अगस्त 6, 2025 2:04 अपराह्न

INS अर्नाला भारतीय नौसेना में शामिल

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Arnala Joins Indian Navy

भारत का पहला ASW शैलो वॉटर क्राफ्ट कमीशन

18 जून 2025 को भारत ने अपनी नौसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जब INS अर्नाला नामक पहला एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) कमीशन किया गया। यह समारोह विशाखापट्टनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की अध्यक्षता में हुआ। यह भारत की तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है।

अर्नाला को क्या बनाता है खास?

INS अर्नाला, ASW-SWC वर्ग के 16 जहाजों में पहला है। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत GRSE (गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स) और एलएंडटी शिपबिल्डर्स द्वारा तैयार किया गया है। इसे 8 मई 2025 को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। यह रक्षा निर्माण में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की साझेदारी की मिसाल पेश करता है।

स्वदेशी शक्ति और आर्थिक लाभ

INS अर्नाला की खास बात यह है कि इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और MEIL जैसे बड़े भारतीय रक्षा उद्योगों के साथ 55 से अधिक MSMEs ने इसके निर्माण में योगदान दिया। यह परियोजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार और कौशल विकास में भी मदद करती है।

प्रदर्शन और परिशुद्धता के लिए बना जहाज

यह जहाज 77.6 मीटर लंबा और 1490 टन से अधिक भारी है। यह भारत का सबसे बड़ा युद्धपोत है जो डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से चलता है। इसे सबमरीन खतरों, राहत कार्यों, और न्यून स्तर की समुद्री गश्त के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी वॉटरजेट प्रणाली इसे उथले पानी में भी चपलता प्रदान करती है।

ऐतिहासिक नाम की प्रेरणा

INS अर्नाला का नाम महाराष्ट्र के वसई के पास स्थित अर्नाला किले पर रखा गया है, जिसे 1737 में मराठाओं द्वारा वैतरणा नदी और कोंकण तट की रक्षा के लिए बनाया गया था। यह नाम भारत की समुद्री विरासत और मराठा नौसेनिक दूरदर्शिता को सम्मानित करता है।

प्रतीक और आदर्श वाक्य

अर्नाला का प्रतीक नीले पृष्ठभूमि पर एक स्टाइलाइज्ड ऑगर शेल है, जो सतर्कता, साहस और समुद्री प्रभुत्व का प्रतीक है। इसका आदर्श वाक्य अर्णवे शौर्यम्” है, जिसका अर्थ है – सागर में शौर्य”। यह वाक्य एक ऐसे युद्धपोत के लिए उपयुक्त है जो भारतीय समुद्री सीमाओं की रक्षा करेगा।

भारत की तटीय सुरक्षा को नई मजबूती

INS अर्नाला का कमीशनिंग सिर्फ एक और जहाज जोड़ना नहीं है, बल्कि यह भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता और हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक प्रभुत्व को सशक्त करने का संकेत है। जैसे-जैसे इस क्षेत्र में भूराजनीतिक तनाव बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे अर्नाला जैसे प्लेटफॉर्म भारत की सुरक्षा रणनीति को और मजबूत करते हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पोत का नाम INS अर्नाला
प्रकार एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC)
कमीशनिंग तिथि 18 जून 2025
स्थान नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम
निर्माणकर्ता GRSE और L&T (PPP मॉडल में)
स्वदेशी योगदान 80% से अधिक
प्रमुख योगदानकर्ता BEL, L&T, महिंद्रा डिफेंस, MEIL
इस वर्ग के जहाजों की संख्या 16
लंबाई 77.6 मीटर
वजन 1490+ टन
प्रणोदन प्रणाली डीज़ल इंजन-वॉटरजेट संयोजन
ऐतिहासिक संदर्भ अर्नाला किला (1737 में मराठाओं द्वारा निर्मित)
आदर्श वाक्य अर्णवे शौर्यम् – सागर में शौर्य
प्रतीक चिन्ह स्टाइलाइज्ड ऑगर शेल
MSME भागीदारी 55+ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम
रणनीतिक क्षेत्र हिंद महासागर क्षेत्र
संबंधित योजना मेक इन इंडिया – रक्षा निर्माण
महत्वपूर्ण स्थैतिक तथ्य अर्नाला किला वसई तट, महाराष्ट्र के पास स्थित है
Arnala Joins Indian Navy

1.     आईएनएस अर्नाला को 18 जून 2025 को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया।

2.     यह अपनी श्रेणी का पहला पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले पानी का जहाज (ASW-SWC) है।

3.     कमीशनिंग का नेतृत्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने किया।

4.     जीआरएसई और एलएंडटी शिपबिल्डर्स ने अर्नाला का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत किया।

5.     कमीशनिंग से पहले, जहाज को 8 मई 2025 को नौसेना को सौंप दिया गया।

6.     अर्नाला में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है, जो भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को दर्शाती है।

7.     बीईएल, एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और एमईआईएल जहाज की प्रणालियों में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।

8.     55 से अधिक एमएसएमई ने भाग लिया, जिससे रक्षा उत्पादन में एमएसएमई की भागीदारी पर प्रकाश डाला गया।

9.     यह जहाज 77.6 मीटर लंबा है और इसका वजन 1490+ टन है।

10.  यह एक अद्वितीय डीजल इंजन-वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करता है, जो भारतीय युद्धपोतों में पहली बार इस्तेमाल किया गया है।

11.  इसे पनडुब्बी का पता लगाने, तटीय गश्त और बचाव कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

12.  इस जहाज का नाम 1737 में मराठों द्वारा निर्मित अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है।

13.  अर्नाला किला वैतरणा नदी और कोंकण तट की रक्षा करता था।

14.  इसके शिखर पर एक स्टाइलिश ऑगर शेल अंकित है, जो लचीलेपन और प्रभुत्व का प्रतीक है।

15.  इसका आदर्श वाक्य “अर्णवे शौर्यम” का अर्थ “समुद्र में वीरता” है।

16.  आईएनएस अर्नाला भारतीय नौसेना के लिए नियोजित 16 एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाजों में से पहला है।

17.  यह जहाज हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर भारत के रणनीतिक फोकस को दर्शाता है।

18.  यह स्थानीय रक्षा उत्पादन के माध्यम से मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करता है।

19.  यह भारत की तटीय निगरानी और समुद्री तत्परता को बढ़ाता है।

20. यह आधुनिक नौसैनिक क्षमता और क्षेत्रीय सुरक्षा शक्ति में एक मील का पत्थर है।

Q1. INS अर्नाला को जून 2025 में भारतीय नौसेना में कहाँ शामिल किया गया था?


Q2. INS अर्नाला को पीपीपी मॉडल (PPP) के तहत किन दो कंपनियों ने मिलकर निर्मित किया?


Q3. INS अर्नाला में कौन-सी प्रणोदन प्रणाली (propulsion system) का उपयोग किया गया है?


Q4. INS अर्नाला का आदर्श वाक्य (motto) क्या है?


Q5. INS अर्नाला का नाम एक ऐतिहासिक किले के नाम पर रखा गया है, जिसे भारत की किस शक्ति द्वारा बनाया गया था?


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