शैक्षणिक संबंधों को मज़बूती
18 सितंबर 2025 को आईआईटी कानपुर और वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी (VNU) ने शैक्षणिक और शोध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता नई दिल्ली में दोनों संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हुआ। यह कदम भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत शैक्षणिक कूटनीति और वियतनाम के तकनीक एवं शोध तक पहुँच बढ़ाने के प्रयासों को उजागर करता है।
सहयोग के उद्देश्य
एमओयू का फोकस संयुक्त शोध, संकाय और छात्र विनिमय तथा प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में नवाचार पर है। इसका उद्देश्य सामाजिक–आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देना भी है। छात्र गतिशीलता, प्रशिक्षण कार्यशालाएँ और अधोसंरचना का साझा उपयोग दोनों देशों के शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करेंगे।
स्थिर जीके तथ्य: आईआईटी कानपुर की स्थापना 1959 में कानपुर इंडो-अमेरिकन प्रोग्राम (KIAP) के तहत नौ अमेरिकी विश्वविद्यालयों की सहायता से हुई थी।
शोध के प्रमुख क्षेत्र
स्वास्थ्य सेवा में एआई
चिकित्सा निदान प्रणालियों और अस्पताल तकनीक के लिए एआई का उपयोग किया जाएगा। शोध का लक्ष्य वियतनाम की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप अधोसंरचना बनाना है।
शिक्षा और शोध में एआई
संयुक्त कार्य अनुकूली शिक्षण उपकरणों और अंग्रेज़ी तथा वियतनामी सीखने वालों के लिए भाषा तकनीकों पर केंद्रित होगा।
स्मार्ट सिटी विकास
दोनों संस्थान शहरी योजना, यातायात निगरानी और पर्यावरण प्रबंधन में एआई आधारित मॉडल पर सहयोग करेंगे।
स्थिर जीके तथ्य: भारत सरकार ने 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन शुरू किया था, जिसके तहत 100 स्मार्ट शहर विकसित किए जाने हैं।
अधोसंरचना और सामग्री नवाचार
नागरिक अभियंत्रण परियोजनाओं में संरचनात्मक दोषों की निगरानी के लिए उन्नत एआई का उपयोग किया जाएगा। कार्बन–कार्बन सामग्री के अनुप्रयोगों पर संयुक्त अध्ययन रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को सहयोग देगा।
ड्रोन तकनीक
आपदा प्रबंधन ड्रोन और सटीक कृषि ड्रोन पर शोध इस एमओयू का प्रमुख हिस्सा होगा। इन ड्रोन का उद्देश्य बचाव कार्यों में सुधार और कृषि उत्पादकता बढ़ाना है।
स्थिर जीके तथ्य: वियतनाम ASEAN का सदस्य है और भारत 2012 से ASEAN का रणनीतिक साझेदार है।
रणनीतिक महत्व
यह एमओयू भारत–वियतनाम सहयोग को तकनीक और शिक्षा में गहराई देता है। भारत के लिए यह दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रभाव बढ़ाता है, जबकि वियतनाम को एआई और नवाचार में आईआईटी की विशेषज्ञता तक पहुँच मिलती है। यह मानव संसाधन विकास और तकनीकी हस्तांतरण में भी योगदान देगा, जो दोनों देशों के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए थे, जो 50 से अधिक वर्षों की साझेदारी को दर्शाते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
शामिल संस्थान | आईआईटी कानपुर और वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी |
एमओयू हस्ताक्षर की तिथि | 18 सितंबर 2025 |
हस्ताक्षर स्थान | नई दिल्ली |
सहयोग के मुख्य क्षेत्र | एआई, स्वास्थ्य, स्मार्ट सिटी, ड्रोन तकनीक, अधोसंरचना निगरानी, सामग्री नवाचार |
वियतनामी प्रतिनिधि | डॉ. गुयेन थु हुआंग (उप-रेक्टर), प्रो. गुयेन दिन्ह डुक (डीन, सिविल इंजीनियरिंग) |
नीति संरेखण | एक्ट ईस्ट पॉलिसी |
रणनीतिक फोकस | शोध सहयोग, छात्र एवं संकाय विनिमय, तकनीकी हस्तांतरण |
भारत तथ्य | आईआईटी कानपुर की स्थापना 1959 (KIAP के तहत) |
वियतनाम तथ्य | ASEAN सदस्य, भारत की क्षेत्रीय साझेदारी में भागीदार |
व्यापक महत्व | भारत–वियतनाम शैक्षणिक और तकनीकी संबंधों को मज़बूत करना |