकृतिक अवरोध के रूप में कार्य करती है।
  12. भारत का अनन्य आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) 2.37 मिलियन वर्ग किमी में फैला है।
  13. साझा समुद्री खुफिया जानकारी से सहयोगियों और साझेदारों को लाभ होगा।
  14. यह बेस महासागरों में सहयोगात्मक रक्षा पहलों को बढ़ावा देता है।
  15. वैश्विक संसाधन संरक्षण मज़बूत समुद्री निगरानी पर निर्भर करता है।
  16. एडमिरल के भाषण में नौसैनिक अभियानों में लचीलेपन और सतर्कता पर प्रकाश डाला गया।
  17. शिखर पर उगता सूरज संचार विकास और तत्परता का प्रतीक है।
  18. तकनीकी एकीकरण समुद्री क्षेत्र निगरानी की कुंजी है।
  19. यह कमीशनिंग एक सुरक्षा साझेदार के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
  20. सुरक्षित समुद्री मार्गों के माध्यम से नीली अर्थव्यवस्था के हितों का समर्थन किया जाता है।

Q1. आईएनएस अरावली को 12 सितम्बर 2025 को कहाँ कमीशन किया गया?


Q2. आईएनएस अरावली के कमीशनिंग समारोह के मुख्य अतिथि कौन थे?


Q3. आईएनएस अरावली का नाम किस भौगोलिक स्थलाकृति पर रखा गया है?


Q4. आईएनएस अरावली का ध्येय वाक्य (Motto) क्या है?


Q5. आईएनएस अरावली किस रणनीतिक दृष्टि (Strategic Vision) के अनुरूप है?


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